UNIQUE INSTITUTE OF COMPUTER TECHNOLOGY

वितरित ऑपरेटिंग सिस्टम (Distributed Operating System)

वितरित ऑपरेटिंग सिस्टम (Distributed Operating System) एक प्रकार का ऑपरेटिंग सिस्टम होता है जो कई अलग-अलग कंप्यूटरों (या नोड्स) का प्रबंधन करता है जो आपस में एक नेटवर्क के माध्यम से जुड़े होते हैं और मिलकर एक समग्र प्रणाली के रूप में काम करते हैं। इन कंप्यूटरों को इस तरह से जोड़ा जाता है कि वे संसाधनों को साझा कर सकें और एकसाथ काम कर सकें, लेकिन उपयोगकर्ताओं को यह महसूस नहीं होता कि ये अलग-अलग सिस्टम हैं।

वितरित ऑपरेटिंग सिस्टम की विशेषताएँ:

  1. पारदर्शिता (Transparency): उपयोगकर्ताओं और एप्लिकेशनों को यह पता नहीं चलता कि सिस्टम भौतिक रूप से वितरित है।
  2. वृद्धनशीलता (Scalability): सिस्टम को और अधिक कंप्यूटर जोड़कर बिना किसी प्रमुख बदलाव के बढ़ाया जा सकता है।
  3. दोष सहिष्णुता (Fault Tolerance): सिस्टम को काम करते रहना चाहिए, भले ही कुछ नोड्स विफल हो जाएं।
  4. संसाधन साझा करना (Resource Sharing): प्रिंटर, स्टोरेज, और प्रोसेसिंग जैसी संसाधन विभिन्न नोड्स के बीच साझा की जाती हैं।
  5. समवर्तीता (Concurrency): विभिन्न नोड्स पर एक साथ कई प्रक्रियाएँ चल सकती हैं।

उदाहरण:

Google’s Android Operating System का उदाहरण लिया जा सकता है। जब कई एंड्रॉइड डिवाइस आपस में नेटवर्क के माध्यम से जुड़ते हैं, तो ये एक वितरित सिस्टम की तरह कार्य करते हैं। हालांकि ये अलग-अलग डिवाइस होते हैं, लेकिन ये मिलकर काम करते हैं और उपयोगकर्ताओं को एक ही प्रणाली के रूप में दिखाई देते हैं।

एक और उदाहरण Cloud Computing Systems का हो सकता है, जैसे Amazon Web Services (AWS), जिसमें कई सर्वर आपस में जुड़े होते हैं और एक बड़े वितरित नेटवर्क के रूप में काम करते हैं, जहां डेटा और संसाधन साझा होते हैं।