गुजरात में मतदाता सूची : 20 दिसंबर 2025 को गुजरात में मतदाता सूची को लेकर बड़ा विवाद छिड़ गया है। चुनाव आयोग (Election Commission of India) ने ऑंगोइंग सिर एक्सरसाइज के दौरान 73.90 लाख (लगभग 74 लाख) नाम मतदाता सूची से हटा दिए हैं। यह संख्या गुजरात की कुल मतदाता संख्या का करीब 12-13% है। इस ड्राफ्ट रोल में इतनी बड़ी संख्या में नाम डिलीट होने के बाद अब चुनाव आयोग ने दावा-आपत्ति के लिए विशेष विंडो खोल दी है।
गुजरात में मतदाता सूची क्या है पूरा मामला?
#गुजरात में 2025-26 की मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया चल रही है। चुनाव आयोग ने 1 दिसंबर 2025 को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल जारी किया। इसमें 73,90,000+ नाम डिलीट कर दिए गए। मुख्य कारण बताए गए हैं:

- मृत्यु (Death)
- स्थानांतरण (Shifted to other places)
- डुप्लिकेट एंट्री (Duplicate entries)
- फर्जी नाम (Bogus voters)
#गुजरात की कुल मतदाता संख्या 6 करोड़ के आसपास है। 74 लाख नाम हटने से कई इलाकों में मतदाताओं में भारी नाराजगी है।
प्रभावित जिले और इलाके
सबसे ज्यादा नाम डिलीट हुए इन जिलों में:
- अहमदाबाद
- सूरत
- वडोदरा
- राजकोट
- गांधीनगर
- भावनगर
- जामनगर
कई गांवों और शहरी इलाकों में परिवार के 2-3 सदस्यों के नाम डिलीट हो गए। एक व्यक्ति ने बताया, “हम 20 साल से वोट डाल रहे हैं, लेकिन अब नाम नहीं है।”
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं!
- कांग्रेस ने आरोप लगाया: “यह BJP सरकार की साजिश है। वे विपक्षी इलाकों से वोटर हटा रहे हैं।”
- BJP ने पलटवार किया: “चुनाव आयोग स्वतंत्र है। फर्जी और डुप्लिकेट वोटर हटाना जरूरी है।”
- चुनाव आयोग का बयान: “यह नियमित सफाई है। कोई राजनीतिक पूर्वाग्रह नहीं। आपत्ति के लिए समय दिया गया है।”
दावा-आपत्ति की प्रक्रिया और समयसीमा
चुनाव आयोग ने आपत्ति दर्ज करने के लिए विशेष विंडो खोली है। मुख्य तिथियां:
| गतिविधि | तिथि |
|---|---|
| ड्राफ्ट रोल जारी | 1 दिसंबर 2025 |
| दावा-आपत्ति शुरू | 1 दिसंबर 2025 |
| आपत्ति की अंतिम तिथि | 31 दिसंबर 2025 |
| अंतिम मतदाता सूची प्रकाशन | 31 जनवरी 2026 |
मतदाता Form-6 (नया नाम जोड़ने के लिए), Form-7 (नाम डिलीट करने के लिए), Form-8 (सुधार के लिए) भर सकते हैं।
- ऑनलाइन: https://nvsp.in
- ऑफलाइन: BLO या स्थानीय चुनाव कार्यालय
क्यों हो रही है इतनी बड़ी डिलीशन?
- महामारी के बाद कई लोगों की मृत्यु रिकॉर्ड नहीं हुई थी।
- माइग्रेशन – गुजरात में बहुत लोग काम के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं।
- डेटा क्लीनिंग – पुरानी रिकॉर्ड से फर्जी नाम हटाना।
- नए नियम – आधार लिंकिंग और ई-पिक कार्ड से डुप्लिकेट एंट्री चेक।
मतदाताओं के लिए सलाह
- अपनी डिटेल चेक करें: https://electoralsearch.eci.gov.in पर नाम सर्च करें।
- अगर नाम डिलीट है तो तुरंत Form-8 भरें।
- आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड जैसा प्रूफ साथ रखें।
- BLO से संपर्क करें – वे घर-घर जाकर मदद कर रहे हैं।
- समय पर आपत्ति दर्ज करें, वरना 2026 के चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे।
यह मामला गुजरात की राजनीति को गर्म कर रहा है। अगर 74 लाख नाम नहीं सुधारे गए तो लाखों वोट प्रभावित होंगे। चुनाव आयोग पर दबाव बढ़ रहा है।










