IPS Amitabh Thakur एक निडर IPS अधिकारी पर बलात्कार पीड़िता को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा, जेल गए, वर्दी छिनी, लेकिन हारे नहीं। अमिताभ ठाकुर की सच्ची और अनसुनी कहानी।
IPS Amitabh Thakur: जेल की सलाखों से सुप्रीम कोर्ट तक – एक योद्धा की वापसी
2021 में कानपुर की एक बलात्कार पीड़िता की आत्महत्या के बाद अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर पर आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज हुआ। दोनों को लखनऊ जेल भेजा गया और यूपी सरकार ने अमिताभ ठाकुर को जबरन रिटायर कर दिया।

वर्दी में बगावत
अमिताभ ठाकुर ने IPS बनते ही भ्रष्टाचार और राजनीतिक दखलंदाजी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।मुलायम सिंह से लेकर योगी आदित्यनाथ तक, हर सरकार के साथ उनका टकराव रहा।वे अकेले खड़े रहे जब पूरा सिस्टम उनके खिलाफ हो गया।निलंबन, ट्रांसफर और धमकियाँ – कुछ भी उन्हें चुप नहीं कर सका। आईना दिखाते नहीं थकते।
जबरन रिटायरमेंट की सजा
मार्च 2021 में योगी सरकार ने अमिताभ ठाकुर को जबरन रिटायर कर दिया।वजह बताई गई – “पब्लिक इमेज खराब करना”।असल में वे सरकार की कई फाइलें खोल चुके थे।सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी लेकिन वर्दी वापस नहीं लौटी।वर्दी गई, लेकिन हौसला नहीं गया।
जेल की सलाखें और क्लीन चिट
2021 में एक बलात्कार पीड़िता की आत्महत्या के बाद उन पर उकसाने का आरोप लगा।पत्नी नूतन ठाकुर समेत दोनों को जेल भेज दिया गया।40 दिन बाद जमानत मिली और फिर कोर्ट ने सभी आरोप खारिज कर दिए।पुलिस की चार्जशीट तक कोर्ट नेस्तनाबूद कर दिया गया।यह साबित हुआ कि मामला पूरी तरह राजनीतिक बदले की कार्रवाई था।
आजाद अधिकार सेना का जन्म
रिटायरमेंट के बाद अमिताभ-नूतन ने “आजाद अधिकार सेना” बनाई।यह संगठन आम आदमी के हक के लिए RTI से लेकर कोर्ट तक लड़ता है।हजारों केस फ्री में लड़ चुके हैं।भ्रष्टाचार, पुलिसिया जुल्म और सरकारी मनमानी के खिलाफ सबसे मुखर आवाज।अब वे सिविल सोसाइटी के सबसे बड़े योद्धा माने जाते हैं।
मायावती से सबसे लंबी लड़ाई
2006-2012 तक मायावती सरकार में सबसे ज्यादा ट्रांसफर अमिताभ के हुए।36 घंटे में 4 बार ट्रांसफर का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।फिर भी उन्होंने BSP नेताओं के खिलाफ कई केस दर्ज कराए।मायावती ने खुलेआम कहा था – “ये अधिकारी मुझे पसंद नहीं”।यह दुश्मनी आज भी खत्म नहीं हुई।
सुप्रीम कोर्ट की अंतिम लड़ाई
जबरन रिटायरमेंट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस अभी चल रहा है।साथ ही कई RTI और भ्रष्टाचार के मामलों में वे लगातार याचिकाएँ दाखिल करते हैं।कोर्ट ने कई बार सरकार को फटकार लगाई है।उनकी हर याचिका पर पूरे देश की नजर रहती है।
वे कहते हैं – “लड़ाई अंतिम साँस तक जारी रहेगी”।
पत्नी नूतन के साथ जंग
डॉ. नूतन ठाकुर खुद RTI एक्टिविस्ट हैं और अमिताभ की सबसे बड़ी ताकत।दोनों ने मिलकर
सैकड़ों बड़े खुलासे किए।जेल भी साथ गए, कोर्ट भी साथ लड़ रहे हैं।लोग कहते हैं – यह देश का
सबसे लड़ाका कपल है।एक-दूसरे के बिना शायद इतनी लंबी लड़ाई नहीं लड़ पाते।
आज भी नहीं रुके
2025 में भी अमिताभ रोज सोशल मीडिया और प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं।यूपी पुलिस और
सरकार की हर गलत नीतियों पर तीखा हमला बोलते हैं।नए-नए केस लेते हैं, नए लोगों को
न्याय दिलाते हैं।उम्र 57 पार कर चुकी लेकिन जोश 25 साल वाले से ज्यादा है।वे जीता-जागता
सबूत हैं कि एक व्यक्ति सिस्टम से लड़ सकता है।
निष्कर्ष
अमिताभ ठाकुर ने 1989 बैच के IPS बनते ही यूपी में भ्रष्टाचार और नेताओं के दखल
के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई।उन्होंने मुलायम सिंह यादव के समय से लेकर योगी
आदित्यनाथ तक हर मुख्यमंत्री की गलत नीतियों पर सवाल खड़े किए।बार-बार निलंबन,
अनगिनत ट्रांसफर और धमकियाँ मिलीं, फिर भी वे कभी पीछे नहीं हटे।लोग उन्हें “यूपी
पुलिस का सबसे बागी अधिकारी” कहने लगे।उनकी सोशल मीडिया और कोर्ट में जारी है।












