Purnima 2025 :पूर्णिमा कब है? यहाँ जानिए 2025 की सभी पूर्णिमा तिथियाँ, समय, पूजा का महत्व और ज्योतिषीय जानकारी। पूर्णिमा व्रत और पूजा करने वाले लोगों के लिए यह पूरी गाइड बेहद उपयोगी है।

पूर्णिमा कब है? — 2025 में पूरी सूची, पुर्निमा व्रत तिथि, महत्व और पूजा विधि
कई लोग पूछते हैं — “पूर्णिमा कब है?” विशेष रूप से अगर वे व्रत, पूजा या स्नान-दान करना चाहते हैं। 2025 में हर महीने की पूर्णिमा तिथि एक-एक निर्धारित है। नीचे जानिए 2025 में कब-कब पूर्णिमा पड़ेगी, उनसे जुड़ा महत्व, और आप पूजन या व्रत कैसे कर सकते हैं।
2025 में पूर्णिमा तिथियाँ
2025 में हिन्दू पंचांग के अनुसार, निम्नलिखित तिथियों पर पूर्णिमा होगी —
| माह / पूर्णिमा | तारीख (2025) |
|---|---|
| पौष पूर्णिमा | 13 जनवरी 2025 |
| माघ पूर्णिमा | 12 फरवरी 2025 |
| फाल्गुन पूर्णिमा | 14 मार्च 2025 |
| चैत्र पूर्णिमा | 12 अप्रैल 2025 |
| वैशाख पूर्णिमा | 12 मई 2025 |
| ज्येष्ठ पूर्णिमा | 11 जून 2025 |
| आषाढ़ पूर्णिमा | 10 जुलाई 2025 |
| श्रावण पूर्णिमा | 09 अगस्त 2025 |
| भाद्रपद पूर्णिमा | 07 सितंबर 2025 |
| अश्विन / शरद पूर्णिमा | 07 अक्टूबर 2025 |
| कार्तिक पूर्णिमा | 05 नवंबर 2025 |
| मार्गशीर्ष / अगहन पूर्णिमा | 04 दिसंबर 2025 |
नोट: कुछ माहों में पंचांग (स्थान, समय अनुसार) के अनुसार तिथि बदल सकती है — इसलिए अपने स्थानीय मुहूर्त या पंचांग देखें।
पूर्णिमा का महत्व — क्यों करें पूजन / व्रत / दान
- पूर्णिमा तिथि में चाँद पूर्ण रूप से दिखाई देता है — इसे शुद्ध और पवित्र माना जाता है।
- धार्मिक मान्यताओं के अनुसार — इस दिन व्रत, दान, स्नान-दान, सत्यनारायण पूजा आदि करने से मन, शरीर व आत्मा को शांति मिलती है।
- अगर किसी के चंद्र सम्बन्धी दोष हों — जैसे कि चन्द्रमा की दशा खराब हो — तो पूर्णिमा पर चंद्र पूजा और दान-दान करने से उन दोषों से मुक्ति मिलने की मान्यता है।
- साथ ही, कई धार्मिक व मिथकीय कथाओं में पूर्णिमा की रात को चंद्र की किरणें शुभ और पवित्र मानी जाती हैं — जिस दिन को संयम, आत्म-चिंतन और पूजा के लिए सर्वोत्तम कहा गया है।
पूर्णिमा पर क्या करें — व्रत, पूजा, दान, स्नान
अगर आप पूर्णिमा पर व्रत/पूजा करना चाहें तो — ये बातें ध्यान रखें:
- सुबह/शाम स्नान करें — नदी, तालाब या साफ पानी से।
- चंद्र देव की पूजा करें — चांद की चांदनी में पूरी श्रद्धा व श्रद्धा भाव रखें।
- दान करें — गाय, गाय के भोजन, अनाज, वस्त्र, किसी जरुरतमंद को दान करें।
- कथा / सुहावनी व्रत कथा सुनें या सत्यनारायण पूजा करें।
- मन को शांत रखें — चंद्रमा के प्रकाश व शांत वातावरण में ध्यान या साधना करें।
ऐसे व्रत, दान व पूजा से धार्मिक लाभ और मानसिक शांति दोनों मिलती हैं।
आपके लिए क्यों है उपयोगी ये ब्लॉग पोस्ट?
- 2025 में पूरे साल की पूर्णिमा तिथियाँ जानने में मदद।
- व्रत, पूजा, स्नान-दान आदि के लिए पहले से तैयारी।
- धार्मिक कर्तव्यों और आस्था को समय पर निभाने का मार्गदर्शन।
- पारिवारिक या सामाजिक आयोजन (दान, पूजा) की योजना बनाने में सुविधा।











