International Tiger Day: आइये जानें बाघ से जुड़ी वो अनसुनी और हैरान कर देने वाली बातें, जो आपको बाघों की दुनिया का दीवाना बना देंगी!
July 29, 2025 2025-07-29 8:08International Tiger Day: आइये जानें बाघ से जुड़ी वो अनसुनी और हैरान कर देने वाली बातें, जो आपको बाघों की दुनिया का दीवाना बना देंगी!
International Tiger Day: आइये जानें बाघ से जुड़ी वो अनसुनी और हैरान कर देने वाली बातें, जो आपको बाघों की दुनिया का दीवाना बना देंगी!
International Tiger Day: इंटरनेशनल टाइगर डे पर जानें बाघों के संरक्षण की सबसे बड़ी मुहिम, रोचक फैक्ट्स और दुर्लभ झलकियाँ! भारत में बाघों की बढ़ती संख्या, बाघ बचाओ मिशन और जंगल की अनसुनी कहानियाँ—सब कुछ सिर्फ यहीं। अभी क्लिक करें और इंटरनेशनल टाइगर डे के हर खास अपडेट सबसे पहले पाएं!”
अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस(International Tiger Day): बाघों के संरक्षण का संदेश

हर साल 29 जुलाई को ‘अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस’ (International Tiger Day) या ‘Global Tiger Day’ मनाया जाता है। इस खास दिन का मकसद है – बाघों की घटती संख्या और उनके प्राकृतिक आवास की रक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना। 2025 में भी यह दिन दुनियाभर में बड़े जोश और जिम्मेदारी के साथ मनाया जा रहा है।
बाघ दिवस की शुरुआत कैसे हुई?
- 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर समिट में बाघों की घटती संख्या पर चिंता जताई गई।
- सम्मेलन में दुनिया के 13 बाघ रहित या टाइगर-रेंज देशों (जैसे भारत, चीन, रूस) ने मिलकर 2022 तक बाघों की संख्या दोगुनी करने (Tx2) का ऐतिहासिक संकल्प लिया।
- इसी बैठक में हर साल 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने का फैसला हुआ।
बाघ दिवस मनाने का उद्देश्य
- बाघों की घटती जनसंख्या के मुद्दे को उजागर करना।
- वनों और बाघों के आवास की सुरक्षा पर ज़ोर देना।
- अवैध शिकार, जंगल की कटाई और मानव-बाघ टकराव जैसी समस्याओं से लड़ने के लिए जन-जागरूकता बढ़ाना।
- बाघों के संरक्षण के लिए सरकारों, संगठनों और आम लोगों को एकजुट करना।
भारत और बाघ संरक्षण
- भारत दुनिया के करीब 70% जंगली बाघों का घर है।
- 2022 तक भारत ने बाघों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य पहले ही हासिल कर लिया है।
- देशभर के 54 से ज़्यादा टाइगर रिज़र्व, प्रोजेक्ट टाइगर और कई अभियान इस दिशा में लगातार सफल हो रहे हैं।
क्यों महत्वपूर्ण हैं बाघ?
- पर्यावरण संतुलन: बाघ टॉप प्रिडेटर (शिकार करने वाला सबसे बड़ा जानवर) है। इससे जंगल में अन्य जानवरों की संख्या संतुलित रहती है, जिससे पूरी फूड चेन सुरक्षित रहती है।
- वनों की सुरक्षा: बाघों के संरक्षण से पूरे जंगल और उसमें मौजूद हज़ारों प्रजातियों की रक्षा होती है।
- पारिस्थितिक तंत्र: बाघों के बिना जंगलों का प्राकृतिक ध्वंस और जैव विविधता का संकट बढ़ सकता है।
2025 का खास संदेश
हर साल International Tiger Day की एक थीम होती है (2025 की अधिकारिक थीम सामने आते ही लोग इसी के अनुसार अभियान चलाते हैं)। आमतौर पर संदेश यही रहता है – “Save Tigers, Save Forests, Save Life” या “Their Survival is in our hands”।
रोचक तथ्य और प्रेरक बातें
तथ्य | जानकारी |
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बाघ दिवस की तारीख | 29 जुलाई |
शुरुआत | 2010, सेंट पीटर्सबर्ग टाइगर शिखर सम्मेलन |
भारत में बाघों की संख्या | करीब 3,000 (2022 की गणना के अनुसार) |
क्यों जरूरी? | पारिस्थितिकी, वन संपदा और जैव विविधता के लिए |
प्रमुख अभियान | प्रोजेक्ट टाइगर, टाइगर रिज़र्व नेटवर्क |
बाघ न केवल सुंदर और ताकतवर जीव हैं, बल्कि वे हमारे पारिस्थितिक तंत्र के रखवाले भी हैं। उनका संरक्षण सिर्फ वन्यजीव प्रेमियों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सबकी साझा ज़िम्मेदारी है।
तो आइए – इस International Tiger Day पर मिलकर संकल्प लें, “बाघ बचाओ, जंगल बचाओ, जीवन बचाओ!”