Tungnath: दुनिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर, ट्रेकिंग, यात्रा गाइड और आध्यात्मिक अनुभव
June 1, 2025 2025-06-02 1:24Tungnath: दुनिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर, ट्रेकिंग, यात्रा गाइड और आध्यात्मिक अनुभव
Tungnath: दुनिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर, ट्रेकिंग, यात्रा गाइड और आध्यात्मिक अनुभव
Tungnath: जानिए तुंगनाथ मंदिर का धार्मिक महत्व, ट्रेकिंग रूट, यात्रा का सही समय, चंद्रशिला पीक, चोपता से कैसे पहुँचें, क्या-क्या देखें और यात्रा के जरूरी टिप्स। उत्तराखंड के इस अद्भुत स्थल की पूरी हिंदी गाइड, मई 2025 के अपडेट के साथ।
Tungnath: दुनिया का सबसे ऊँचा शिव मंदिर, यात्रा, ट्रेकिंग और आध्यात्मिक अनुभव

अगर आप पहाड़ों की गोद में बसे किसी खास धार्मिक और ट्रेकिंग डेस्टिनेशन की तलाश में हैं, तो तुंगनाथ (Tungnath) आपके लिए एक परफेक्ट जगह है। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित तुंगनाथ न सिर्फ पंच केदारों में सबसे ऊँचा है, बल्कि यह दुनिया का सबसे ऊँचाई पर स्थित शिव मंदिर भी है। यहाँ आपको प्रकृति की खूबसूरती, आध्यात्मिक शांति और एडवेंचर – सबकुछ एक साथ मिलेगा।
तुंगनाथ का धार्मिक महत्व
- पंच केदारों में सबसे ऊँचा: तुंगनाथ पंच केदार (केदारनाथ, तुंगनाथ, रुद्रनाथ, मध्यमहेश्वर, कल्पेश्वर) में सबसे ऊँचाई पर (लगभग 3,680 मीटर/12,073 फीट) स्थित है।
- महाभारत कनेक्शन: मान्यता है कि पांडवों ने अपने पापों के प्रायश्चित के लिए भगवान शिव की खोज में पंच केदार की स्थापना की थी। तुंगनाथ में शिव जी की भुजाओं की पूजा होती है।
- आस्था और शांति: यहाँ आने पर भक्तों को अद्भुत शांति और ऊर्जा का अनुभव होता है।
कैसे पहुँचें तुंगनाथ?
निकटतम शहर: रुद्रप्रयाग (85 किमी), चोपता (तुंगनाथ ट्रेक का बेस पॉइंट, 4 किमी ट्रेकिंग)
कैसे जाएं:
- सड़क मार्ग: दिल्ली/हरिद्वार/ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग होते हुए चोपता तक बस या टैक्सी।
- रेलवे स्टेशन: हरिद्वार (225 किमी)
- एयरपोर्ट: जॉली ग्रांट, देहरादून (230 किमी)
- ट्रेकिंग: चोपता से तुंगनाथ मंदिर तक 3.5-4 किमी का आसान-से-मध्यम ट्रेक है, जिसे बच्चे और बुजुर्ग भी कर सकते हैं। रास्ते में बर्फ, घास के मैदान, रंग-बिरंगे फूल और हिमालय की चोटियाँ आपका स्वागत करती हैं।
यात्रा का सही समय
- मई से अक्टूबर: मौसम सुहावना और रास्ता खुला रहता है।
- सर्दियों में (नवंबर-मार्च): भारी बर्फबारी के कारण मंदिर बंद रहता है, लेकिन स्नो ट्रेकिंग के शौकीनों के लिए यह समय भी खास है।
क्या देखें और क्या करें?
- तुंगनाथ मंदिर दर्शन: लकड़ी और पत्थर से बना प्राचीन शिव मंदिर, अद्भुत वास्तुकला।
- चंद्रशिला ट्रेक: तुंगनाथ से 1.5 किमी आगे चंद्रशिला पीक (4,000 मीटर) तक ट्रेक करें, जहां से नंदा देवी, त्रिशूल, केदार डोम जैसी चोटियों का 360° व्यू मिलता है।
- बर्ड वॉचिंग और फोटोग्राफी: चोपता-तुंगनाथ क्षेत्र को ‘मिनी स्विट्ज़रलैंड’ कहा जाता है, यहाँ दुर्लभ पक्षी और खूबसूरत नज़ारे मिलते हैं।
- कैंपिंग: चोपता में टेंट में रुकने का मजा लें।
यात्रा के टिप्स
- ट्रेकिंग शूज़, गर्म कपड़े और रेनकोट जरूर साथ रखें।
- ऊँचाई पर ऑक्सीजन कम हो सकती है, इसलिए धीरे-धीरे ट्रेक करें।
- मंदिर में मोबाइल नेटवर्क सीमित है, लेकिन शांति और ध्यान के लिए यह वरदान है।
- यात्रा के दौरान प्लास्टिक और कचरा न फैलाएं, प्रकृति को साफ रखें।
तुंगनाथ सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आत्मिक और प्राकृतिक सुंदरता का संगम है।
यहाँ की यात्रा आपको जीवनभर याद रहेगी – चाहे आप एडवेंचर लवर हों, प्रकृति प्रेमी या श्रद्धालु।
अगर आप उत्तराखंड घूमने का प्लान बना रहे हैं,
तो तुंगनाथ को अपनी लिस्ट में जरूर शामिल करें!