TET अनिवार्यता विरोध शिक्षकों ने TET अनिवार्यता वापसी और पुरानी पेंशन योजना बहाली की मांग के लिए दिल्ली कूच की तैयारी शुरू कर दी है। 25 नवंबर को होने वाले इस प्रदर्शन में लाखों शिक्षक शामिल होंगे और केंद्र सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा का आग्रह करेंगे।
TET अनिवार्यता विरोध शिक्षक प्रदर्शन की मुख्य मांगें: TET अनिवार्यता और पेंशन योजना
#TET (Teacher Eligibility Test) अनिवार्यता को वापस लेना शिक्षक संघों का मानना है कि TET को अनिवार्य रूप से लागू करने से कई योग्य और अनुभवी शिक्षकों की भर्ती प्रभावित हो रही है। वे चाहते हैं कि यह अनिवार्यता हटा दी जाए ताकि भर्ती प्रक्रिया बिना बाधा के हो सके और शिक्षकों को न्याय मिले।
प्रस्तावना क्यों हो रहा है शिक्षक प्रदर्शन?

शिक्षक वर्ग की प्रमुख मांगें हैं TET अनिवार्यता को हटाना और पुरानी पेंशन योजना की बहाली। सरकार की नीतियों के विरोध में लाखों शिक्षक 25 नवंबर को दिल्ली कूच कर रहे हैं। यह आंदोलन मूड को बदलने का प्रयास है, ताकि शिक्षा क्षेत्र में स्थिरता और सम्मान बहाल हो सके।
TET अनिवार्यता के खिलाफ संघर्ष
TET परीक्षा को अनिवार्य बनाए जाने के निर्णय का शिक्षक वर्ग विरोध करता है, क्योंकि इससे नियुक्तियों में बाधा और घटती सुविधाएँ हो रही हैं। शिक्षक मानते हैं कि यह फैसला योग्य शिक्षकों की संख्या को प्रभावित करेगा। इसलिए, वे इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
पुरानी पेंशन योजना की बहाली क्यों आवश्यक है?
सभी शिक्षक समान रूप से पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे हैं, ताकि रिटायरमेंट के समय उन्हें सुरक्षित भविष्य मिल सके। नई पेंशन नीति में वांछित लाभ नहीं हैं। इसलिए, शिक्षक संगठन सरकार से पुरानी योजना की बहाली की मांग पर अड़े हुए हैं।
दिल्ली कूच की तैयारी
शिक्षक संघों ने इस आन्दोलन के लिए व्यापक तैयारी की है। शिक्षक
25 नवंबर को दिल्ली में मार्च करेंगे और जंतर-मंतर पर धरना देंगे।
इस प्रदर्शन में लाखों शिक्षक भाग लेंगे, जो सरकार को अपनी बात मनवाने का मजबूती से संकेत देंगे।
आंदोलन के सामाजिक और नैतिक पहलू
यह आंदोलन शिक्षा व्यवस्था की मजबूती के साथ ही कर्मचारियों के अधिकारों का सवाल है।
शिक्षक अपने कार्य, सम्मान और भविष्य की सुरक्षा के लिए लामबंद हैं।
यह प्रदर्शन शिक्षक समुदाय की एकजुटता का प्रतीक है।
आंदोलन का संभावित असर
यह प्रदर्शन नीति परिवर्तन और सरकार की धारणा को चुनौती दे सकता है।
इससे सरकार को अपनी नीतियों का पुनर्विचार करने का मौका मिलेगा।
साथ ही, यह शिक्षक समुदाय के संघर्ष को भी मजबूत करेगा। संभव है
कि सरकार पुरानी पेंशन योजना की बहाली पर विचार करे।
निष्कर्ष और आगे का रास्ता
शिक्षक वर्ग का यह आंदोलन शिक्षा क्षेत्र के सुधार और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।
सरकार को चाहिए कि वे शिक्षक की समस्याओं को समझें और समाधान के लिए
सक्रिय कदम उठाएं। यह संघर्ष शिक्षक-मंत्रालय के बीच संवाद का भी माध्यम बन सकता है।










