Kho Kho Game Rules :खो-खो भारत का एक पारंपरिक मैदानी खेल है.
यह एक टैग गेम है, जिसमें एक टीम दूसरे टीम के खिलाड़ी को टैग करके अंक हासिल करती है.
खो-खो में पीछा करने वाली टीम और बचाव करने वाली टीम होती है.
खो-खो खेल के नियम:
#खो-खो भारत का एक पारंपरिक खेल है, जो विशेष रूप से बच्चों में लोकप्रिय है। यह खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है,
जिसमें प्रत्येक टीम के पास 9 खिलाड़ी होते हैं।
खेल का उद्देश्य विरोधी टीम के खिलाड़ियों को छूकर उन्हें आउट करना और अपने सभी खिलाड़ियों को सुरक्षित रखना होता है।
यहाँ हम खो-खो खेल के मुख्य नियमों का उल्लेख करेंगे:

टीम की संरचना:
खो-खो खेल दो टीमों के बीच खेला जाता है। प्रत्येक टीम में 9 खिलाड़ी होते हैं।
एक टीम को बल्लेबाजी करनी होती है और दूसरी टीम को फील्डिंग।
खेल के दौरान एक टीम का कप्तान भी होता है, जो खेल की रणनीति निर्धारित करता है।
Kho Kho Game Rules खेल का मैदान
खो-खो खेल एक आयताकार मैदान पर खेला जाता है, जिसकी लंबाई 27 मीटर और चौड़ाई 16 मीटर होती है।
मैदान को दो समान भागों में बांटा जाता है,
जिसमें एक टीम बल्लेबाजी करती है और दूसरी टीम फील्डिंग।
खेल की शुरुआत:
खेल की शुरुआत में टॉस होता है,
जिसके बाद एक टीम को बल्लेबाजी करने का मौका मिलता है और दूसरी टीम को फील्डिंग का।
बल्लेबाजी करने वाली टीम का एक खिलाड़ी “खो” कहकर भागता है
और उसे छूने वाले फील्डर को उसे आउट करना होता है।
फील्डिंग और बल्लेबाजी:
फील्डिंग टीम के खिलाड़ी अपने खिलाड़ी को छूने के लिए दौड़ते हैं,
जबकि बल्लेबाजी टीम का खिलाड़ी एक निश्चित क्षेत्र में दौड़ता है।
खिलाड़ी को अपने निर्धारित समय सीमा में जितना संभव हो सके,
विपक्षी टीम के खिलाड़ियों को छूने की कोशिश करनी होती है।
आउट होने के तरीके:
अगर बल्लेबाजी टीम का कोई खिलाड़ी फील्डिंग टीम द्वारा छू लिया जाता है तो वह आउट हो जाता है।
एक और महत्वपूर्ण नियम है कि केवल उस खिलाड़ी को आउट किया जा सकता है,
जो “खो” कहकर मैदान में दौड़ रहा हो।
समय सीमा:
प्रत्येक टीम को खेलने के लिए 9 मिनट का समय दिया जाता है।
यह समय टीम के खिलाड़ियों की संख्या और उनकी गति के आधार पर निर्धारित होता है।
यदि किसी टीम के सभी खिलाड़ी आउट हो जाते हैं, तो दूसरी टीम को बल्लेबाजी का अवसर मिलता है।
खेल की समाप्ति:
जब दोनों टीमों के सभी खिलाड़ी आउट हो जाते हैं या निर्धारित समय सीमा समाप्त हो जाती है,
तो खेल समाप्त हो जाता है। जो टीम अधिक खिलाड़ियों को आउट करने में सफल होती है, वही जीतती है।
निष्कर्ष:
खो-खो केवल एक खेल नहीं, बल्कि एक टीमवर्क और रणनीति का मिश्रण है।
इसमें खिलाड़ियों की गति, सजगता और दिमागी खेल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
यह खेल न सिर्फ शारीरिक फिटनेस को बढ़ावा देता है,
बल्कि मानसिक सतर्कता और सहयोग की भावना को भी मजबूत करता है।