पश्चिम बंगाल चुनाव 2026 : पश्चिम बंगाल में एक बड़ा विवाद छिड़ गया है। कोलकाता (कलकत्ता) के कई इलाकों में मतदाता सूची के ड्राफ्ट रोल में हजारों जीवित लोगों के नाम मृत (Dead) के रूप में दर्ज कर दिए गए हैं। द टेलीग्राफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, यह समस्या ऑंगोइंग सिर एक्सरसाइज (वर्तमान मतदाता सूची संशोधन) के दौरान सामने आई है। चुनाव आयोग ने 2025-26 के लिए नए मतदाता सूची तैयार कर रही है, लेकिन इसमें बड़ी गड़बड़ी देखी गई।
पश्चिम बंगाल चुनाव 2026 क्या है पूरा मामला!
#पश्चिम बंगाल चुनाव आयोग ने ऑगोइंग सिर एक्सरसाइज के तहत 1 दिसंबर 2025 को ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल जारी किया। इस ड्राफ्ट में कई इलाकों के मतदाताओं ने देखा कि उनके नाम के आगे “Dead” लिखा हुआ है। प्रभावित इलाकों में शामिल हैं:

- कोलकाता उत्तर (North Kolkata)
- कोलकाता दक्षिण (South Kolkata)
- हावड़ा
- उत्तर 24 परगना
- दक्षिण 24 परगना
कई लोगों ने शिकायत की कि वे जीवित हैं, रोज ऑफिस जाते हैं, लेकिन उनकी डिटेल्स मृत के रूप में दिख रही हैं। एक 45 वर्षीय व्यक्ति ने बताया, “मैं रोज वोटर आईडी लेकर घूमता हूं, लेकिन अब मेरा नाम मृतों की लिस्ट में है।”
प्रभावित लोगों की संख्या
प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार:
- कोलकाता में ही 15,000+ नाम मृत घोषित
- पश्चिम बंगाल पूरे में 1 लाख+ संभावित प्रभावित
- टीएमसी और बीजेपी दोनों ने आरोप लगाए कि यह वोटर कटाई (Voter Deletion) की साजिश है
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं!
- टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा: “यह बीजेपी की साजिश है। वे बंगाल में वोटरों को हटाकर चुनाव प्रभावित करना चाहते हैं।”
- बीजेपी ने पलटवार किया: “टीएमसी ने 2019-2021 में लाखों फर्जी वोटर डाले थे, अब सफाई हो रही है।”
- चुनाव आयोग ने कहा: “यह तकनीकी गड़बड़ी है। शिकायत पर नाम सुधारेंगे। अंतिम रोल जनवरी 2026 तक जारी होगा।”
मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया 2025-26
चुनाव आयोग की ऑगोइंग सिर एक्सरसाइज हर साल होती है। मुख्य तिथियां:
- ड्राफ्ट रोल: 1 दिसंबर 2025
- दावा-आपत्ति: 1 दिसंबर से 31 दिसंबर 2025
- अंतिम प्रकाशन: 31 जनवरी 2026
वोटरों को Form-8 भरकर नाम सुधार सकते हैं। लेकिन कई इलाकों में लोग शिकायत कर रहे हैं कि उनकी शिकायतें नहीं सुनी जा रही।
क्या करें अगर आपका नाम मृत सूची में है?
- Form-8 डाउनलोड करें
- स्थानीय बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) से संपर्क करें
- आधार, वोटर आईडी, राशन कार्ड जैसा प्रूफ जमा करें
- ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायत दर्ज करें
क्यों हो रही है यह समस्या?
- डेटा माइग्रेशन में त्रुटि
- पुरानी रिकॉर्ड से मृत लोगों के नाम नहीं हटाए गए
- फर्जी डेटा की सफाई के नाम पर गलत हटाना
- राजनीतिक दबाव का आरोप
यह मामला 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले बंगाल की राजनीति को गरमा रहा है। अगर लाखों नाम नहीं सुधारे गए तो वोटरों का बड़ा नुकसान हो सकता है।
पश्चिम बंगाल के वोटरों से अपील: जल्द से जल्द चेक करें अपनी डिटेल्स और सुधार करवाएं। क्या आपका नाम भी प्रभावित है? कमेंट में बताएं!










