सोने की कीमत 2025 : सोने की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल के बाद गोल्ड लोन एनबीएफसी मूथूट फाइनेंस और मनाप्पुरम फाइनेंस के शेयरों में भारी तेजी आई है। जानें कैसे बढ़ रहा है एएमयू, लोन-टू-वैल्यू अनुपात और बाजार का आकार।
सोने की कीमतों में लगातार तेजी ने 2025 में निवेशकों के लिए एक नया रुझान बनाया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना $4,000 प्रति ट्रॉय औंस के रिकॉर्ड स्तर को पार कर चुका है, जिसका सीधा असर भारतीय गोल्ड लोन एनबीएफसी पर पड़ा है। इस तेजी के बीच, मूथूट फाइनेंस और मनाप्पुरम फाइनेंस जैसी कंपनियों के शेयरों में भारी उछाल आया है। मनाप्पुरम के शेयर में 52% और मूथूट में 48% की वृद्धि हुई है।
#सोने की कीमतों में तेजी के कारण
सोने की कीमतों में यह ऐतिहासिक उछाल कई कारकों के कारण हुआ है:

- भू-राजनीतिक तनाव: मध्य पूर्व और यूक्रेन में जारी संघर्ष
- वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता: बढ़ती मुद्रास्फीति और बैंकिंग संकट
- अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद: जो डॉलर को कमजोर करती है और सोने को आकर्षक बनाती है
इन कारणों से सोने की कीमतें 2025 में 52% तक बढ़ चुकी हैं।
गोल्ड लोन एनबीएफसी को क्यों मिल रहा फायदा?
जब सोने की कीमतें बढ़ती हैं, तो लोग अपने सोने को गिरवी रखकर लोन लेने के लिए अधिक उत्सुक होते हैं। इससे गोल्ड लोन एनबीएफसी के लिए अवसर बढ़ते हैं।
मुख्य कारक:
- मजबूत मांग: असुरक्षित ऋणों की तुलना में गोल्ड लोन सस्ते और आसान हैं।
- आरबीआई के नए दिशानिर्देश: छोटे गोल्ड लोन पर लोन-टू-वैल्यू (LTV) अनुपात बढ़ाने की अनुमति।
- ब्रोकरेज की टारगेट प्राइस अपग्रेड: CLSA ने मूथूट के लिए टारगेट ₹3,600 और मनाप्पुरम के लिए ₹310 किया।
CLSA के अनुसार, मूथूट और मनाप्पुरम के LTV अनुपात क्रमशः 62% और 57% थे, जो ऐतिहासिक औसत से कम थे। इसलिए भविष्य में लोन बढ़ाने की गुंजाइश है।
भविष्य की उम्मीदें!
- CLSA ने मूथूट फाइनेंस के लिए FY2025-2027 के दौरान एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM)
- में 23% की CAGR और लाभ में 37% की CAGR का अनुमान लगाया है।
वहीं, मनाप्पुरम के लिए FY2026 और FY2027 के लिए लाभ अनुमान में 7% और 13% की कमी की गई है, लेकिन FY2028 के लिए अनुमान स्थिर रखा गया है।
ICRA के अनुसार, संगठित गोल्ड लोन (GL) बाजार वर्तमान वित्त वर्ष में ₹15 लाख करोड़ का हो सकता है, जो पहले के अनुमान से एक साल पहले है। FY2027 तक यह ₹18 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है।
ज्वैलरी स्टॉक्स का उल्टा असर
- सोने की कीमतों में तेजी ज्वैलरी कंपनियों के लिए नुकसानदायक साबित हुई है।
- उच्च कीमतों के कारण खुदरा मांग कम हुई है और उपभोक्ता कम कैरेट वाले ज्वैलरी की ओर रुख कर रहे हैं।
- इसलिए ज्वैलरी स्टॉक्स में भारी गिरावट आई है।
- सोने की कीमतों में तेजी ने गोल्ड लोन एनबीएफसी के लिए एक सुनहरा अवसर पैदा किया है।
- मूथूट और मनाप्पुरम जैसी कंपनियां न केवल बढ़ती मांग से लाभ उठा रही हैं
- बल्कि आरबीआई के नए नियमों और ब्रोकरेज के सकारात्मक दृष्टिकोण से भी फायदा पा रही हैं।