देहरादून आवारा कुत्ते : उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में खतरनाक कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। यहां 2025 तक लगभग 4097 खतरनाक नस्ल के कुत्ते पाले जा रहे हैं, जिनमें से पिटबुल, रॉटविलर, डाबरमैन, बॉक्सर जैसी खतरनाक नस्लें शामिल हैं। यह तथ्य दर्शाता है कि प्रशासन ने इस गंभीर समस्या को रोकने में पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं।
खतरनाक कुत्तों की बढ़ती संख्या
देहरादून नगर निगम के अनुसार शहर में खतरनाक प्रजाति के चार हजार से अधिक कुत्ते हैं, जो कानूनी अनुमति के बिना पाल रहे हैं। इनमें लगभग 98 पिटबुल कुत्ते हैं, जिन्हें भारत के कई देशों की तरह प्रतिबंधित किया गया है। बावजूद इसके, अवैध रूप से इन कुत्तों को पालना जारी है।

प्रशासन की कार्रवाई में कमी
नगर निगम और पुलिस कई बार कड़े कदम उठाने का वादा करते हुए भी, ठोस कार्रवाई करने में असफल रहे हैं। पालतू कुत्तों के पंजीकरण और बंध्याकरण की कार्रवाइयां अधूरी हैं। इसके चलते गली-मोहल्लों में खतरनाक कुत्तों का आतंक बना हुआ है।
डॉग बाइट की घटनाएँ बढ़ीं
2025 में देहरादून में कुत्तों के हमले के कई मामले दर्ज हुए हैं। बुजुर्गों, महिलाओं व बच्चों पर खतरनाक नस्ल के कुत्तों के हमले से लोग भयभीत हैं।शहर के विभिन्न इलाकों में आवारा कुत्ते भी बड़ी संख्या में सक्रिय हैं, जिनके काटने के मामले भी तेजी से बढ़े हैं।
कानून और नियमों की अनदेखी
केंद्र सरकार ने मार्च 2024 में 23 खतरनाक कुत्तों की प्रजनन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया, लेकिन स्थानीय स्तर पर इसका पालन नहीं हो रहा। इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता की धारा 291 के तहत कुत्ते के काटने पर मालिक को सजा का प्रावधान है, फिर भी नियमों की अनदेखी की जाती है।
###市民ों की परेशानी और शिकायतें!
- नागरिक आवारा तथा पालतू खतरनाक कुत्तों की समस्या लेकर नगर निगम सहित पुलिस
- प्रशासन से बार-बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।
- सुरक्षा की कमी के कारण लोग रात में जरा भी बाहर निकलने से डरते हैं।
प्रशासन ने क्या किया?
हाल ही में नगर निगम ने “अग्रेसिव डॉग सेंटर” बनाने का प्रयास किया है, जहां आक्रामक कुत्तों को रखा जाएगा। फिर भी रोजाना आवारा कुत्तों की बड़ी संख्या सड़कों पर देखी जाती है। पशु नियंत्रण में सख्ती एवं जागरूकता अभियान की आवश्यकतानुसार कमी है।
समस्या के समाधान के उपाय
- पालतू कुत्तों का पंजीकरण अनिवार्य एवं कड़ी निगरानी
- कानूनी कार्रवाई तेज करें, नियमों का उल्लंघन करने वालों को सजा
- आवारा कुत्तों का नियंत्रण हेतु प्रभावी बंध्याकरण अभियान चलाएं
- सार्वजनिक जागरूकता फैलाएं जिससे लोगों को खतरनाक नस्लों के प्रति सचेत किया जा सके
- नगर निगम और पुलिस के बीच समन्वय बेहतर हो, नियमित गश्त बढ़ाएं
- देहरादून में खतरनाक कुत्तों की बढ़ती संख्या एक सुरक्षा संकट के रूप में उभर रही है।
- प्रशासन को चाहिए कि वे जनता की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए तत्काल प्रभावी
- और ठोस कदम उठाएं। साथ ही, नागरिकों को भी इस मुद्दे पर सजग
- और जिम्मेदार होना होगा, ताकि शहर को सुरक्षित रखा जा सके।












