Tata Motors Demerger : क्या है शेयर स्प्लिट का मतलब और निवेशकों के लिए इसके मायने?
May 22, 2025 2025-05-22 11:10Tata Motors Demerger : क्या है शेयर स्प्लिट का मतलब और निवेशकों के लिए इसके मायने?
Tata Motors Demerger : क्या है शेयर स्प्लिट का मतलब और निवेशकों के लिए इसके मायने?
Tata Motors Demerger : भारत की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी टाटा मोटर्स ने हाल ही में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है, जिससे शेयर बाजार में हलचल मच गई है। कंपनी के शेयरधारकों ने लगभग सर्वसम्मति से टाटा मोटर्स के डिमर्जर (Demerger) प्लान को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत कंपनी को दो अलग-अलग सूचीबद्ध कंपनियों में बांटा जाएगा — एक पैसेंजर व्हीकल (PV) बिजनेस के लिए और दूसरी कमर्शियल व्हीकल (CV) बिजनेस के लिए। आइए जानते हैं कि यह डिमर्जर क्या है, शेयर स्प्लिट का क्या असर होगा और निवेशकों के लिए इसके क्या मायने हैं।
क्या है Tata Motors का डिमर्जर और शेयर स्प्लिट?
टाटा मोटर्स ने मार्च 2024 में अपने कमर्शियल व्हीकल (ट्रक, बस आदि) और पैसेंजर व्हीकल (कार, SUV, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, और जगुआर लैंड रोवर जैसी लग्जरी गाड़ियां) बिजनेस को अलग-अलग कंपनियों में बांटने का ऐलान किया था। मई 2025 में हुई वोटिंग में 99.9995% शेयरधारकों ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी।

Tata Motors Demerger
डिमर्जर के बाद, टाटा मोटर्स के मौजूदा हर शेयरधारक को एक-एक शेयर दोनों नई कंपनियों में मिलेंगे — यानी 1:1 का अनुपात रहेगा। उदाहरण के लिए, अगर आपके पास टाटा मोटर्स के 100 शेयर हैं, तो डिमर्जर के बाद आपके पास पैसेंजर व्हीकल कंपनी के 100 और कमर्शियल व्हीकल कंपनी के 100 शेयर होंगे। दोनों कंपनियों के शेयरों का फेस वैल्यू ₹2 रहेगा।
डिमर्जर कब होगा और क्या बदलेगा?
हालांकि शेयरधारकों की मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन असल में डिमर्जर की प्रक्रिया पूरी होने में अभी समय लगेगा। उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025-26 की तीसरी तिमाही (Q3 FY26) तक यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके बाद दोनों कंपनियां स्वतंत्र रूप से स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होंगी और अपना-अपना कारोबार स्वतंत्र रूप से चला सकेंगी।
निवेशकों के लिए क्या है फायदा?
स्पष्ट बिजनेस फोकस: पैसेंजर और कमर्शियल व्हीकल बिजनेस अलग-अलग होकर अपनी-अपनी रणनीतियों पर फोकस कर सकेंगे, जिससे ग्रोथ की संभावना बढ़ेगी।
मूल्य अनलॉकिंग: डिमर्जर से दोनों कंपनियों की वैल्यू अलग-अलग
दिखेगी, जिससे निवेशकों को अपने निवेश का सही मूल्य पता चल सकेगा।
शेयरहोल्डिंग संरचना: शेयरधारकों की हिस्सेदारी दोनों कंपनियों में समान रहेगी
जिससे किसी भी हिस्से में वैल्यू ग्रोथ का फायदा मिल सकता है
मार्केट रिस्पॉन्स: डिमर्जर की खबर के बाद टाटा मोटर्स के शेयरों में 4% से
ज्यादा की तेजी देखी गई, जिससे बाजार में सकारात्मक माहौल बना
क्या हैं चुनौतियां और जोखिम?
प्रक्रिया में समय: डिमर्जर की प्रक्रिया लंबी हो सकती है
जिससे शेयर प्राइस में अस्थिरता आ सकती है।
बिजनेस रिस्क: दोनों कंपनियों के सामने अपने-अपने सेगमेंट
में मार्केट, टेक्नोलॉजी और प्रतिस्पर्धा की चुनौतियां रहेंगी।
शेयर प्राइस वोलैटिलिटी: पिछले एक साल में टाटा मोटर्स के
शेयर में उतार-चढ़ाव रहा है, जो आगे भी जारी रह सकता है।
टाटा मोटर्स का यह डिमर्जर भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए एक बड़ा बदलाव है।
इससे कंपनी को अपने दोनों प्रमुख बिजनेस सेगमेंट में स्वतंत्र रूप से ग्रोथ
की संभावना मिलेगी और निवेशकों को अपने निवेश का वास्तविक मूल्य नजर आएगा।
हालांकि, निवेशकों को यह ध्यान रखना चाहिए कि शेयर बाजार में हर
बदलाव के साथ जोखिम भी जुड़े होते हैं। इसलिए, निवेश से
पहले अपनी रिसर्च जरूर करें और लॉन्ग टर्म दृष्टिकोण रखें।