भारत सोना बाजार अपडेट : 2025 का त्योहारी सीजन भारत में सोने के बाजार के लिए बेहद उत्साहजनक साबित हो रहा है। पिछले कुछ महीनों में सोने की कीमतों में अभूतपूर्व तेजी देखी गई है, जिससे निवेशकों और उपभोक्ताओं दोनों का उत्साह बढ़ा है। यह बढ़ोतरी न केवल कीमतों में है, बल्कि सोने के निवेश के रूप में ईटीएफ (Exchange-Traded Funds) में अभूतपूर्व निवेश प्रवाह ने भी इस क्षेत्र में नई ऊर्जा का संचार किया है। इस ब्लॉग में उपलब्ध आंकड़ों और विश्लेषण के जरिए 2025 के भारत के सोने के बाजार की पूरी तस्वीर से परिचित होंगे।
2025 में सोने की रिकॉर्ड तेजी
इस वर्ष सोने की कीमतों ने 48 बार नए उच्च स्तर (all-time highs) को छुआ है। खासकर सितंबर में, सोने की कीमतों में 11.6% की वृद्धि हुई, और अक्टूबर के पहले दो हफ्तों में कीमतों में और 7.9% की बढ़ोतरी दर्ज हुई, जिससे सोना US$4,000 प्रति औंस के पार पहुंच गया।

सोने के इस अभूतपूर्व उछाल के कई कारण हैं:
- विश्वस्तर पर राजनीतिक तनाव और आर्थिक अनिश्चितताएं।
- निवेशकों की मजबूत खरीदारी।
- अमेरिकी डॉलर में कमजोरी।
- वित्तीय बाजार के जोखिम।
- फेडरल रिजर्व की क्रय नीति में संभावित नरमी।
घरेलू स्तर पर भी सोने की कीमतें तेज़
भारत में भी सोने की कीमतों ने अंतरराष्ट्रीय रुझानों का पालन किया है और साल-दर-साल लगभग 66% की वृद्धि दर्ज की है। घरेलू बाजार में जुलाई 2024 में कस्टम ड्यूटी में कटौती के बाद से कीमतों में घरेलू प्रीमियम भी बना हुआ है।
2025 की पहली छमाही में भारतीय सोने की कीमतों में 58% की वृद्धि हुई है जो पिछले 45 वर्षों में सबसे अधिक है। घरेलू प्रीमियम भी US$२५ प्रति औंस तक पहुंच गया है, जो पिछले साल जुलाई के बाद से सबसे ऊंचा है।
त्योहारी सीजन में सोने की मांग में वृद्धि
- सितंबर की शुरुआत के साथ, त्योहारी सीजन का आगाज होते ही सोने की मांग में एक नई ऊर्जा देखी गई है।
- निवेश उत्पादों और आभूषण की बिक्री दोनों में वृद्धि हुई है। उच्च सोने की कीमतों के बावजूद, निवेशक और
- उपभोक्ता सोने में निवेश कर रहे हैं, खासकर शादी के अवसरों के लिए।
- हालांकि कीमत अधिक होने की वजह से उपभोक्ता हल्के वजन और कम कैरेट के
- आभूषणों की ओर रुख कर रहे हैं। इस बदलती मांग पर रिटेलर ने बताया कि बड़े स्टोर में हल्के
- और कम कैरेट के गहनों की बिक्री बढ़ी है, जबकि छोटे दुकानों की फुटफॉल में कमी आई है।
सोने की ईटीएफ में अभूतपूर्व निवेश
- भारत में सोने के ईटीएफ में सितंबर 2025 में सबसे अधिक निवेश हुआ, जिसमें लगभग 83.6 बिलियन रुपये
- (लगभग 947 मिलियन डॉलर) की निवेश राशि आई। यह पिछली अवधि की तुलना में 282% की वृद्धि दर्शाता है।
यह प्रवाह सितम्बर 2025 को रिकॉर्ड निवेश महीने का दर्जा देता है। निवेशकों की संख्या में भारी इजाफा हुआ है, साथ ही नए फोलियो भी 6.29 लाख के करीब बढ़े हैं।
केंद्रीय बैंक और सोने के भंडार
- भारतीय रिजर्व बैंक ने सितंबर 2025 में 0.2 टन सोना खरीदा, जिससे देश के सोने के भंडार कुल 880.2 टन हो गए।
- भले ही केंद्रीय बैंक की खरीद अपेक्षाकृत कम रही, लेकिन सोने का विदेशी मुद्रा भंडार में
- हिस्सा 9% से बढ़कर 14% हो गया है। इस वृद्धि का मुख्य कारण सोने की कीमतों में आई तेजी है।
सोने के आयात में तेजी
- सितंबर 2025 में भारत ने सोने के आयात में 77% मासिक वृद्धि देखी। अगस्त में लगभग 65 टन सोने
- के आयात के विपरीत सितंबर में 100-104 टन की सीमा में आयात हुआ है। यह तेजी मुख्यत
त्योहारों के दौरान खरीदी और निवेश की बढ़ती मांग का परिणाम है।
भविष्य की संभावनाएं और बाजार की मजबूती
- 2025 के लिए सोने के बाजार में मजबूत मांग बनी रहने की संभावना है।
- त्योहारी सीजन में निवेश उत्पादों और शादी समारोहों के लिए गहनों की मांग लगातार बढ़ेगी।
- हालाँकि उच्च कीमतों के कारण कुछ उपभोक्ता कम कैरेट के हल्के गहनों की ओर आकर्षित हो गए हैं
- लेकिन कुल मिलाकर बिक्री में बढ़ोतरी हुई है।
- बाजार में ऑनलाइन और डिजिटल बिक्री क्रय के माध्यम से भी बड़ी वृद्धि देखी जा रही है।
- कई प्रमुख रिटेलर्स ने इस अवधि में नए स्टोर खोले हैं और डिजिटल विक्रय चैनल्स ने भी काफी सफलता पाई है।









