यूपी पॉवर कार्पोरेशन : उत्तर प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए बढ़े हुए दामों का सामना करना पड़ रहा है। यूपी पॉवर कार्पोरेशन ने नए बिजली कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर की लागत लगभग छह गुना बढ़ा दी है, जो करीब ₹6,000 तक पहुंच गई है।

इस बढ़ी हुई कीमत को लेकर उपभोक्ता परिषद ने कम्पनी पर सवाल उठाए हैं और कहा है कि यह राशि बिना नियामक आयोग की मंजूरी के वसूली जा रही है, जो नियमों का उल्लंघन है।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर की बढ़ी कीमत पर विवाद
- UPPCL ने नए कनेक्शन पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना अनिवार्य कर दिया है, लेकिन मीटर की कीमत
- पुराने मीटर की तुलना में छह गुना अधिक कर दी गई है। UP बिजली नियामक आयोग (UPERC)
- ने इस कीमत को अवैध बताया है, क्योंकि यह आयोग से अनुमति लिए बिना तय की गई है।
- इससे उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है, खासकर उन परिवारों पर जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
उपभोक्ता परिषद की गंभीर आपत्ति
- उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इस मामले में याचिका दाखिल कर यूपी पॉवर कार्पोरेशन
- के रवैये पर आपत्ति जताई है। परिषद का कहना है कि मीटर के लिए इतने अधिक पैसे वसूलना उपभोक्ता
- अधिकारों का उल्लंघन है और इसे वापस लेना होगा। उन्होंने आयोग से आदेश का
- पालन सुनिश्चित करने और अनियमित वसूली रोकने की मांग की है।
किश्तों में भुगतान की सुविधा
उपभोक्ताओं की मुश्किलों को देखते हुए यूपी पॉवर कार्पोरेशन ने अब स्मार्ट मीटर का भुगतान एकमुश्त नहीं बल्कि किस्तों में करने की सुविधा देने की घोषणा की है। इसके तहत उपभोक्ता एकमुश्त रुपये जमा करने की बजाय महीने में निर्धारित किस्तों में भुगतान कर सकते हैं। यह कदम खासकर गरीब और मामूली व्यापारियों के लिए राहत साबित होगा।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर के फायदे!
स्मार्ट प्रीपेड मीटर बिजली की खपत को बेहतर तरीके से नियंत्रित करने में सहायक है। यह उपभोक्ता को अपनी बिलिंग और खपत की पूरी जानकारी रियल टाइम में देता है, जिससे बिजली की बर्बादी कम होती है और बिलिंग प्रक्रिया पारदर्शी होती है।
लेकिन विवाद जारी!
- इसके बावजूद उपभोक्ता परिषद और नियामक आयोग दोनों ने यूपी पॉवर कार्पोरेशन पर उपभोक्ताओं
- को एक्स्ट्रा चार्ज वसूलने का आरोप लगाया है। आयोग ने कंपनी को 15 दिन के भीतर जवाब देने को कहा है।
- यदि कंपनी नियमों का उल्लंघन करती है तो कानून के तहत कार्रवाई हो सकती है।
उपभोक्ताओं के लिए क्या करें?
- स्मार्ट मीटर की लागत वसूली पर नजर रखें।
- अगर दाम अधिक लगे तो याचिका या शिकायत करें।
- किस्तों में भुगतान का विकल्प चुनें।
- जरूरत पड़ने पर उपभोक्ता परिषद से सहायता लें।
- यूपी पॉवर कार्पोरेशन के आधिकारिक पोर्टल पर जानकारी अपडेट करते रहें।
यूपी पॉवर कार्पोरेशन के स्मार्ट प्रीपेड मीटर के महंगे दामों ने उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ा दी है। हालांकि कंपनी ने किस्तों में भुगतान की सुविधा प्रदान कर राहत देने का प्रयास किया है, लेकिन नियामक आयोग और उपभोक्ता परिषद द्वारा इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। इस विवाद का सकारात्मक समाधान मिलने पर ही यूपी के लाखों उपभोक्ता राहत महसूस कर पाएंगे।







