RBI मॉनेटरी पॉलिसी 2025 : कमिटी (MPC) की दिसंबर 2025 मीटिंग आज संपन्न हुई, और गवर्नर संजय मल्होत्रा ने नीति निर्णयों की घोषणा की। बाजारों में 25 बेसिस पॉइंट्स (bps) के रेपो रेट कट की सट्टेबाजी चल रही थी, लेकिन रुपये की गिरती कीमत और वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच RBI के पॉज (रुकावट) की संभावना भी मजबूत थी। 2025 में अब तक 100 bps के कट्स हो चुके हैं जो फरवरी से शुरू हुए थे। इस ब्लॉग पोस्ट में हम RBI मॉनेटरी पॉलिसी 2025 के लाइव अपडेट्स, रेपो रेट पर फैसले, इंटरेस्ट रेट्स, महंगाई प्रोजेक्शन, GDP ग्रोथ फोरकास्ट और गवर्नर की स्पीच हाइलाइट्स पर विस्तार से चर्चा करेंगे। अगर आप RBI MPC डिसीजन 2025 के बारे में जानना चाहते हैं, तो अंत तक पढ़ें।
RBI MPC मीटिंग 2025: एक संक्षिप्त अवलोकन
आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी कमिटी (MPC) में छह सदस्य होते हैं – तीन RBI प्रतिनिधि (इंद्रनील भट्टाचार्य, पूनम गुप्ता) और तीन सरकारी नियुक्त (सौगत भट्टाचार्य, राम सिंह, नागेश कुमार), चेयरमैन संजय मल्होत्रा। इसका मुख्य उद्देश्य 4% (±2%) की महंगाई लक्ष्य बनाए रखना और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करना है। दिसंबर 2025 की तीन दिवसीय मीटिंग में फोकस रहा कम होती महंगाई (दो महीने से नीचे 2%), मजबूत GDP ग्रोथ (Q2 में 8.2%) और रुपये की कमजोरी (90 प्रति USD से ऊपर) पर। विशेषज्ञों के अनुसार, RBI रेपो रेट को 5.5% पर स्थिर रख सकता है, लेकिन लिक्विडिटी इंजेक्शन के लिए ओपन मार्केट ऑपरेशंस (OMO) के संकेत दे सकता है। यह नीति 2026 की शुरुआत में और कट्स की राह प्रशस्त कर सकती है।

RBI मॉनेटरी पॉलिसी के मुख्य फैसले: रेपो रेट, CRR और SLR पर क्या हुआ?
मॉनेटरी पॉलिसी 2025 के लाइव अपडेट्स के अनुसार, RBI ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 5.5% पर बनाए रखा। रिवर्स रेपो रेट भी अपरिवर्तित रहा। कैश रिजर्व रेशियो (CRR) और स्टेट्यूटरी लिक्विडिटी रेशियो (SLR) में भी कोई एडजस्टमेंट नहीं हुआ। हालांकि, गवर्नर मल्होत्रा ने लिक्विडिटी सुधार के लिए OMO खरीदारी के संकेत दिए, जो बाजार में अतिरिक्त फंडिंग इंजेक्ट करेगा। यह फैसला रुपये की गिरावट और वैश्विक जियोपॉलिटिकल जोखिमों को ध्यान में रखते हुए लिया गया। पिछले पॉलिसी से तुलना करें तो, 2025 में फरवरी-अक्टूबर के बीच चार कट्स हुए, लेकिन अब पॉज से ग्रोथ को बैलेंस करने का प्रयास है।
ये फैसले होम लोन, कार लोन और FD रेट्स पर सीधा असर डालेंगे। रेपो रेट स्थिर रहने से इंटरेस्ट रेट्स में कमी की उम्मीद कम हुई, लेकिन OMO से बैंकिंग सेक्टर को राहत मिल सकती है।
आर्थिक प्रोजेक्शन: महंगाई दर, GDP ग्रोथ और चुनौतियां
RBI MPC 2025 में महंगाई को नियंत्रित रखने पर जोर दिया गया। खुदरा महंगाई दो महीनों से 2% से नीचे है, जो GST रेट कट्स, फूड प्राइस डिफ्लेशन और कोर इन्फ्लेशन गिरावट से संभव हुआ। RBI का अनुमान है कि FY26 में महंगाई 4% के लक्ष्य के आसपास रहेगी। GDP ग्रोथ के लिए Q2 के 8.2% के बाद H2 में 6% की उम्मीद है, जो पूरे साल 7% तक ले जाएगा। नॉमिनल GDP सरकारी 10.1% अनुमान से नीचे 9-9.5% रह सकता है।
चुनौतियां: रुपये की कमजोरी (90+ प्रति USD), वैश्विक मंदी और जियोपॉलिटिकल अनिश्चितताएं। भारत की 7% रियल GDP ग्रोथ को मजबूत बताया गया, लेकिन लिक्विडिटी मैनेजमेंट जरूरी। नीचे टेबल में प्रमुख प्रोजेक्शन:
| पैरामीटर | वर्तमान स्थिति (2025) | FY26 फोरकास्ट |
|---|---|---|
| रेपो रेट | 5.5% | स्थिर/कट संभावित |
| महंगाई दर (CPI) | <2% (दो महीने) | 4% लक्ष्य |
| GDP ग्रोथ | Q2: 8.2% | 7% |
| रुपये (प्रति USD) | 90+ | स्थिर करने का प्रयास |
गवर्नर संजय मल्होत्रा की स्पीच हाइलाइट्स: हॉकिश टोन से बचाव
गवर्नर मल्होत्रा की स्पीच में कम महंगाई और मजबूत ग्रोथ के बीच और रेट कट्स की गुंजाइश बताई गई। उन्होंने हॉकिश मैसेजिंग से बचने और फ्रंट-लोडेड ईजिंग पर जोर दिया। “लिक्विडिटी सुधार OMO के जरिए होगा, जो ग्रोथ को सपोर्ट करेगा” – यह मुख्य बयान था। 2026 में शुरुआती कट्स के संकेत दिए, लेकिन रुपये की स्थिरता प्राथमिकता। स्पीच में वैश्विक स्लोडाउन का जिक्र करते हुए भारत की रेजिलिएंस की तारीफ की। विशेषज्ञों का कहना है कि यह टोन बाजार को आश्वस्त करेगा।
बाजार रिएक्शन: क्या कह रहे निवेशक?
MPC डिसीजन के बाद बाजारों में हल्की गिरावट देखी गई, क्योंकि 25 bps कट न होने से निराशा हुई। बॉन्ड यील्ड्स में मामूली बढ़ोतरी, लेकिन FII इनफ्लो स्थिर। क्वांटम म्यूचुअल फंड की स्नेहा पांडे ने कहा, “हॉकिश टोन न होने से ईजिंग की राह बची।” स्टॉक मार्केट में बैंकिंग सेक्टर पर दबाव, लेकिन OMO संकेत से रिकवरी की उम्मीद। लोन रेट्स स्थिर रहेंगे, लेकिन FD रिटर्न्स पर असर पड़ेगा। कुल मिलाकर, पॉज को पॉजिटिव माना जा रहा है।
RBI मॉनेटरी पॉलिसी 2025 के बाद अगले चरण: क्या करें निवेशक?
- लोन लेने वाले: रेट्स स्थिर हैं, जल्दी निर्णय लें।
- निवेशक: बॉन्ड्स और इक्विटी में OMO से फायदा।
- तैयारी टिप्स: महंगाई ट्रैक करें और 2026 कट्स का इंतजार। यदि कट न हुआ तो निराश न हों; RBI ग्रोथ-फोकस्ड है।
सामान्य पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) – RBI MPC December 2025
Q1: RBI रेपो रेट दिसंबर 2025 में क्या हुआ? A: 5.5% पर स्थिर रखा गया।
Q2: महंगाई प्रोजेक्शन क्या है? A: FY26 में 4% लक्ष्य।
Q3: GDP ग्रोथ फोरकास्ट कितनी? A: 7%।
Q4: OMO क्या है? A: लिक्विडिटी इंजेक्ट करने का RBI टूल।
Q5: अगली MPC कब? A: फरवरी 2026।
स्थिरता की ओर मजबूत कदम!
RBI मॉनेटरी पॉलिसी 2025 का दिसंबर डिसीजन रुपये की रक्षा और ग्रोथ बैलेंस पर केंद्रित रहा। गवर्नर मल्होत्रा के संकेत 2026 के लिए उत्साहजनक हैं। लाइव अपडेट्स और इंटरेस्ट रेट्स चेंजेस के लिए हमारे ब्लॉग को सब्सक्राइब करें। कोई सवाल हो तो कमेंट करें। शुभकामनाएं!











