Bhai Dooj and Raksha Bandhan difference: भाई दूज और रक्षाबंधन में अंतर: टॉप 10 पॉइंट्स के साथ दोस्ताना ब्लॉग
July 17, 2025 2025-07-17 7:02Bhai Dooj and Raksha Bandhan difference: भाई दूज और रक्षाबंधन में अंतर: टॉप 10 पॉइंट्स के साथ दोस्ताना ब्लॉग
Bhai Dooj and Raksha Bandhan difference: भाई दूज और रक्षाबंधन में अंतर: टॉप 10 पॉइंट्स के साथ दोस्ताना ब्लॉग
Bhai Dooj and Raksha Bandhan difference: भाई-बहन के रिश्ते को मनाने वाले दोनों ही भारतीय त्योहार हमारी संस्कृति की आत्मा हैं। मगर अकसर लोग इन दोनों के बीच फर्क समझने में असमंजस में रहते हैं। यहाँ जानिए भाई दूज और रक्षाबंधन किस तरह अलग हैं—टॉप 10 अंतर के साथ, सरल और मिलनसार भाषा में!
Bhai Dooj and Raksha Bandhan difference
भाई दूज में बहनें भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं, जबकि रक्षाबंधन में बहनें भाई की कलाई पर राखी बांधती हैं।
(भाई दूज दिवाली के बाद आती है, जबकि रक्षाबंधन अगस्त में मनाया जाता है।)
1) मनाए जाने की तारीख

रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा के दिन (आमतौर पर अगस्त), सावन मास में मनाया जाता है।
भाई दूज दीपावली के दो दिन बाद, कार्तिक शुक्ल द्वितीया को (आमतौर पर अक्टूबर/नवंबर) मनाया जाता है।
2) क्या होता है मुख्य अनुष्ठान?

रक्षाबंधन बहन भाई की कलाई पर राखी बांधती है, तिलक करती है और मिठाई खिलाती है। भाई बदले में उसकी रक्षा का वचन और उपहार देता है।
भाई दूज बहन भाई के माथे पर तिलक लगाती है, उसकी आरती करती है, खाना खिलाती है। भाई उपहार या पैसे देता है, लेकिन राखी नहीं बांधती जाती।
3) त्योहार का मुख्य उद्देश्य

रक्षाबंधन भाई की रक्षा और संबंध की मजबूती प्रतीक।
भाई दूज भाई की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि की कामना और भाई-बहन के रिश्ते को सेलिब्रेट करना।
4) धार्मिक मान्यता/कथा

रक्षाबंधन कई कथाएँ; एक कथा में इंद्र की पत्नी ने युद्ध में रक्षा के लिए इंद्र को राखी बांधी थी।
भाई दूज यमराज और यमुना की कथा—यम अपनी बहन यमुना के घर गए, यमुना ने तिलक कर स्वागत किया, तभी से यह परंपरा शुरू हुई।
5) पूजा-स्थल व सामग्री

रक्षाबंधन पूजा थाली में राखी, चावल, रोली, दीपक, मिठाई आदि।
भाई दूज पूजा थाली में तिलक के लिए रोली/चंदन, अक्षत, नारियल (श्रीफल), मिठाई, आरती की थाली, पकवान आदि।
6) बहन अपने भाई को क्या देती है

रक्षाबंधन राखी बांधती है।
भाई दूज केवल तिलक करती है, राखी नहीं बांधती।
7) भोजन/भोज की परंपरा

रक्षाबंधन वैसे तो मिठाई जरूर होती है, पर प्रायः खास भोज का ज़ोर नहीं।
भाई दूज बहन अपने भाई को भोजन करवाती है—यह मुख्य रस्म मानी जाती है।
8) उपहार का चलन

दोनों त्योहारों में उपहार दिए जाते हैं, पर भाई दूज में आमतौर पर भाई बहन के घर जाकर उसे उपहार देता है, जबकि रक्षा बंधन में कुछ घरों में बहनों को उपहार भेजना भी आम है।
9) क्षेत्रीय विविधता

रक्षाबंधन पूरे भारत में मनाया जाता है।
भाई दूज कई नामों से जाना जाता है—भैया दूज, भाई फोंटा, भाऊ बीज, भाई तिहार आदि। हर राज्य में मामूली रिवाज अलग हो सकते हैं।
10) सामाजिक-सांस्कृतिक महत्व

रक्षाबंधन सामाजिक सौहार्द, परिवार की एकजुटता और रिश्तों की ताजगी लाता है।
भाई दूज: भाई की लंबी उम्र की कामना के साथ बहन-भाई के रिश्ते की प्रगाढ़ता का उत्सव है।
संक्षिप्त में कहें तो:
रक्षाबंधन और भाई दूज दोनों भाई-बहन के रिश्ते का जश्न हैं परंतु उनके रस्म, अनुष्ठान, उद्देश्य और समय में अंतर है। आप अपने भाई या बहन के साथ इन त्योहारों का आनंद लें और रिश्तों को मजबूत बनाएं!
रिश्तों की मिठास यूं ही बनी रहे—शुभकामनाएं!