क्या पहलगाम में पर्यटकों से धर्म पूछकर मार दी गई गोली? – जानिए सच्चाई
April 23, 2025 2025-04-23 6:21क्या पहलगाम में पर्यटकों से धर्म पूछकर मार दी गई गोली? – जानिए सच्चाई
क्या पहलगाम में पर्यटकों से धर्म पूछकर मार दी गई गोली? – जानिए सच्चाई
Pahalgam terror attack : 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। इस हमले को लेकर सबसे बड़ा सवाल यही है: क्या आतंकियों ने पर्यटकों से धर्म पूछकर गोली मारी?
ताजा रिपोर्ट्स, चश्मदीदों के बयान और मीडिया कवरेज के आधार पर इसका जवाब साफ तौर पर “हां” है।

हमले का तरीका: धर्म की पहचान के बाद फायरिंग
- चश्मदीदों और पीड़ितों के बयान
घटनास्थल से सामने आए वीडियो और बयानों में साफ है कि आतंकियों ने पर्यटकों से पहले उनका धर्म पूछा। कई चश्मदीदों ने बताया कि आतंकियों ने पुरुष पर्यटकों से ‘कलिमा’ (इस्लाम का विश्वास वचन) पढ़ने को कहा। जो ऐसा नहीं कर पाए, उन्हें गोली मार दी गई। - आईडी कार्ड और कपड़े उतरवाकर पहचान
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकियों ने पर्यटकों के आईडी कार्ड चेक किए और कपड़े उतरवाकर भी उनकी धार्मिक पहचान की पुष्टि की। - महिला चश्मदीद का बयान
एक महिला ने बताया, “मेरे पति को सिर में गोली मार दी गई… सिर्फ इसलिए क्योंकि वह मुसलमान नहीं थे”।
Pahalgam terror attack मीडिया रिपोर्ट्स और वीडियो फुटेज
मीडिया में वायरल वीडियो
वायरल वीडियो में पीड़ित महिलाएं और लोग साफ कहते दिखे कि आतंकियों ने गैर-मुस्लिमों को टारगेट किया।
एक वीडियो में आतंकियों के पूछने की आवाज भी सुनाई देती है
“Are you a Muslim?” और जवाब न मिलने पर फायरिंग शुरू कर दी गई।
सरकारी सूत्रों की पुष्टि
सरकारी सूत्रों ने भी बताया कि आतंकियों ने पुरुषों को पहले टारगेट किया,
उनसे धर्म पूछा और ‘कलिमा’ पढ़वाने की कोशिश की। जो नहीं पढ़ पाए, उन्हें गोली मार दी गई।
हमले के पीछे की मंशा
- सिर्फ गैर-मुस्लिम पर्यटक निशाने पर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकियों ने खासतौर पर गैर-मुस्लिम पर्यटकों को निशाना बनाया। - कई मामलों में महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया गया, जबकि पुरुषों को गोली मारी गई।
- आतंकी संगठन की जिम्मेदारी
इस हमले की जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF), जो लश्कर-ए-तैयबा का ही फ्रंट है, ने ली है।
निष्कर्ष: धर्म के आधार पर टारगेटिंग की पुष्टि
सभी प्रमुख मीडिया रिपोर्ट्स, चश्मदीदों के बयान,
वायरल वीडियो और सरकारी सूत्रों के हवाले से यह साफ है कि
पहलगाम में पर्यटकों से धर्म पूछकर और पहचान की पुष्टि के बाद ही गोली मारी गई।
यह हमला न सिर्फ आतंक का चेहरा उजागर करता है,
बल्कि धार्मिक आधार पर की गई बर्बरता का भी प्रमाण है।
ऐसे हमले देश की एकता और इंसानियत पर सीधा हमला हैं।
पीड़ित परिवारों के लिए पूरा देश दुखी है और दोषियों को सख्त सजा दिलाने की मांग कर रहा है।