Teej Festival: तीज़ फेस्टिवल 2025 पर महिलाएं क्यों रखती हैं कठिन व्रत? क्या है तीज़ के पीछे छुपे पौराणिक रहस्य, रंगीन परंपराएँ और खुशी से जुड़े फायदे? जानें इस ब्लॉग में तीज़ से जुड़ी दिलचस्प बातें, रस्में और ताज़ा ट्रेंड्स, ताकि आपकी तीज़ बने सबसे खास!
Teej Festival : नारीत्व, भक्ति और उल्लास का पर्व
Teej Festival तीज़ महोत्सव भारत और नेपाल के कई हिस्सों में बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह त्योहार खासतौर पर महिलाओं के लिए समर्पित है—वो इस दिन उपवास रखती हैं, भजन-कीर्तन करती हैं, झूले डालती हैं, मेहंदी लगाती हैं, और सुंदर वस्त्रों में सजती-संवरती हैं। तीज़ देवी पार्वती और भगवान शिव के दिव्य मिलन का प्रतीक है और महिलाओं की marital शुभकामना और परिवार की सुख-समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

तीज़ के प्रकार
- तीज़ मुख्यतः तीन प्रकार की होती है, जो अलग-अलग समय और राज्यों में मनाई जाती है:
- हरियाली तीज़: श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि को मनाई जाती है।
- यह मानसून की हरियाली और नए जीवन का स्वागत करती है। महिलाएँ हरे रंग के कपड़े पहनती हैं।
- कजरी तीज़: भाद्रपद महीने के कृष्ण पक्ष की तीसरी तिथि को खासकर उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में मनाई जाती है।
- महिलाएँ पारंपरिक लोकगीत गाती हैं और परिवार की खुशहाली के लिए प्रार्थना करती हैं।
- हरतालिका तीज़: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तीसरी तिथि को मनाई जाती है—
- पौराणिक कथा के अनुसार, इसी दिन देवी पार्वती ने तप कर भगवान शिव को पति रूप में पाया था।

तीज़ की प्रमुख परंपराएँ
- व्रत और पूजा: विवाहित और अविवाहित महिलाएँ निराजल व्रत रखकर भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करती हैं, अच्छे दांपत्य जीवन और पति की लंबी आयु की कामना करती हैं।
- सिंगार और मेहंदी: महिलाएँ पारंपरिक हरे, लाल या पीले वस्त्र पहनती हैं, आभूषणों से सजती हैं और हाथों-पैरों में मेहंदी लगाती हैं।
- झूले और लोकगीत: खूब झूले पड़ते हैं—अक्सर पेड़ों पर झूले लगाए जाते हैं और महिलाएँ तथा लड़कियाँ झूलती हैं। इस दौरान तीज़ के पारंपरिक गीत गाए जाते हैं।
- पारिवारिक मिलन और उपहार: विवाहित बेटियों को मायके से उपहार, कपड़े, मिठाई आदि भेजी जाती हैं। नवविवाहिताओं को खास तौर पर गहने या उपहार मिलते हैं।
- भोज और मिठाइयाँ: व्रत खुलने पर तरह-तरह के व्यंजन बनते हैं।
- घेवर, दाल-बाटी-चूरमा, बेसन के लड्डू, साबूदाना की खीर आदि खासतौर से बनाए जाते हैं।

विभिन्न क्षेत्रों में तीज़ का रंग
- राजस्थान: तीज़ यहाँ की संस्कृति का महत्वपूर्ण हिस्सा है—जयपुर की तीज़ की शोभायात्रा और रंगीन उत्सव पूरे देश में प्रसिद्ध हैं।
- सड़कों पर झांकियाँ, नृत्य और संगीत के रंग बिखर जाते हैं।
- हरियाणा और पंजाब: यहाँ तीज़ को बड़े उत्साह से मनाया जाता है—ग्रामीण परिवेश में उत्सव, लोकगीत, गिद्दा, मेहंदी और मेलों की धूम रहती है।
- नेपाल: नेपाली महिलाएँ खास लाल साड़ी और गहनों में सजीधजी, सामूहिक भजन, उपवास और नृत्य के साथ तीज़ मनाती हैं।

तीज़ का आधुनिक स्वरूप
समय के साथ तीज़ ने आधुनिक रूप भी ग्रहण किया है—शहरी क्षेत्रों में सामूहिक कार्यक्रम, फैशन शो, मेहंदी प्रतियोगिता आदि आयोजित होते हैं।
सोशल मीडिया पर भी महिलाएँ अपने तीज़ के रूप और तैयारी को साझा करती हैं।
अब पर्यावरण के प्रति जागरुकता बढ़ी है, जिससे इको-फ्रेंडली सजावट, नेचुरल मेहंदी व प्लास्टिक का कम इस्तेमाल होने लगा है।
तीज़ का सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व
तीज़ नारीत्व, सखीभाव, समर्पण, संस्कृति एवं परंपरा के संरक्षण का उत्सव है। यह त्योहार महिलाओं को एकजुट करता है,
उनकी खुशियों को साझा करने का अवसर देता है, साथ ही अगली पीढ़ी तक परंपराओं को पहुंचाता है।
तीज़ न सिर्फ एक त्योहार, बल्कि नारी शक्ति, प्रेम, समर्पण और भारतीय संस्कृति के रंगों का उत्सव है।
इस पावन पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
- हरियाली तीज़: 27 जुलाई 2025
- कजरी तीज़: 12 अगस्त 2025
“तीज़ मनाएं और अपने जीवन में हरियाली, प्रेम और सुख-समृद्धि का स्वागत करें!




















