Murudeshwar: रब सागर के किनारे स्थित दुनिया की दूसरी सबसे ऊँची शिव मूर्ति, 20-मंज़िला गोपुरम की ऊँचाई से दिखता समुद्र का अद्भुत नज़ारा, रोमांचक वॉटर स्पोर्ट्स, और रहस्यमयी नेत्राणी द्वीप की डाइविंग—यहाँ हर क्षण है यादगार। जानें कौन-सा है मुरुदेश्वर मंदिर का रहस्य, कहाँ मिलेगा सबसे शानदार सूर्योदय और क्यों यह जगह भारत के टॉप ट्रैवल डेस्टिनेशन्स में शुमार है। अगर आप भारत की सबसे फोटोजेनिक और पवित्र जगहों में से एक घूमना चाहते हैं, तो इस गाइड को मिस न करें!
मुरुदेश्वर(Murudeshwar): जहां शिव शक्ति, समुंदर और यात्रा का संगम है

अगर आप ऐसी जगह की तलाश में हैं जहां आस्था, प्रकृति और एडवेंचर – तीनों का रोमांच एक साथ मिले, तो “मुरुदेश्वर” आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है। कर्नाटक के उत्तरी कोंकण तट पर स्थित मुरुदेश्वर अपने भव्य शिव मंदिर, विशाल शिव प्रतिमा और खूबसूरत समुद्र तटों के लिए भारत व विदेश में प्रसिद्ध है।
मुरुदेश्वर का पौराणिक इतिहास
Murudeshwar मंदिर का इतिहास त्रेता युग तक जाता है। कहा जाता है कि जब रावण भगवान शिव से अमरत्व के लिए आत्मलिंग (Atma Linga) लेकर लंका जा रहे थे, तो उन्होंने उसे यहां विराम के दौरान ज़मीन पर रख दिया। भगवान गणेश ने बाल ब्राह्मण के रूप में आकर लिंग को वही स्थापित कर दिया, और यही वह जगह बन गई “मुरुदेश्वर” – शिव-भक्ति का प्रतीक स्थल।
क्या है मुरुदेश्वर की खासियतें?
123 फीट ऊँची शिव प्रतिमा:
यह दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची शिव मूर्ति है। सूर्य की पहली किरणें जब इस मूर्ति पर पड़ती हैं, तो उसका दृश्य मन मोह लेता है।
अद्भुत गोपुरम (राजा गोपुर):
मुरुदेश्वर मंदिर का गेट 20 मंजिला (लगभग 249 फीट) ऊंचा है। यहां बनी लिफ्ट से ऊपर जाकर समुद्र, प्रतिमा और मंदिर का आलीशान नज़ारा देख सकते हैं।
तीन ओर से समुद्र:
मंदिर एक छोटी पहाड़ी (कंदुक पर्वत) पर है, और तीन तरफ से समुद्र इसे प्राकृतिक सुंदरता से लबालब बना देता है।
रोमांचक बीच:
मुरुदेश्वर समुद्र तट पर वॉटर स्पोर्ट्स, स्कूबा डाइविंग, बोटिंग और शांत सैर का मजा लें। बच्चों और परिवार के साथ पिकनिक के लिए आदर्श जगह है।
आस्था, आर्किटेक्चर और आधुनिकता का संगम

- मंदिर की वास्तुकला दक्षिण भारतीय और चालुक्य-शैली की है; इसके गोपुर, स्तंभों और नक्काशी में पौराणिक कथाएं जीवंत होती हैं।
- मंदिर या प्रतिमा के परिदृश्य में समुद्र और गगन, दोनों का दिव्य समावेश दिखता है। सेल्फी और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यहां हर कोण इंस्टाग्रामेबल है।
- विशेष मौकों जैसे महाशिवरात्रि पर लाखों श्रद्धालु यहां दर्शन और ध्यान के लिए आते हैं।
क्या करना न भूलें?
- राजा गोपुर की सबसे ऊँची मंजिल से दृश्य जरूर देखें।
- मंदिर और प्रतिमा के आसपास के “Statue Park” में चलें और हरियाली का लुत्फ उठाएं।
- समुद्र तट पर वाटर स्पोर्ट्स या शांति से सैर का आनंद लें।
- साथ लगे “मुरुदेश्वर किला” और “नित्रानी द्वीप” की छोटी ट्रिप भी संभव है।
यात्रा टिप्स

- मुरुदेश्वर रेल, सड़क और हवाई मार्ग से जुड़ा है। मंगलोर यहां का सबसे नज़दीकी बड़ा एयरपोर्ट है।
- समुद्र के किनारे सुंदर रिजॉर्ट्स व स्थानीय खाने की कई बढ़िया जगहें मिल जाएंगी।
- अक्टूबर से मार्च घूमने का बेस्ट टाइम माना जाता है, जब मौसम सुहावना रहता है।
मुरुदेश्वर केवल एक तीर्थ नहीं,
बल्कि हर उम्र व रुचि के लोगों के लिए यादगार अनुभव है—
यहां शिव की शक्ति, समुद्र की शांति और एडवेंचर की मौज,
तीनों बहुत ही खूबसूरती से गूंथे हुए हैं।
अगली बार जब छुट्टियों की प्लानिंग करें,
तो मुरुदेश्वर की आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता का आनंद जरूर लें,
आपकी यात्रा अविस्मरणीय बन जाएगी।