Uttarakhand UCC : उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप को पहली कानूनी मान्यता एक कपल का पंजीकरण मंजूर !
February 6, 2025 2025-02-06 8:13Uttarakhand UCC : उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप को पहली कानूनी मान्यता एक कपल का पंजीकरण मंजूर !
Uttarakhand UCC : उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप को पहली कानूनी मान्यता एक कपल का पंजीकरण मंजूर !
Uttarakhand UCC : उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद पहली बार किसी
जोड़े को लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के लिए कानूनी मान्यता मिल गई है देहरादून जिले से
आवेदन करने वाले इस जोड़े का पंजीकरण आधिकारिक रूप से कर लिया गया है !

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (UCC) लागू होने के बाद पहली बार किसी जोड़े को
लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के लिए कानूनी मान्यता मिल गई है. देहरादून जिले से
आवेदन करने वाले इस जोड़े का पंजीकरण आधिकारिक रूप से कर लिया गया है
इसके साथ ही राज्य में लिव-इन रिलेशनशिप का कानूनी पंजीकरण शुरू हो गया है
जो उत्तराखंड में एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है. उत्तराखंड में UCC लागू
होने के बाद देहरादून जिले से दो और राज्य के एक अन्य जिले से एक जोड़े ने लिव-इन
रिलेशनशिप के पंजीकरण के लिए आवेदन किया था. इनमें से एक जोड़े के आवेदन को मंजूरी दे दी गई है
हालांकि, अन्य दो आवेदनों की पुलिस और प्रशासन द्वारा जांच जारी है !
उत्तराखंड में यूसीसी लागू होने के बाद यह पहला मौका है जब किसी जोड़े ने कानूनी रूप
से लिव-इन रिलेशनशिप में रहने की अनुमति प्राप्त की है. यह फैसला राज्य में लिव-इन
संबंधों को एक औपचारिक और कानूनी मान्यता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है
समान नागरिक संहिता के तहत लिव-इन रिलेशनशिप में रहने के इच्छुक जोड़ों
को पंजीकरण कराना अनिवार्य किया गया है. इसके लिए एक 16 पेज का विस्तृत
फॉर्म भरना होगा, जिसमें कई महत्वपूर्ण जानकारियां देनी होंगी !
Uttarakhand UCC : उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप को पहली कानूनी मान्यता एक कपल का पंजीकरण मंजूर !
इस पंजीकरण प्रक्रिया में निम्नलिखित शर्तें लागू होती हैं:
आवेदकों की आयु वैध विवाह योग्य होनी चाहिए – पुरुष
के लिए न्यूनतम 21 वर्ष और महिला के लिए 18 वर्ष
आवेदकों को प्रमाण देना होगा कि वे वर्तमान में किसी अन्य वैवाहिक संबंध में नहीं हैं!
पिछले लिव-इन रिलेशनशिप (अगर कोई हो) का विवरण देना होगा !
दोनों पक्षों की सहमति अनिवार्य होगी और इसे कानूनी
रूप से दस्तावेजों के माध्यम से प्रमाणित किया जाएगा !
पंजीकरण के लिए एक निर्धारित शुल्क जमा करना होगा !
सूत्रों के मुताबिक, पहला पंजीकरण देहरादून जिले से हुआ है. हालांकि, जिला प्रशासन की ओर
से अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन संबंधित दस्तावेजों को वैध मानते हुए
जोड़े को कानूनी तौर पर लिव-इन रिलेशनशिप में रहने की अनुमति मिल गई है!
इसके अलावा, दूसरे जिले से भी एक आवेदन प्राप्त हुआ है, जिसकी पुलिस जांच कर रही है
दस्तावेजों की पुष्टि होने के बाद ही अन्य आवेदनों को मंजूरी दी जाएगी. उत्तराखंड सरकार
ने समान नागरिक संहिता (UCC) के तहत लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी रूप से पंजीकृत
करने का निर्णय लिया है ताकि ऐसे संबंधों को कानूनी सुरक्षा दी जा सके और इससे संबंधित विवादों से बचा जा सके!
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी
दायरे में लाने के लिए पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है. इससे यह सुनिश्चित होगा
कि किसी भी व्यक्ति को धोखाधड़ी से लिव-इन में नहीं रखा जा सकता !
अगर भविष्य में जोड़ा विवाह करना चाहे, तो उनकी कानूनी स्थिति स्पष्ट हो
महिलाओं और बच्चों को उनके कानूनी अधिकारों से वंचित न किया जाए. लिव-इन
रिलेशनशिप को लेकर होने वाले सामाजिक और कानूनी विवादों को रोका जा सके !
कानूनी रूप से सुरक्षित होगा लिव-इन-रिलेशनशिप
उत्तराखंड में इस नए कानून के लागू होने से समाज में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर
पारंपरिक सोच में बदलाव आने की संभावना है. अब तक लिव-इन संबंधों को कानूनी
मान्यता नहीं थी, जिससे कई बार इस तरह के संबंधों में रहने वाले जोड़ों को सामाजिक
और कानूनी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था अब, समान नागरिक
संहिता के तहत यह पंजीकरण अनिवार्य होने से लिव-इन रिलेशनशिप कानूनी
रूप से सुरक्षित हो जाएगा और इससे जुड़े विवादों को भी रोका जा सकेगा!
उत्तराखंड सरकार ने लिव-इन पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है
और अब अधिक से अधिक जोड़े अपने संबंधों को कानूनी रूप से मान्यता दिलाने
के लिए आवेदन कर सकते हैं. यह फैसला नए समाजिक बदलाव की ओर
एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो भविष्य में अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है
फिलहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में उत्तराखंड में इस कानून को
लेकर कितने और जोड़े आगे आते हैं और इस पंजीकरण को अपनाते हैं !