एक्सिस बैंक शेयर प्राइस : 16 दिसंबर 2025 को एक्सिस बैंक के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई। निफ्टी 50 इंडेक्स पर सबसे ज्यादा नुकसान उठाने वाला स्टॉक बनते हुए यह करीब 4% तक गिर गया। इसका मुख्य कारण बैंक मैनेजमेंट का नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) रिकवरी में देरी का नया अनुमान है। पहले तीसरी तिमाही में NIM के बॉटम आउट होने की उम्मीद थी, लेकिन अब यह चौथी तिमाही या FY26 की पहली तिमाही तक खिसक गई है।
NIM रिकवरी में देरी क्यों?
एक्सिस बैंक के मैनेजमेंट ने सिटी रिसर्च को बताया कि मार्जिन एक उथले C-आकार की रिकवरी पथ पर होंगे। दूसरी तिमाही FY26 में NIM 3.73% था, जिसे अगले 15-18 महीनों में 3.8% तक ले जाने का लक्ष्य है। पहले की गाइडेंस से यह देरी निवेशकों को निराश कर रही है। उच्च फंडिंग कॉस्ट और डिपॉजिट ग्रोथ पर दबाव के कारण मार्जिन पर असर पड़ रहा है।

- बैंक का कॉर्पोरेट सेगमेंट अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, जबकि रिटेल बिजनेस में रिकवरी के संकेत दिख रहे हैं।
- क्रेडिट कार्ड पोर्टफोलियो में स्ट्रेस कम हो रहा है और पर्सनल लोन ग्रोथ स्थिर हो रही है।
- एक्सपोर्ट ओरिएंटेड MSME में कोई बड़ा स्ट्रेस नहीं दिख रहा। हालांकि
- तीसरी तिमाही में एग्रीकल्चर साइकिल के कारण स्लिपेज में मौसमी बढ़ोतरी हो सकती है
- लेकिन यह पहली तिमाही जितनी गंभीर नहीं होगी।
सिटी रिसर्च की रिपोर्ट क्या कहती है?
सिटी ने एक्सिस बैंक पर ‘न्यूट्रल’ रेटिंग बरकरार रखी है और टारगेट प्राइस ₹1,285 तय किया है। रिपोर्ट में कहा गया कि फी-टू-एसेट रेशियो का ऑप्टिमाइजेशन निकट भविष्य में सीमित रहेगा। रिटेल बिजनेस की रिकवरी पर नजर रखने की जरूरत है, हालांकि कॉर्पोरेट सेगमेंट में ट्रैक्शन बढ़ रहा है।
शेयर प्राइस पर असर और मार्केट रिएक्शन
सुबह के कारोबार में एक्सिस बैंक के शेयर 4% तक गिरकर निफ्टी के टॉप लूजर बन गए। यह गिरावट मैनेजमेंट की नई गाइडेंस के बाद आई। निवेशक मार्जिन रिकवरी की देरी से चिंतित हैं, क्योंकि NIM बैंक की प्रॉफिटेबिलिटी का प्रमुख इंडिकेटर है। लंबी अवधि में बैंक का लक्ष्य 3.8% NIM हासिल करना है, जो सकारात्मक है, लेकिन शॉर्ट टर्म में दबाव बना रहेगा।
एक्सिस बैंक भारत के प्रमुख प्राइवेट सेक्टर बैंकों में से एक है। CEO अमिताभ चौधरी के नेतृत्व में बैंक डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और ग्रोथ पर फोकस कर रहा है। हालांकि, मौजूदा मार्केट कंडीशन में डिपॉजिट मोबिलाइजेशन और लोन ग्रोथ बैलेंस करना चुनौतीपूर्ण है।
निवेशकों के लिए सलाह
- अगर आप एक्सिस बैंक में निवेशित हैं तो स्टॉक की मॉनिटरिंग करें। सिटी की न्यूट्रल रेटिंग
- से लंबी अवधि में स्थिरता की उम्मीद है, लेकिन शॉर्ट टर्म में वोलेटिलिटी रह सकती है।
- आगे की तिमाही रिजल्ट्स पर नजर रखें, जहां मार्जिन ट्रेंड साफ होगा।
- यह गिरावट बैंकिंग सेक्टर की व्यापक चुनौतियों को दर्शाती है
- जैसे हाई इंटरेस्ट रेट और डिपॉजिट कॉम्पिटिशन। फिर भी, एक्सिस बैंक की मजबूत
- बैलेंस शीट और डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो लंबे समय में रिटर्न दे सकता है।











