हाईवे सेफ्टी भारत : 12 दिसंबर 2025 को राज्यसभा की कार्यवाही में जीरो ऑवर के दौरान बीजेपी सांसदों ने देश के प्रमुख धार्मिक और परिवहन कॉरिडोर में बढ़ते प्रदूषण, ट्रैफिक कंजेशन और हाईवे सेफ्टी मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाया। उत्तर प्रदेश और गोवा से आने वाले सांसदों ने यमुना नदी के प्रदूषण और गोवा-बेलगाम नेशनल हाईवे की खराब स्थिति पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। ये मुद्दे न केवल पर्यावरण और स्वास्थ्य से जुड़े हैं बल्कि लाखों तीर्थयात्रियों, व्यापारियों और आम नागरिकों की दैनिक जिंदगी को प्रभावित कर रहे हैं।
यमुना प्रदूषण और मथुरा-वृंदावन में ट्रैफिक संकट
बीजेपी सांसद तेजवीर सिंह (उत्तर प्रदेश) ने मथुरा और वृंदावन में यमुना नदी के लगातार प्रदूषण पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण की लीला स्थली में नदी का पानी इतना दूषित हो चुका है कि तीर्थयात्री और स्थानीय निवासी दोनों प्रभावित हैं। त्योहारों के दौरान (जैसे होली, जन्माष्टमी) यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा होता है, जिससे वृंदावन, बरसाना और गोवर्धन क्षेत्र में भयंकर ट्रैफिक जाम हो जाता है।

सांसद ने सुझाव दिए:
- सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STP) की क्षमता बढ़ाना।
- प्रदूषण स्रोतों की सख्त मॉनिटरिंग।
- नदी किनारे बेहतर सेफ्टी व्यवस्था।
- मेट्रो रेल लिंक शुरू करना जो मथुरा, वृंदावन, बरसाना और गोवर्धन को जोड़े। इससे ट्रैफिक कम होगा
- पर्यावरण सुधरेगा और तीर्थ सर्किट मजबूत बनेगा।
- स्मार्ट ट्रैफिक सिस्टम, ई-शटल बसें, मल्टी-लेवल पार्किंग और स्थानीय युवाओं के लिए टूरिज्म पैकेज।
यह यमुना प्रदूषण 2025 मुद्दा लंबे समय से चला आ रहा है और पर्यावरण प्रेमियों की मांगों को बल देता है।
गोवा-बेलगाम हाईवे: लैंडस्लाइड और ब्लॉकेज की मार
गोवा से बीजेपी सांसद सदानंद शेट तनावड़े ने गोवा-बेलगाम नेशनल हाईवे के अनमोड और चोरला घाट सेक्शन की खराब स्थिति पर आवाज उठाई। मानसून में यहां बार-बार लैंडस्लाइड और रोड ब्लॉकेज होते हैं, जिससे घंटों से लेकर कई दिनों तक ट्रैफिक रुक जाता है। हाल ही में भारी बारिश से अनमोड घाट पर रोड धंस गया।
महत्वपूर्ण तथ्य:
- गोवा को सप्लाई होने वाले करीब 80% फल-सब्जियां इसी हाईवे से आती हैं।
- ब्लॉकेज से व्यापार ठप हो जाता है और हजारों परिवार प्रभावित होते हैं।
- संकरी सड़कें और कमजोर ढलान मानसून में खतरनाक बन जाती हैं।
सांसद की मांगें:
- रिपेयर वर्क तेज करना।
- कमजोर घाट सेक्शनों को मजबूत बनाना।
- मॉनिटरिंग, वॉर्निंग और रेस्क्यू सिस्टम स्थापित करना।
यह हाईवे सेफ्टी भारत 2025 का बड़ा उदाहरण है, जहां इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी से रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित हो रही है।
राज्यसभा चर्चा का महत्व
- ये मुद्दे राज्यसभा विंटर सेशन 2025 में उठाए गए, जो दिखाता है कि सांसद स्थानीय समस्याओं को राष्ट्रीय
- स्तर पर ले जा रहे हैं। हालांकि सरकार की ओर से तत्काल जवाब नहीं आया, लेकिन ये चर्चाएं
- नीतिगत बदलाव की दिशा में दबाव बनाएंगी। यमुना सफाई और हाईवे इंफ्रास्ट्रक्चर पर तेजी से
- काम करने की जरूरत है, ताकि तीर्थयात्रा सुरक्षित हो और व्यापार सुचारु चले।
प्रदूषण नियंत्रण, ट्रैफिक मैनेजमेंट और रोड सेफ्टी पर केंद्र और राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा। आने वाले दिनों में इन मुद्दों पर और चर्चा होने की उम्मीद है।












