इंडिगो फ्लाइट डिले-कैंसिलेशन : 5 दिसंबर 2025 को भारत के प्रमुख हवाई अड्डों पर हाहाकार मच गया। इंडिगो एयरलाइंस की सैकड़ों उड़ानें डिले या कैंसल हो गईं जिससे लाखों यात्री परेशान हो गए। दिल्ली, बैंगलोर, रायपुर जैसे एयरपोर्ट्स पर पैसेंजर्स की भारी भीड़ लग गई। क्या है इस विमानन संकट की जड़? टेक्नोलॉजी ग्लिच, मौसम, क्रू रोटेशन की नई पॉलिसी या पायलटों का असंतोष? चलिए, द हिंदू की ताजा रिपोर्ट के आधार पर आज के इंडिगो फ्लाइट डिले कैंसिलेशन रीजन को विस्तार से समझते हैं।
5 दिसंबर 2025 को इंडिगो की उड़ानों पर कितना असर पड़ा?
पिछले चार दिनों से चली आ रही दिक्कतें आज चरम पर पहुंच गईं। इंडिगो ने आधिकारिक तौर पर 400 से ज्यादा उड़ानें कैंसल होने की पुष्टि की है। मेट्रो सिटी एयरपोर्ट्स पर ऑन-टाइम परफॉर्मेंस सिर्फ 8.5% रह गई। दिल्ली इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट, बैंगलोर का केम्पेगौड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट और छत्तीसगढ़ के रायपुर स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। सुबह से शाम तक सैकड़ों फ्लाइट्स में 2-3 घंटे की देरी दर्ज की गई, जबकि कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें पूरी तरह रद्द हो गईं।

- यात्रियों की हालत गंभीर थी। बैंगलोर एयरपोर्ट पर लोग सामान ढूंढते नजर आए, जबकि दिल्ली में लंबी-लंबी कतारें लग गईं।
- सोशल मीडिया पर #IndiGoDelay ट्रेंड कर रहा है, जहां पैसेंजर्स अपनी परेशानियां शेयर कर रहे हैं।
- एक यात्री ने ट्वीट किया, “4 घंटे इंतजार के बाद भी फ्लाइट कैंसल, अब क्या करें?”
इंडिगो फ्लाइट कैंसिलेशन रीजन: असली वजहें क्या हैं?
#इंडिगो ने कई बहाने दिए हैं, लेकिन जड़ में पायलट रोटेशन और प्लानिंग की गलतियां हैं। आइए, मुख्य कारणों को तोड़कर देखें:
- नई FDTL (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) पॉलिसी: 1 नवंबर 2025 से लागू सख्त नियमों के तहत पायलटों को ज्यादा रेस्ट मिलना जरूरी है। इससे पायलट शॉर्टेज हो गया। इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स ने कर्मचारियों को पत्र लिखा, “हमारे नेटवर्क की जटिलता के कारण ये डिसरप्शन तुरंत बड़े हो जाते हैं।”
- टेक्नोलॉजी ग्लिच और शेड्यूल चेंजेस: विंटर सीजन की वजह से शेड्यूल में बदलाव और छोटी-मोटी तकनीकी खराबियां ने बवाल मचा दिया। इंडिगो का स्टेटमेंट: “माइनर टेक्नोलॉजी ग्लिच, विंटर शेड्यूल चेंजेस, खराब मौसम, एविएशन सिस्टम में कंजेशन और FDTL नियमों ने नेगेटिव इंपैक्ट डाला।”
- पायलटों का असंतोष: कंपनी ने ₹7,000 करोड़ प्रॉफिट कमाया, लेकिन पायलटों को सैलरी हाइक नहीं मिला। उन्हें 13 घंटे की ड्यूटी लिमिट पर धकेला जा रहा है। DGCA चीफ फैज किदवाई के साथ मीटिंग में इंडिगो अधिकारियों ने “मिसजजमेंट और प्लानिंग गैप्स” माने।
- मौसम और कंजेशन: फॉग और हीवी ट्रैफिक ने समस्या बढ़ाई, खासकर नॉर्थ इंडिया में।
ये कारण मिलकर चेन रिएक्शन की तरह काम कर रहे हैं, जिससे ऑपरेशंस ठप हो गए।
यात्रियों पर क्या पड़ा असर? पैसेंजर्स क्या करें?
लाखों पैसेंजर्स स्ट्रैंडेड हो गए। कई को होटल में रखा गया, लेकिन रिफंड और अल्टरनेटिव फ्लाइट्स में देरी हो रही है। DGCA ने इंडिगो को सख्त निर्देश दिए हैं कि पैसेंजर्स को मुआवजा दें। अगर आपका फ्लाइट प्रभावित है, तो ये टिप्स फॉलो करें:
- इंडिगो ऐप चेक करें: रीयल-टाइम अपडेट्स के लिए।
- DGCA हेल्पलाइन: 1800-11-3353 पर कॉल करें।
- रिफंड क्लेम: कैंसिलेशन पर फुल रिफंड मिलेगा, डिले पर मील या वाउचर।
- अल्टरनेटिव बुकिंग: स्पाइसजेट या एयर इंडिया पर चेक करें, लेकिन जल्दी बुक करें।
इंडिगो का ऑफिशियल स्टेटमेंट और आगे की प्लानिंग
- इंडिगो ने माफी मांगी: “हम ग्राहकों और स्टेकहोल्डर्स से माफी मांगते हैं। हम ऑपरेशंस को जल्द सुधारने
- पर फोकस्ड हैं।” कंपनी ने 8 दिसंबर से फ्लाइट्स कर्टेल करने का ऐलान किया
- ताकि डिसरप्शन कम हो। साथ ही, फरवरी 2026 तक नाइट फ्लाइंग आवर्स कम करने से छूट मांगी है।
- सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने मीटिंग में कहा, “पैसेंजर्स की सुविधा पहले।”
भविष्य में क्या होगा? एविएशन इंडस्ट्री पर असर
- ये संकट अगले 2-3 दिनों तक जारी रह सकता है। DGCA इंडिगो की एक्जेम्प्शन रिक्वेस्ट रिव्यू करेगा।
- लॉन्ग टर्म में, एयरलाइंस को पायलट ट्रेनिंग और रोटेशन प्लानिंग सुधारनी होगी। भारत की एविएशन ग्रोथ
- (2025 में 15% बढ़ोतरी) के बीच ये घटना सबक है कि सेफ्टी और वर्कफोर्स बैलेंस जरूरी है।
- 5 दिसंबर 2025 का इंडिगो फ्लाइट क्राइसिस विमानन सेक्टर के लिए वेक-अप कॉल है।
- तकनीक, मौसम और पॉलिसी चेंजेस को बैलेंस न करने से पैसेंजर्स भुगतते हैं।
- उम्मीद है इंडिगो जल्द नॉर्मल हो जाएगा। अगर आपका ट्रैवल प्लान प्रभावित है!











