Karwa Chauth 2025: चाँद के दीदार और पति की लंबी उम्र के लिए रखे जाने वाले व्रत की संपूर्ण जानकारी
April 2, 2025 2025-04-02 6:11Karwa Chauth 2025: चाँद के दीदार और पति की लंबी उम्र के लिए रखे जाने वाले व्रत की संपूर्ण जानकारी
Karwa Chauth 2025: चाँद के दीदार और पति की लंबी उम्र के लिए रखे जाने वाले व्रत की संपूर्ण जानकारी
Karwa Chauth 2025: करवा चौथ एक प्रमुख हिन्दू पर्व है, जिसे खासकर उत्तर भारत, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व विशेष रूप से महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र और संतान सुख की प्राप्ति के लिए रखती हैं।
इस दिन महिलाएँ पूरे दिन उपवासी रहकर अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। करवा चौथ 2025 में 10 June को मनाई जाएगी।

करवा चौथ का महत्व
करवा चौथ का महत्व हिन्दू धर्म में अत्यधिक गहरा है। यह व्रत विशेष रूप से महिलाओं के लिए किया जाता है,
जिसमें वे अपने पति की लंबी उम्र और स्वास्थ्य की प्रार्थना करती हैं।
करवा चौथ का पर्व महिलाओं के पतिव्रता धर्म को प्रस्तुत करता है,
जिसमें पत्नी अपने पति की सुख-समृद्धि और लंबी उम्र के लिए संकल्प लेकर उपवासी रहती है।
इस दिन महिलाएँ पूरे दिन बिना पानी पीे व्रत करती हैं और रात को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद अपना उपवासी तोड़ती हैं।
इसे “चंद्र दर्शन” भी कहा जाता है, जिसमें महिलाएँ पहले चंद्रमा को देखकर उसे अर्घ्य अर्पित करती हैं और फिर अपने पति से आशीर्वाद प्राप्त करती हैं।
Karwa Chauth 2025 की तारीख
करवा चौथ 2025 में 10 June को मनाई जाएगी।
यह व्रत खासकर कार्तिक माह की कृष्ण पक्ष की चौथी तिथि को किया जाता है।
इस दिन महिलाएँ सूर्योदय से पहले व्रत की शुरुआत करती हैं और पूरे दिन उपवासी रहती हैं।
करवा चौथ की पूजा विधि
करवा चौथ की पूजा की विधि बहुत ही सरल और विशेष होती है।
इस दिन महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र और सुख-शांति की कामना करती हैं।
व्रत की विधि
स्नान और शुद्धता: करवा चौथ के दिन महिलाएँ प्रातः काल जल्दी उठकर स्नान करती हैं
और स्वच्छ कपड़े पहनकर पूजा की तैयारी करती हैं।
पूजा स्थान की तैयारी: पूजा के लिए एक साफ स्थान पर चावल, गंगाजल, फूल, दीपक,
और पूजा सामग्री तैयार की जाती है। करवा (मिट्टी का एक विशेष पात्र) को पूजा के लिए रखा जाता है।
व्रत का आरंभ: सूर्योदय के समय, महिलाएँ व्रत का संकल्प लेकर अपने दिन की शुरुआत करती हैं।
वे दिनभर बिना पानी पीे केवल फलाहार करती हैं और पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं।
संध्या पूजा और करवा: संध्याकाल में महिलाएँ करवा चौथ की पूजा करती हैं।
इस दौरान वे करवा में पानी और चावल डालकर दीपक जलाती हैं। फिर वे चंद्रमा का इंतजार करती हैं।
चंद्रमा दर्शन और अर्घ्य: रात को चंद्रमा के उगने के बाद महिलाएँ चंद्रमा का दर्शन करती हैं और उसे अर्घ्य अर्पित करती हैं।
इसके बाद वे अपने पति से आशीर्वाद प्राप्त करती हैं और अपना व्रत तोड़ती हैं।
पूजा सामग्री
करवा चौथ की पूजा के लिए कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है, जैसे:
- करवा (मिट्टी का पात्र)
- चावल, गुड़, हल्दी
- दीपक और तेल
- फूल और ताजे पत्ते
- चंद्रमा दर्शन के लिए जल
- रक्षासूत्र (धागा) और मिठाई
करवा चौथ के लाभ
#करवा चौथ के व्रत से कई लाभ माने जाते हैं।
यह व्रत न केवल पति की लंबी उम्र के लिए होता है,
बल्कि यह पारिवारिक सुख-शांति और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है।
करवा चौथ के व्रत के निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:
- पति की लंबी उम्र: यह व्रत विशेष रूप से पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है।
- महिलाएँ भगवान से अपने पति की रक्षा और सुखी जीवन की प्रार्थना करती हैं।
- पारिवारिक सुख और समृद्धि: करवा चौथ के दिन व्रत रखने से परिवार में सुख और समृद्धि का वास होता है।
- यह पूजा परिवार के सामूहिक सुख और शांति के लिए होती है।
- संतान सुख: करवा चौथ के दिन विशेष रूप से संतान सुख की भी प्रार्थना की जाती है।
- महिलाएँ भगवान से संतान सुख की प्राप्ति की कामना करती हैं।
- पति-पत्नी के रिश्ते में मजबूती: यह व्रत पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूत करता है
- और दोनों के बीच प्रेम और विश्वास की भावना को बढ़ाता है।
करवा चौथ से जुड़ी कथाएँ
#करवा चौथ से जुड़ी कई कथाएँ प्रचलित हैं।
एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, एक बार एक पत्नी ने अपने पति के जीवन को यमराज से बचाने के लिए करवा चौथ का व्रत रखा।
उस समय यमराज ने उसके पति की आत्मा लेने का प्रयास किया,
लेकिन महिला ने साहस और श्रद्धा से यमराज को हराया और अपने पति की जीवन रक्षा की।
यह कथा यह संदेश देती है कि महिला का समर्पण और प्रेम अपार शक्तियों से भी बड़ी होती है।
निष्कर्ष
करवा चौथ 2025 का पर्व पति-पत्नी के रिश्ते को और भी मजबूत बनाने का एक सुंदर अवसर है।
इस दिन महिलाएँ अपने पति की लंबी उम्र और सुख-शांति की कामना करती हैं।
करवा चौथ का व्रत न केवल पत्नी की समर्पण भावना को व्यक्त करता है,
बल्कि यह परिवार में सुख, समृद्धि और प्यार को बढ़ाने में भी मदद करता है।
यदि इस दिन की विधि और पूजा को सही तरीके से किया जाए,
तो यह व्रत जीवन में सुख, शांति और संतुष्टि ला सकता है।