Kho Kho World Cup 2025 : कैसे खेला जाता है खो खो जानिए इस खेल के नियम!
January 16, 2025 2025-01-16 8:59Kho Kho World Cup 2025 : कैसे खेला जाता है खो खो जानिए इस खेल के नियम!
Kho Kho World Cup 2025 : कैसे खेला जाता है खो खो जानिए इस खेल के नियम!
Kho Kho World Cup 2025 : खो खो के खेल का लुत्फ आपने भी एक बार जरूर लिया होगा. इसे देखना
और खेलना वाकई एक अलग एक्सपीरियंस होता है!
लेकिन क्या आप इस खेल के नियमों से परिचित हैं. चलिए आपको भारत
में खेले जा रहे खो खो वर्ल्ड कप 2025 के बीच इसके नियमों की जानकारी देते हैं!

Kho Kho World Cup 2025 : कैसे खेला जाता है खो खो जानिए इस खेल के नियम!
भारत को त्यौहारों का ही नहीं बल्कि खेलों का देश भी कहा जाता है. भारत ने दुनिया को कई खेल दिए हैं
इन्हीं में शामिल है खो खो जिसका वर्ल्ड कप भारत की धरती पर ही खेला जा रहा है
13 जनवरी से खो खो वर्ल्ड कप की शुरुआत हो गई है. सदियों पुराने इस खेल का
अस्तित्व महाभारत काल से जुड़ा बताया जाता है!
इस खेल को खेलना और देखना दोनों ही अपने आप में एक अलग एक्सपीरियंस होता है
लेकिन क्या आप खो खो खेलने के नियमों के बारे में जानते हैं
यदि नहीं तो एक नजर डालिए खो खो के नियमों पर.
दो पारियों में खेला जाता है खो खो, दोनों टीमों में होते हैं 9-9 खिलाड़ी
खो खो व्यक्तिगत खेल ना होकर एक टीम गेम है. इसमें दो टीमें होती है
दोनों टीमों 12-12 खिलाड़ी होते हैं हालांकि खेलने के लिए सिर्फ 9-9 खिलाड़ी ही उतरते हैं
गौरतलब है कि क्रिकेट टीम में भी स्क्वाड में कई खिलाड़ी होते हैं!
हालांकि खेलने के लिए सिर्फ 11 खिलाड़ी मैदान में होते हैं. ऐसा ही नियम खो खो में भी है!
वहीं इस खेल को दो अलग-अलग पारियों में खेला जाता है. दोनों पारियां
नौ-नौ मिनट की होती है और इनके बीच में 5 मिनट का ब्रेक लिया जाता है!
खो खो के लिए फुटबॉल और क्रिकेट जैसे खेलों के मैदान की जरुरत नहीं होती है
खो खो 27mx16m की माप वाले आयताकार मैदान पर खेला जाता है!
इसमें दो छोर होते हैं और दोनों पर एक-एक खंभा लगा रहता है!
एक खंभे से दूसरे खंभे के इर्द गिर्द ही पूरा खेल खेला जाता है!
खो खो के नियम
एक टीम के खिलाड़ी दूसरी टीम के खिलाड़ियों का पीछा करते हैं या उन्हें छूने की कोशिश करते हैं
सबसे पहले टॉस होता है और टॉस जीतने वाली टीम चेज करना चाहती है
या डिफेंस में रहना चाहती है वो बताती है. मान लीजिए टॉस जीतने के बाद
कोई टीम चेज करना चाहती है
तो उसके सभी खिलाड़ी कोर्ट पर एक दूसरे से विपरीत दिशा में मुंह करके बैठ जाते हैं
बस एक खिलाड़ी चेज करने के लिए खड़ा रहता है. वहीं डिफेंस करने वाली टीम के तीन
खिलाड़ी मैदान पर होते हैं और वे विरोधी टीम के खिलाड़ियों के आस-पास दौड़ते हैं.
चेज करने वाली टीम का कोई एक खिलाड़ी उन्हें छूने की कोशिश करता है
समय समय पर आपस में ये खिलाड़ी (चेजर) एक दूसरे की मदद लेते हैं
और खो बोलकर उन्हें उठा देते हैं. दूसरे खिलाड़ी के उठने पर पहले भाग रहा
खिलाड़ी उसकी जगह पर बैठ जाता है
अब वो खिलाड़ी सामने वाली टीम के खिलाड़ियों को चेज करता है
चेज करने वाली टीम का कोई भी खिलाड़ी डिफेंस करने वाली टीम के खिलाड़ियों
को पकड़ सकता है लेकिन तब तक नहीं जब तक उसका साथी खिलाड़ी
उसे खो बोलकर उठा ना दे
चाहे चेजर हो या डिफेंस टीम का खिलाड़ी सबसे पहले दौड़ पूरी करने वाला खिलाड़ी विनर होता है
मैच का नतीजा इसी आधार पर निकलता है. हालांकि ये प्रक्रिया सिर्फ एक बार ही नहीं होती है
बल्कि दोनों पारियों में नौ-नौ मिनट तक ये प्रक्रिया जारी रहती है.