Eid Kab Hai 2025: ईद 2025 कब है और क्यों यह साल आपके लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक बन सकता है? जानिए पूरी जानकारी
March 29, 2025 2025-03-29 15:15Eid Kab Hai 2025: ईद 2025 कब है और क्यों यह साल आपके लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक बन सकता है? जानिए पूरी जानकारी
Eid Kab Hai 2025: ईद 2025 कब है और क्यों यह साल आपके लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक बन सकता है? जानिए पूरी जानकारी
Eid Kab Hai 2025: ईद 2025 में रमज़ान के महीने के अंत में मनाई जाएगी, जो इस्लामी कैलेंडर के अनुसार तय होती है।
इस साल ईद-उल-फित्र 31 मार्च 2025 (संभावित तिथि) को मनाई जा सकती है, चाँद के दीदार पर निर्भर करता है।
ईद का त्योहार भाईचारे, खुशी और इबादत का प्रतीक होता है।
लोग इस दिन एक-दूसरे को ईद मुबारक कहकर गले मिलते हैं और सेवइयों से मिठास बांटते हैं।
ईद 2025 की सटीक तारीख चाँद दिखने पर आधिकारिक रूप से घोषित की जाएगी।

ईद क्या है?
ईद इस्लामिक कैलेंडर का एक प्रमुख त्योहार है, जिसे मुसलमान खुशी और उल्लास के साथ मनाते हैं।
यह रमजान के पवित्र महीने के बाद आता है,
जब मुसलमान पूरे महीने रोज़े रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं।
ईद के दिन, लोग सुबह जल्दी उठकर, ईद की नमाज अदा करते हैं, जो एक सामूहिक नमाज होती है।
इस दिन, लोग एक-दूसरे को गले लगाते हैं, मिठाइयाँ वितरित करते हैं और दुआ करते हैं।
ईद का मतलब “उत्सव” या “खुशी का दिन” होता है।
यह दिन मुसलमानों के लिए आत्म-निर्वाण, संयम और शांति का प्रतीक है।
लोग इस दिन गरीबों को ज़कात देते हैं, ताकि हर कोई इस खुशी के मौके का हिस्सा बन सके।
घरों में नए कपड़े पहने जाते हैं, और विशेष रूप से मिठाइयों जैसे सेवइयाँ बनाई जाती हैं।
यह त्योहार समाज में भाईचारे, प्यार और एकता का संदेश देता है।
ईद उल – फ़ितर क्या है?
ईद उल-फ़ित्र इस्लामिक कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण त्योहार है,
जो रमजान महीने के बाद मनाया जाता है।
यह त्योहार रमजान के उपवास (रोज़े) के समाप्ति के साथ खुशी और आभार के रूप में मनाया जाता है।
ईद उल-फ़ित्र का मुख्य उद्देश्य अल्लाह का धन्यवाद करना और गरीबों को ज़कात (दान) देना होता है,
ताकि हर कोई इस खुशी में शामिल हो सके। इस दिन, मुसलमानों द्वारा विशेष नमाज अदा की जाती है
और एक-दूसरे से गले मिलकर ईद की शुभकामनाएँ दी जाती हैं।
यह दिन भाईचारे, एकता और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है।
ईद-उल-फितर कैसे मनाई जाती है?
सुबह जल्दी उठना: ईद के दिन, मुसलमान सुबह जल्दी उठकर नहाते हैं और अच्छे कपड़े पहनते हैं।
ईद की नमाज अदा करना: सामूहिक रूप से ईद की नमाज अदा की जाती है, जो मस्जिद या खुले मैदान में होती है।
ज़कात उल-फ़ित्र देना: नमाज से पहले, ज़कात उल-फ़ित्र (दान) दी जाती है, ताकि गरीब और जरूरतमंद लोग भी इस खुशी में शामिल हो सकें।
एक-दूसरे को गले मिलना: नमाज के बाद, लोग एक-दूसरे से गले मिलते हैं और ईद की शुभकामनाएँ देते हैं।
मिठाइयाँ बांटना और परिवार के साथ खुशियाँ मनाना: लोग मिठाइयाँ बांटते हैं और परिवार तथा दोस्तों के साथ मिलकर खुशी और भाईचारे का जश्न मनाते हैं।
ईद-उल-फितर क्यों मनाया जाता है?
ईद-उल-फितर की शुरुआत पैगंबर मुहम्मद (सल्ल.) के समय से मानी जाती है।
रमजान के महीने के उपवास (रोज़ा) के बाद मुसलमानों को ईद मनाने का आदेश दिया गया था,
ताकि वे अपने उपवास की कठिनाइयों को समाप्त कर सकें और अल्लाह का धन्यवाद करें।
यह दिन खुशियों और सामाजिक एकता का प्रतीक है,
जहां लोग एक-दूसरे से मिलकर ईद की बधाई देते हैं और ज़कात-उल-फितर (एक प्रकार का दान) देते हैं,
ताकि गरीब और ज़रूरतमंद भी खुशी से इस दिन का हिस्सा बन सकें।
ईद-उल-फितर की ऐतिहासिक उत्पत्ति उस समय से जुड़ी है जब पैगंबर मुहम्मद (सल्ल.) ने मुसलमानों को रमजान के महीने के बाद एक खुशी के दिन का पालन करने का आदेश दिया था। यह दिन उन मुसलमानों के लिए था जिन्होंने रमजान में उपवास रखा था और अल्लाह से आशीर्वाद प्राप्त किया था। ईद-उल-फितर की नमाज एक सामूहिक नमाज होती है, जो आमतौर पर सुबह के समय मस्जिदों में अदा की जाती है।
इस दिन को मनाने का उद्देश्य रमजान के महीने के दौरान खुद को शुद्ध करना और अल्लाह के प्रति आभार व्यक्त करना होता है।
साथ ही, यह समाज में भाईचारे और एकता को बढ़ावा देने का दिन है,
जहां लोग एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं, रिश्ते मजबूत करते हैं, और जरूरतमंदों को सहायता प्रदान करते हैं।
यह पर्व मुस्लिम समुदाय के लिए एक खुशियों का अवसर होता है और इसे धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से एक अहम स्थान प्राप्त है।
ईद उल फ़ितर 2025 कब है?
025 में ईद उल फ़ितर रविवार 30 मार्च 2025 या सोमवार 31 मार्च 2025 को मनाई जाएगी, जो चाँद के दिखने पर निर्भर करेगा। यह इस्लामी कैलेंडर के 10वें महीने शव्वाल का पहला दिन है