मोकामा चुनाव एग्जिट पोल : मोकामा एग्जिट पोल के ताजा नतीजों ने राजनीतिक बाजार में काफी हलचल मचा दी है। जेडीयू के बाहुबली नेता अनंत सिंह की इस विधानसभा सीट पर हार के संकेत मिल रहे हैं, जबकि उनके भाई और राजद के दबंग नेता वीरेंद्र सिंह की बढ़त देखी जा रही है। बिहार चुनाव 2025 के नतीजों से पहले यह खबर विभिन्न राजनीतिक समीकरणों को प्रभावित कर सकती है।
मोकामा की राजनीतिक पृष्ठभूमि
#मोकामा विधानसभा सीट बिहार की एक बेहद चर्चित और संवेदनशील सीट मानी जाती है। यह सीट पिछले कई दशकों से बाहुबलियों के प्रभाव में रही है। पिछली बार भी अनंत सिंह ने करूणा और दबंग छवि के बल पर यहां अपनी पकड़ बनाई थी, लेकिन इस बार उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। दुलारचंद यादव की हत्या से जुड़े प्रकरण ने इस सीट को और अधिक राजनीतिक उथल-पुथल में डाल दिया है। अनंत सिंह जेल में हैं, जबकि उनकी पत्नी नीलम देवी प्रचार की कमान संभाले हुए हैं।

एग्जिट पोल का विश्लेषण
- न्यूज पिंच और अन्य प्रमुख संसाधनों द्वारा किए गए एग्जिट पोल में ये अनुमान लगाया गया है
- कि मोकामा सीट पर अनंत सिंह को हार का सामना करना पड़ सकता है।
- उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी राजद उम्मीदवार वीणा देवी, जो कि बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी हैं
- की बढ़त बताई जा रही है। वहीं, मनेर से वीरेंद्र सिंह की भी मजबूत लीड बताई जा रही है
- जो लगातार इस सीट से विधायक रहे हैं।
- इस चुनाव को वर्तमान राजनीतिक हालात में अत्यंत रोमांचक माना जा रहा है
- खासकर तब जब अनंत सिंह जेल में होने के बावजूद अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं।
- यह चुनाव हारा-जीता नहीं बल्कि राजनीतिक प्रतिष्ठा का बड़ा युद्ध बन चुका है।
चुनावी समीकरण और संभावित परिणाम
मोकामा में जातिगत राजनीति का बड़ा असर देखा जा रहा है। सवर्ण और पिछड़ा वर्ग के बीच ध्रुवीकरण साफ नजर आ रहा है। राजद के उम्मीदवार को यादव, मुस्लिम और दलित समुदाय का समर्थन प्राप्त है, जबकि जेडीयू एनडीए के उम्मीदवार को सवर्ण, कुर्मी और वैश्य वर्ग का भारी समर्थन मिल रहा है।
- इस बार की स्थिति बताती है कि अनंत सिंह शायद अपनी मजबूत पैठ को भले ही बनाए रखें
- लेकिन स्थिति तनावपूर्ण है और हार की संभावना को नकारा नहीं जा सकता। वहीं, उनके भाई वीरेंद्र
- सिंह की जीत की संभावना बढ़ रही है, जो खुद अपने क्षेत्र में लोकप्रिय हैं।
मोकामा हॉट सीट पर ये चुनाव न सिर्फ बाहुबलियों की जंग है बल्कि बिहार की राजनीतिक मजबूती और परिवर्तन का भी सूचक है। एग्जिट पोल के संकेत बताते हैं कि अनंत सिंह को इस बार हार का सामना करना पड़ सकता है, जबकि उनके भाई वीरेंद्र की जीत की संभावना बनी हुई है।








