इंडिगो विवाद 2025 : इंडिगो के को-फाउंडर और चेयरमैन राहुल भाटिया ने पहली बार खुलकर बोला – “मैंने कभी सरकार को मैनिपुलेट करने की कोशिश नहीं की।” प्रतिष्ठा पर दाग लगने की बात मानी, लेकिन साजिश से इनकार। पूरी कहानी, कोर्ट केस, SEBI जांच और एविएशन सेक्टर पर असर – हिंदी में डिटेल रिपोर्ट।
भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो (InterGlobe Aviation) के को-फाउंडर और चेयरमैन राहुल भाटिया ने 10 दिसंबर 2025 को कोलकाता में एक प्राइवेट इवेंट में पहली बार खुलकर बोला। 2019 से चले आ रहे प्रमोटर विवाद पर उन्होंने कहा – “मैंने कभी भी सरकार को मैनिपुलेट करने की कोशिश नहीं की। हां, मेरी प्रतिष्ठा पर एक दाग जरूर लगा है, और यह मुझे दुख देता है।”
यह बयान 6 साल पुराने उस विवाद का सबसे साफ जवाब है जिसमें सह-संस्थापक राकेश गंगवाल ने राहुल भाटिया पर कॉर्पोरेट गवर्नेंस उल्लंघन, रिलेटेड-पार्टी ट्रांजेक्शंस और सरकारी अधिकारियों पर दबाव बनाने के आरोप लगाए थे।
क्या था पूरा विवाद? 2019 से 2025 तक की टाइमलाइन

- जुलाई 2019: राकेश गंगवाल ने SEBI को चिट्ठी लिखकर भाटिया पर गंभीर आरोप लगाए – → IGE ग्रुप (भाटिया की कंपनी) के साथ अनुचित RPT (रिलेटेड-पार्टी ट्रांजेक्शंस) → शेयरहोल्डर एग्रीमेंट में असमान अधिकार → सरकारी अधिकारियों से “अनुचित फायदा” लेने की कोशिश
- 2021: सेबी ने जांच पूरी की, कुछ छोटे उल्लंघन पाए, लेकिन बड़े आरोप साबित नहीं हुए।
- 2022: दोनों प्रमोटर्स ने सुलह कर ली, गंगवाल ने बोर्ड छोड़ा और अपनी हिस्सेदारी घटाकर 36.6% से 12% कर दी।
- 2025: अब राहुल भाटिया ने पहली बार पब्लिकली बोला – “मैंने गलत कुछ नहीं किया, पर जो लिखा गया, उससे मेरी इमेज को ठेस पहुंची।”
राहुल भाटिया ने क्या-क्या कहा?
कोलकाता के इवेंट में भाटिया ने भावुक अंदाज में कहा: “मैं एक बिजनेसमैन हूं, कोई पॉलिटिशियन नहीं। मैंने कभी किसी सरकारी अधिकारी को फायदा पहुंचाने या दबाव बनाने की कोशिश नहीं की। हां, कुछ लोग कहते हैं कि मैंने ऐसा किया – यह सच नहीं है। लेकिन जो छपा, उससे मेरी और मेरे परिवार की प्रतिष्ठा पर दाग लगा है। यह मुझे आज भी परेशान करता है।”
- उन्होंने आगे जोड़ा – “इंडिगो आज भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है, दुनिया की तीसरी
- सबसे वैल्यूएबल एयरलाइन कंपनी है। यह सब टीम वर्क से हुआ। मैंने कभी कंपनी को नुकसान नहीं पहुंचाया।”
SEBI और कोर्ट का फैसला क्या कहता है?
- SEBI ने 2021 में कहा था कि कुछ RPT में पारदर्शिता की कमी थी, लेकिन “फ्रॉड या मैनिपुलेशन” का कोई सबूत नहीं मिला।
- दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी दोनों पक्षों की सुलह को मंजूरी दे दी।
- गंगवाल ने 2024-25 में अपनी बची हुई हिस्सेदारी भी बेचकर पूरी तरह बाहर हो गए।
इंडिगो के स्टॉक और बिजनेस पर असर?
इस पूरे विवाद के बावजूद इंडिगो का परफॉर्मेंस शानदार रहा:
- मार्केट कैप: ₹1.65 लाख करोड़+ (दिसंबर 2025)
- घरेलू मार्केट शेयर: 62%+
- फ्लीट साइज: 390+ एयरक्राफ्ट, 500+ का ऑर्डर
- प्रॉफिट 2024-25: ₹9,000 करोड़+ (अनुमानित)
- स्टॉक ने पिछले 5 साल में 300%+ रिटर्न दिया है। भाटिया के ताजा बयान के बाद भी शेयर
- में कोई नेगेटिव मूवमेंट नहीं दिखा – निवेशक कॉर्पोरेट गवर्नेंस इश्यू को “पिछले पन्ने” मान चुके हैं।
इंडिगो का भविष्य: राहुल भाटिया का विजन
भाटिया ने कहा कि अब फोकस सिर्फ ग्रोथ पर है:
- 2030 तक 1,000 एयरक्राफ्ट फ्लीट
- इंडिगो इंटरनेशनल मार्केट में टॉप-5 में पहुंचेगा
- वाइड-बॉडी एयरक्राफ्ट लॉन्च (2027 से)
- कार्गो और लॉजिस्टिक्स में बड़ा निवेश
उन्होंने यह भी जोड़ा – “हमने साबित कर दिया कि लो-कॉस्ट मॉडल भारत में काम करता है। अब हम दुनिया को दिखाएंगे।”
दाग धुलेगा या रहेगा?
- राहुल भाटिया ने पहली बार अपनी बात खुलकर रखी। उन्होंने माना कि उनकी इमेज को नुकसान पहुंचा है
- लेकिन साजिश के आरोपों को सिरे से खारिज किया। ज्यादातर निवेशक और एनालिस्ट अब
- इसे “पुराना चैप्टर” मानते हैं। इंडिगो की सफलता ही भाटिया का सबसे बड़ा जवाब बन गई है।










