New Income Tax bill : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार जल्द ही
नया आयकर विधेयक संसद में पेश करेगी। नया इनकम टैक्स बिल 6 फरवरी को लाए जाने की उम्मीद है।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सरकार जल्द ही नया आयकर
विधेयक संसद में पेश करेगी। नया इनकम टैक्स बिल 6 फरवरी को लाए जाने की उम्मीद है।
बजट सत्र में पेश किए जाने वाले इस नए डायरेक्ट टैक्स कोड या नए
इनकम टैक्स बिल में कोई नया टैक्स शामिल नहीं होगा।
इसकी घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2025-26 में की जाएगी।
मनीकंट्रोल को दिए एक इंटरव्यू में वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे ने यह जानकारी दी।
उन्होंने यह स्पष्ट किया कि नया डायरेक्ट टैक्स कोड बिल एक पूरी तरह से नया विधेयक है।
वित्त सचिव ने बताया- इस नए विधेयक में क्या होगा
पांडे ने कहा, “यह पूरी तरह से एक नया विधेयक है। और नए विधेयक को पारित किया जाना है।
यह पूरी तरह से एक नया विधेयक है। इसे फिर से लिखा गया है।” यह पूछे जाने पर कि क्या नए
विधेयक में कई अतिरिक्त टैक्स शामिल किया जा सकता है, पांडे ने कहा, “इसमें (टैक्स रेट्स)
कोई बदलाव नहीं किया जाएगा क्योंकि यह टैक्स पॉलिसी का विशेषाधिकार होगा।
लेकिन स्ट्रक्चरली इसमें बड़े बदलाव होंगे। इसे पढ़ने, समझने और जोड़ने का तरीका बदलेगा
साथ ही गैर-जरूरी प्रावधान हटाए जाएंगे। इन सभी में बदलाव किया जाएगा।
यानी, इसे सरल और तर्कसंगत बनाने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।”
‘नए विधेयक में होंगे कई सुधार’
नया विधेयक कई सुधार लेकर आया है और यह 1 अप्रैल से लागू होगा।
टैक्स स्लैब और सुधारों के संशोधन पर पांडे ने कहा, “यह पैसा (कर कटौती)
जिसके जरिए सरकार मूल रूप से निर्णय लेने की शक्ति को सरकार से लोगों के हाथों में दे रही है
इसमें कोई समस्या नहीं है। लोग, यानी टैक्सपेयर, इस पैसे का तीन में से किसी एक
तरीके से उपयोग करेंगे—या तो वे इसे खर्च करेंगे, या इसे बचाएंगे, या फिर सीधे निवेश करेंगे।
हमारी वर्तमान आर्थिक स्थिति को देखते हुए, ये तीनों ही विकल्प देश के लिए फायदेमंद हैं।
नए डायरेक्ट टैक्स विधेयक में अपेक्षित सुधारों पर पांडेय ने यह दोहराया कि नया विधेयक उन
सुधारों को जारी रखेगा जो पहले ही लागू किए जा चुके हैं, जिनमें अपराधों के डिक्रिमिनलाइजेशन भी शामिल है।
उन्होंने कहा, “कुछ ऐसे डिक्रिमिनलाइजेशन हम पहले ही कर चुके हैं।
तो बात यह है कि जो भी सुधार किए गए हैं, उन्हें सुनियोजित रूप से आगे बढ़ाया जाएगा।
“नहीं, कुछ भी नहीं। टैक्स रेट्स आदि एक एनुअल एक्सरसाइज हैं जिसे वित्त मंत्री द्वारा किया जाता है
और इसमें कोई बदलाव नहीं है। हम एक ऐसे टैक्स लॉ की बात कर रहे हैं जो स्ट्रक्चर को सक्षम बनाता है।
यह बताता है कि क्या करना है, और क्या नहीं।
जैसा कि वित्त मंत्री ने अपनी स्पीच में भी कहा, यह विधेयक करीब आधे पन्नों का होगा।
अध्याय लगभग आधे होंगे। इसमें काफी कंसोलिडेशन होगा
इसमें कुछ ऐसा नहीं है जिससे टैक्सपेयर्स को चिंता करनी चाहिए।












