बिहार में सियासी समर : बिहार की राजनीति में सियासी गर्माहट अपने चरम पर है, जहां बीजेपी ने विधानसभा चुनाव 2025 में शानदार जीत दर्ज की है और अब पार्टी के विधायक दल नेता के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह चुनाव बिहार में सत्ता के समीकरण और नए नेतृत्व को लेकर बेहद अहम माना जा रहा है। साथ ही डिप्टी सीएम की कुर्सी पर कौन काबिज होगा, ये भी चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है।
बीजेपी विधायक दल नेता चुनाव की प्रक्रिया
बिहार भाजपा के नवनिर्वाचित 89 विधायकों की बैठक पटना में चल रही है, जिसमें विधायक दल नेता चुना जाएगा। इस प्रक्रिया में केंद्रीय पर्यवेक्षक केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं। पर्यवेक्षक दल के साथ विधायक दल के सदस्य चर्चा कर नेतृत्व का चुनाव करेंगे। इस चुनाव के परिणाम का सीधा असर बिहार की नई सरकार के गठन और कैबिनेट के संरचना पर पड़ेगा।

डिप्टी सीएम पद की दौड़
- डिप्टी मुख्यमंत्री के पद के लिए कई दिग्गजों के नाम सामने आ रहे हैं।
- सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, दिलीप जायसवाल, नितिन नवीन, नीतीश मिश्रा और मंगल पांडे
- जैसे नेताओं की चर्चा तेजी से हो रही है। जातीय संतुलन और राजनीतिक समीकरण के मद्देनजर इस
- पद के लिए OBC, EBC, दलित और सवर्ण वर्ग के नाम शामिल हैं।
- सरकार गठन के बाद जल्द ही यह पद तय किया जाएगा।
बिहार की राजनीतिक तस्वीर और भविष्य
नीतीश कुमार अभी भी जदयू विधायक दल के नेता हैं और मुख्यमंत्री पद पर बनी रहने की संभावना है। बीजेपी और जदयू के बीच गठबंधन मजबूत है और दोनों पार्टियां मिलकर नई सरकार बनाएंगी। बीजेपी में विधायक दल के नेता बनने वाला व्यक्ति बड़ी भूमिका निभाएगा, जिससे पार्टी के भीतर नेतृत्व स्टेबिलिटी बनेगी। आगामी दिनों में कैबिनेट विस्तार और अन्य महत्वपूर्ण पदों के निर्धारण से बिहार की राजनीति में नया मोड़ आएगा।
- डिप्टी मुख्यमंत्री पद के लिए भी कई नाम चर्चित हैं जिनमें सम्राट चौधरी, विजय कुमार सिन्हा, दिलीप जायसवाल
- नितिन नवीन, नीतीश मिश्रा और मंगल पांडे शामिल हैं। इन नेताओं में सामाजिक एवं जातीय
- समीकरण भी पार्टी के निर्णय को प्रभावित कर रहे हैं। नई सरकार 20 नवंबर को शपथ ग्रहण करेगी
- उससे पहले कांग्रेस और अन्य दलों से समर्थन पत्र लेकर कार्यवाहियां पूरी की जा रही हैं।
नीतीश कुमार जदयू के विधायक दल नेता चुने गए हैं और मुख्यमंत्री पद पर बने रहने की उम्मीद है, जबकि बीजेपी ने विधायक दल नेता के चुनाव के माध्यम से अपनी पार्टी की नेतृत्व शक्ति को मजबूत करने की रणनीति बनाई है। यह चुनाव बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जहां नए नेतृत्व की पहचान होगी और राजनीतिक भविष्य की दिशा तय होगी।










