Panchang 26 November 2025 : 26 नवंबर 2025 का पंचांग हिन्दू धर्म में शुभ और अशुभ समय की जानकारी प्रदान करता है, जो किसी भी कार्य की सफलता के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि और श्रवण नक्षत्र का संयोग बन रहा है। बुधवार का दिन होने के कारण बुधवार व्रत और गणेश पूजा भी आज शुभ मानी जाती है। पंचांग में तिथि, नक्षत्र, करण, योग, वार और राहुकाल जैसे महत्वपूर्ण अंग होते हैं, जिनकी जानकारी इस दिन के शुभ-अशुभ मुहूर्त को समझने में मदद करती है।
तिथि, नक्षत्र और करण
आज की तिथि षष्ठी है, जो शाम 12:01 बजे तक रहेगी और उसके बाद सप्तमी आरंभ होगी। नक्षत्र श्रवण है, जो अगले दिन तक व्याप्त रहेगा। करणों में कौवाला और तैतिल शामिल हैं। ये तत्व दिन के कई कार्यों की योग्यता को दर्शाते हैं। श्रवण नक्षत्र यात्रा और नए कार्यों के लिए अनुकूल नहीं माना जाता, इसलिए इस दिशा में सतर्कता आवश्यक है।

योग और वार
वृद्धि योग दिन के मध्य तक है, इसके बाद ध्रुव योग आरंभ होगा। बुधवार का दिन होने के कारण बुध देव की कृपा प्राप्त होगी, जो व्यापार, बुद्धिमत्ता और संचार के लिए लाभकारी है। यह दिन वाणी और विचार को प्रभावी बनाने के लिए उत्तम है।
सूर्योदय, सूर्यास्त और चंद्रमा की स्थिति
सूर्योदय 6:51 बजे होगा और सूर्यास्त 17:18 बजे तक रहेगा। चंद्रमा मकर राशि में स्थित रहेगा, जो जमीन से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने में मदद करता है। चंद्रोदय सुबह 11:39 बजे और चंद्रास्त 22:30 बजे होगा।
राहुकाल, गुलिक काल और यमगंड
आज राहुकाल दोपहर 12:08 से 13:27 तक रहेगा, जो कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है। गुलिक काल सुबह 10:49 से 12:08 बजे तक है। यमगंड सुबह 8:11 से 9:30 बजे तक रहेगा। इन कालों में कोई नयी शुरुआत या महत्वपूर्ण निर्णय टालना चाहिए।
शुभ मुहूर्त
- लाभ और उन्नति मुहूर्त: सुबह 6:53 से 8:11 तक
- अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त: सुबह 8:11 से 09:30 तक
- शुभ उत्तम मुहूर्त: 10:49 से 12:08 तक
- शाम के शुभ चौघड़िया मुहूर्त: शाम 7:05 से 8:46, और 8:46 से 10:28 तक
इन शुभ मुहूर्तों में कोई भी धार्मिक, सामाजिक, व्यक्तिगत कार्य सफल होता है।
व्रत और धार्मिक महत्व
26 नवंबर को स्कंद षष्ठी है, जो भगवान कार्तिकेय को समर्पित है। इस दिन की पूजा से रोग, दोष और सभी बाधाएं मिटती हैं। Wednesday व्रत और गणेश पूजा का भी विशेष महत्व है, जो कार्यों में सफलता और मानसिक शांति प्रदान करती है।
सुझाव और सावधानियां!
- घर और कार्यस्थल की साफ-सफाई पर ध्यान दें।
- राहुकाल, गुलिक काल और यमगंड के दौरान नए कार्य प्रारंभ न करें।
- श्रवण नक्षत्र के कारण उत्तर दिशा में यात्रा वर्जित है।
- बुध दोष से बचने के लिए हरे रंग के वस्त्र और फल दान करें।
- गणेश पूजा और स्कंद षष्ठी का व्रत करें।












