Vivah Panchami 2025 : विवाह पंचमी 2025 का पावन उत्सव भव्यता और धार्मिक माहौल के बीच मटकोर से आरंभ हो चुका है। इस दिन संकटमोचन मंदिर और रामजानकी मठ जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों पर तीन दिवसीय श्री सीताराम विवाह महोत्सव का आयोजन हुआ, जिसमें विख्यात लोक परंपराओं का पालन किया गया। मटकोर की रस्म विधिपूर्वक सम्पन्न हुई, जिसमें पारंपरिक पोशाक में महिलाएं और श्रद्धालु शामिल हुए और मां जानकी पर पुष्पवर्षा कर आरती उतारी गई। इससे पूरे क्षेत्र में उत्सव का जश्न गूंज उठा।
मटकोर से शुरू हुआ उत्सव
विवाह पंचमी के पहले दिन मटकोर की लोक परंपरा के तहत पूजा और मटकोर रस्मों का आयोजन किया गया। मठ के प्रमुख और गणमान्यजनों की देखरेख में यह कार्यक्रम धूमधाम से संपन्न हुआ। श्रद्धालुओं ने विधिवत पूजा-अर्चना कर माता सीता और भगवान राम के पवित्र विवाह के लिए आशीर्वाद मांगा। इस दौरान भक्तिमयी संध्या आरती और भजन-मंडली ने वातावरण भक्तिमय कर दिया।

संकटमोचन मंदिर में चलेगी श्रीराम चरितमानस की पाठशाला
संकटमोचन मंदिर में 25 नवंबर से तीन दिसंबर तक चलने वाले महोत्सव के दौरान रोजाना 111 ब्राह्मण श्रीराम चरितमानस का पारायण करेंगे। इसके अलावा शाम को मानस सम्मेलन और प्रवचन भी होंगे, जो भक्तों के लिए आध्यात्मिक अनुभव का केन्द्र होंगे।
शाम को निकलेगी भव्य बारात शोभायात्रा
25 नवंबर की शाम को लगभग 4 बजे भव्य श्रीराम बारात शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें हजारों श्रद्धालु पारंपरिक भंगिमा में शामिल होकर इस पर्व को रौनक देंगे। यह शोभायात्रा मटकोर से निकलकर पूरे शहर में भगवान राम और सीता के विवाह की जयकारे गूंजाएगी। शोभायात्रा के दौरान पारंपरिक लोकगीत, झांकियाँ और नृत्य प्रस्तुत होंगे, जिससे इस ऐतिहासिक विवाह का जीवंत चित्र नजर आएगा।
विवाह पंचमी की धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता
- विवाह पंचमी सनातन धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जो भगवान श्रीराम और माता सीता के
- पवित्र विवाह की याद दिलाता है। इस दिन श्रद्धालु उपवास, पूजा, और धार्मिक अनुष्ठान संपन्न करते हैं
- ताकि उनके वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे। मिथिला की सांस्कृतिक
- परंपराओं और लोकगीतों के माध्यम से इस त्योहार को जीवंत रखा जाता है।
अन्य आयोजन और उत्सव की तैयारियां
रामजानकी मठ सहित अन्य प्रमुख मंदिरों में हल्दी, तिलकोत्सव, पूजा-मटकोर, और विवाह जिन रस्मों का आयोजन होगा, उनकी तैयारियां पूरी हैं। इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन संध्या, और धार्मिक प्रवचन भी आयोजित किए जाएंगे। आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
भक्तों की आस्था का प्रतीक
- भारत और नेपाल के विभिन्न हिस्सों से भारी संख्या में श्रद्धालु इस उत्सव में शामिल हो रहे हैं।
- मटकोर की रस्म से लेकर बारात परिसर तक पूरे जन-जीवन में उत्सव की गर्माहट देखी जा रही है।
- लोगों की आस्था और उमंग इस धार्मिक आयोजन को विशेष बना रही है।












