Basic of Computer Networks
August 27, 2024 2024-08-27 9:37Basic of Computer Networks
Introduction : Basic of Computer Networks
LAN की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- सीमित क्षेत्र: LAN का उपयोग सीमित क्षेत्र में किया जाता है, जैसे कि एक इमारत या परिसर के भीतर।
- तेज डेटा ट्रांसफर स्पीड: LAN पर डेटा ट्रांसफर की गति बहुत तेज होती है, जो आमतौर पर 100 Mbps से 1 Gbps या उससे अधिक हो सकती है।
- प्राइवेट नेटवर्क: LAN एक प्राइवेट नेटवर्क होता है, जिसका उपयोग केवल उस क्षेत्र के अंदर स्थित उपकरणों द्वारा किया जा सकता है।
- साझा संसाधन: LAN के जरिए कई डिवाइस एक ही प्रिंटर, फाइल सर्वर, या अन्य नेटवर्क संसाधनों को साझा कर सकते हैं।
- वायर्ड और वायरलेस कनेक्शन: LAN के कनेक्शन के लिए वायर्ड (इथरनेट केबल्स) और वायरलेस (Wi-Fi) दोनों विकल्प मौजूद होते हैं।
LAN की मदद से एक ही स्थान पर कई कंप्यूटर और डिवाइस आपस में जुड़ सकते हैं और एक दूसरे के साथ बेहतर तरीके से कम्युनिकेशन कर सकते हैं।
वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) एक कंप्यूटर नेटवर्क है जो बड़े भौगोलिक क्षेत्र में फैला होता है, जैसे कि एक देश, महाद्वीप, या पूरी दुनिया। WAN का उपयोग विभिन्न स्थानों पर स्थित लोकल एरिया नेटवर्क (LAN) को आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है, जिससे डेटा का आदान-प्रदान और संचार संभव हो पाता है।
WAN की कुछ प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- विस्तृत भौगोलिक क्षेत्र: WAN बड़े भौगोलिक क्षेत्रों में फैला होता है और यह एक देश से लेकर पूरी दुनिया तक फैला हो सकता है।
- धीमी डेटा ट्रांसफर स्पीड: WAN पर डेटा ट्रांसफर की गति LAN की तुलना में धीमी हो सकती है, क्योंकि यह लंबी दूरी पर संचार करता है। आमतौर पर, इसकी स्पीड 1.5 Mbps से लेकर 100 Gbps तक हो सकती है।
- पब्लिक नेटवर्क या प्राइवेट नेटवर्क: WAN पब्लिक नेटवर्क (जैसे इंटरनेट) या प्राइवेट नेटवर्क (जैसे कॉर्पोरेट WAN) हो सकता है।
- महंगा: WAN सेटअप और मेंटेनेंस महंगा होता है, क्योंकि इसमें लंबी दूरी के लिए संचार उपकरण और सेवाओं की आवश्यकता होती है।
- संपर्क के विभिन्न माध्यम: WAN में डेटा ट्रांसफर के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग किया जाता है, जैसे कि सैटेलाइट लिंक, फाइबर ऑप्टिक केबल्स, और टेलीफोन लाइनों का उपयोग होता है।
WAN का मुख्य उद्देश्य विभिन्न स्थानों पर स्थित नेटवर्क्स को एक साथ जोड़ना और उन्हें एक एकीकृत नेटवर्क के रूप में कार्य करने में मदद करना है। इसका उपयोग बड़ी कंपनियों, सरकारी संगठनों और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स द्वारा किया जाता है।
नेटवर्क टोपोलॉजी किसी नेटवर्क में जुड़े हुए कंप्यूटर और डिवाइसेस की भौतिक या तार्किक व्यवस्था को दर्शाती है। यह बताती है कि नेटवर्क में विभिन्न नोड्स (जैसे कंप्यूटर, प्रिंटर, राउटर आदि) कैसे जुड़े हुए हैं और डेटा का प्रवाह किस प्रकार होता है। नेटवर्क टोपोलॉजी कई प्रकार की हो सकती है, और प्रत्येक प्रकार के अपने फायदे और नुकसान होते हैं।
नेटवर्क टोपोलॉजी के कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं:
- बस टोपोलॉजी (Bus Topology):
- इसमें सभी नोड्स एक ही मुख्य केबल से जुड़े होते हैं।
- डेटा एक ही केबल के माध्यम से सभी नोड्स तक पहुँचता है।
- आसान और सस्ती टोपोलॉजी, लेकिन यदि मुख्य केबल खराब हो जाए तो पूरा नेटवर्क ठप हो सकता है।
- स्टार टोपोलॉजी (Star Topology):
- इसमें प्रत्येक नोड एक केंद्रीय डिवाइस (जैसे हब या स्विच) से जुड़ा होता है।
- डेटा केंद्रीय डिवाइस से होकर गुजरता है।
- नेटवर्क का प्रबंधन आसान होता है, लेकिन यदि केंद्रीय डिवाइस खराब हो जाए तो पूरा नेटवर्क प्रभावित हो सकता है।
- रिंग टोपोलॉजी (Ring Topology):
- इसमें नोड्स एक बंद लूप में जुड़े होते हैं, और डेटा एक नोड से दूसरे नोड तक रिंग के माध्यम से भेजा जाता है।
- इस टोपोलॉजी में डेटा ट्रांसफर का प्रवाह एक दिशा में होता है।
- यह नेटवर्क में डेटा को समान रूप से वितरित करती है, लेकिन यदि कोई नोड खराब हो जाए तो पूरा नेटवर्क ठप हो सकता है।
- मेश टोपोलॉजी (Mesh Topology):
- इसमें हर नोड दूसरे सभी नोड्स से सीधे जुड़ा होता है।
- डेटा के कई मार्ग उपलब्ध होते हैं, जिससे नेटवर्क में रिडंडेंसी और विश्वसनीयता बढ़ जाती है।
- मेश टोपोलॉजी सबसे सुरक्षित और विश्वसनीय होती है, लेकिन इसे स्थापित करना और मेंटेन करना महंगा होता है।
- ट्री टोपोलॉजी (Tree Topology):
- यह स्टार और बस टोपोलॉजी का संयोजन होती है।
- इसमें कई स्टार नेटवर्क एक साथ जुड़े होते हैं, और वे एक मुख्य बस से जुड़े होते हैं।
- इस टोपोलॉजी का उपयोग बड़े नेटवर्क में किया जाता है, जहाँ विस्तार और विभाजन आवश्यक होता है।
- हाइब्रिड टोपोलॉजी (Hybrid Topology):
- यह दो या अधिक विभिन्न टोपोलॉजी के संयोजन से बनी होती है।
- हाइब्रिड टोपोलॉजी को एक ही नेटवर्क में विभिन्न आवश्यकताओं और सीमाओं के अनुसार डिजाइन किया जा सकता है।
नेटवर्क टोपोलॉजी का चयन करते समय, नेटवर्क के आकार, लागत, स्केलेबिलिटी, और प्रदर्शन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखा जाता है। सही टोपोलॉजी का चयन एक नेटवर्क की दक्षता और विश्वसनीयता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।