World Hindi Day 2025: पर भाषण विश्व हिंदी दिवस, 10 जनवरी को मनाया जाता है
यह दिन हिंदी भाषा की बढ़ती वैश्विक पहचान और सम्मान को दर्शाने के लिए समर्पित है।
भारत सरकार ने 2006 में इस दिन को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी!
ताकि हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिष्ठा मिल सके। इस दिन का आयोजन दुनिया
भर में हिंदी प्रेमियों और भाषा के प्रवर्तकों द्वारा किया जाता है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण
अवसर बन जाता है हिंदी के महत्व को स्वीकार करने और प्रचारित करने का।

World Hindi Day 2025 पर भाषण: विश्व हिंदी दिवस, 10 जनवरी को मनाया जाता है,
यह दिन हिंदी भाषा की बढ़ती वैश्विक पहचान और सम्मान को दर्शाने के लिए समर्पित है।
भारत सरकार ने 2006 में इस दिन को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की थी,
ताकि हिंदी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अधिक प्रतिष्ठा मिल सके। इस दिन का आयोजन दुनिया
भर में हिंदी प्रेमियों और भाषा के प्रवर्तकों द्वारा किया जाता है, जिससे यह एक महत्वपूर्ण
अवसर बन जाता है हिंदी के महत्व को स्वीकार करने और प्रचारित करने का।
हिंदी, जो अब केवल भारत ही नहीं बल्कि विश्व के अनेक देशों में बोली जाती है,
आज अपने एक मजबूत स्थान पर है। विश्व हिंदी दिवस के मौके पर हम यह संकल्प लेते हैं
कि हिंदी को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं और इसे पूरी दुनिया में फैलाने की दिशा में काम करें।
इस लेख में आप विद्यालय छात्रों के लिए संक्षिप्त और विस्तृत भाषण के साथ-साथ 10 पंक्तियाँ पढ़ेंगे।
विश्व हिंदी दिवस 2025: पर भाषण 10 लाइन्स हिंदी की वैश्विक पहचान और महत्व!
विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है।
यह दिन हिंदी भाषा के महत्व को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
10 जनवरी 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में अपनाया गया था।
फिल्म और साहित्य के माध्यम से हिंदी की पहचान पूरी दुनिया में बनी है।
हिंदी को वैश्विक स्तर पर फैलाना हमारा उद्देश्य होना चाहिए।
हमें अपनी भाषा पर गर्व करना चाहिए और इसे संरक्षित रखना चाहिए।
विश्व हिंदी दिवस हमें हिंदी के प्रचार-प्रसार की दिशा में प्रेरित करता है।
विश्व हिंदी दिवस 2025: पर भाषण 10 लाइन्स हिंदी की वैश्विक पहचान और महत्व!
आज हम सभी यहाँ विश्व हिंदी दिवस के अवसर पर एकत्रित हुए हैं, जो हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है।
यह दिन हिंदी भाषा के महत्व को पहचानने और उसे वैश्विक स्तर पर बढ़ावा देने का दिन है।
10 जनवरी, 1949 को हिंदी को भारत की राजभाषा के रूप में अपनाया गया था,
और तभी से यह दिन हमारे लिए एक खास महत्व रखता है।
हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और जीवन शैली का अभिन्न हिस्सा है।
यह हमारी पहचान है, और हम सभी हिंदी बोलकर अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित रखते हैं।
हिंदी भाषा का इतिहास बहुत पुराना है और यह हमारे साहित्य, कला, और फिल्म उद्योग का अभिन्न हिस्सा है।
हिंदी फिल्मों के माध्यम से यह भाषा न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में लोकप्रिय हुई है।
बॉलीवुड ने हिंदी को वैश्विक स्तर पर एक पहचान दिलाई है।
दुनिया भर में हिंदी बोलने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
भारत में लगभग 44 प्रतिशत लोग हिंदी बोलते हैं और यह संख्या लगातार बढ़ती जा रही है।
इसके अलावा, नेपाल, पाकिस्तान, बांगलादेश, श्रीलंका जैसे देशों में भी हिंदी बोली जाती है।
आजकल हिंदी का प्रभाव वैश्विक स्तर पर बढ़ रहा है, और विभिन्न देशों में हिंदी सीखने वाले छात्रों की
संख्या में वृद्धि हो रही है। यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हिंदी भाषा अब न केवल भारत
में बल्कि विदेशों में भी लोगों के बीच संवाद का माध्यम बन गई है।