शुद्ध भोजन के फायदे : घर का खाना बनाम बाहर का खाना कौन है ज़्यादा फायदेमंद शरीर और आत्मा को शुद्ध करने वाला भोजन!
April 29, 2025 2025-04-29 16:21शुद्ध भोजन के फायदे : घर का खाना बनाम बाहर का खाना कौन है ज़्यादा फायदेमंद शरीर और आत्मा को शुद्ध करने वाला भोजन!
शुद्ध भोजन के फायदे : घर का खाना बनाम बाहर का खाना कौन है ज़्यादा फायदेमंद शरीर और आत्मा को शुद्ध करने वाला भोजन!
शुद्ध भोजन के फायदे : आज के तेज़ रफ्तार जीवन में लोगों की दिनचर्या इतनी व्यस्त हो चुकी है
कि वे शुद्ध भोजन के महत्व को नज़रअंदाज़ करने लगे हैं।
फास्ट फूड, प्रोसेस्ड फूड और बाहर का खाना हमारी दिनचर्या में इस कदर शामिल हो गया है
कि घर के बने सादे लेकिन पोषक भोजन को हम कमज़ोर समझने लगे हैं।
शुद्ध भोजन का अर्थ क्या है?

#शुद्ध भोजन यानी ऐसा भोजन जो स्वच्छता से बना हो, ताज़ा हो, रसायन रहित
हो और जिसमें सात्त्विकता हो। आयुर्वेद में शुद्ध भोजन को सात्त्विक भोजन कहा गया है
जो शरीर, मन और आत्मा को शुद्ध करता है।
इस प्रकार का भोजन मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।
घर का खाना – सेहत का खज़ाना
शुद्धता और स्वच्छता
घर में बना खाना साफ-सफाई के नियमों का पालन करते हुए बनाया जाता है।
यहाँ इस्तेमाल होने वाली सामग्री भी ताज़ा और गुणवत्तापूर्ण होती है।
प्रेम और ऊर्जा का संचार
जब कोई आपके लिए प्यार से खाना बनाता है
तो उसमें एक खास ऊर्जा होती है।
माँ या पत्नी के हाथों का खाना केवल स्वाद
ही नहीं, बल्कि आत्मिक संतुष्टि भी देता है।
पौष्टिकता से भरपूर
घर में भोजन संतुलित पोषण का ध्यान रखकर बनाया जाता है
जैसे दाल, सब्ज़ी, चावल, रोटी, सलाद आदि। यह शरीर को सम्पूर्ण पोषण प्रदान करता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
शुद्ध और सात्त्विक भोजन शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करता है
और कई बीमारियों से रक्षा करता है।
बाहर का खाना – स्वाद भरा धोखा
अस्वच्छता और मिलावट
होटल या रेस्टोरेंट का खाना अक्सर
मिलावटी, बासी या ज़्यादा
तेल-मसाले वाला होता है।
यह पाचन तंत्र को खराब कर सकता है।
अधिक नमक, चीनी और तेल
स्वाद बढ़ाने के लिए इनमें नमक, चीनी
और तेल की मात्रा सामान्य से अधिक होती है
जिससे मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और
डायबिटीज़ जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं।
मानसिक अशांति
बाहर का तामसी और राजसी भोजन मानसिक चंचलता, आलस्य और क्रोध को बढ़ावा देता है।
लंबे समय में स्वास्थ्य पर बुरा असर
लगातार बाहर का खाना खाने से
शरीर में विषैले तत्व जमा होते हैं
जो कैंसर, लिवर और हार्ट डिजीज जैसी
गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
आत्मा की शुद्धि के लिए भी ज़रूरी है शुद्ध भोजन
जैसा अन्न, वैसा मन” – यह पुरानी कहावत आज भी उतनी ही सच है। शुद्ध भोजन केवल शरीर नहीं, बल्कि आत्मा और मन को भी शुद्ध करता है। ध्यान, योग, और सकारात्मक विचारों का आधार है सात्त्विक और घर का बना हुआ भोजन।
अगर आप सच में अपने जीवन को स्वस्थ, सुखद और सकारात्मक बनाना चाहते हैं, तो शुद्ध और घर के बने भोजन को प्राथमिकता दें। बाहर के स्वादिष्ट लेकिन हानिकारक खाने की तुलना में घर का खाना हमेशा बेहतर और लाभदायक रहेगा। याद रखें, शरीर का मंदिर है और शुद्ध भोजन ही उसकी पूजा है।