सोने की कीमत 2025 : सोने की कीमतों में जबरदस्त तेजी जारी है, जिसके पीछे डॉलर की कमजोरी और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता की चिंता है। निवेशक सुरक्षित निवेश के विकल्प की तलाश में सोने की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे इसकी कीमतों में लगातार उछाल आ रहा है।
डॉलर की कमजोरी ने बढ़ाई सोने की मांग
अमेरिकी डॉलर में आई नरमी ने सोने की वैश्विक कीमतों को और ऊपर धकेला है। डॉलर इंडेक्स में गिरावट आने से अन्य मुद्राओं के मुकाबले सोना सस्ता हो जाता है, जिससे खरीदारी बढ़ती है। इसके अलावा, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद भी निवेशकों को सोने की ओर आकर्षित कर रही है। ब्याज दरें कम होने से बॉन्ड जैसे निवेश विकल्प कम आकर्षक हो जाते हैं जबकि सोने की मांग बढ़ जाती है।

केंद्रीय बैंकों की बढ़ती खरीद!
दुनियाभर के केंद्रीय बैंक लगातार सोने की खरीद बढ़ा रहे हैं। चीन, भारत सहित कई देशों के बैंक अपने विदेशी मुद्रा भंडार में सोने का हिस्सा बढ़ा रहे हैं। यह खरीदारी डॉलर पर निर्भरता कम करने और आर्थिक अस्थिरता के दौर में सुरक्षा प्राप्त करने के उद्देश्य से की जा रही है। रिपोर्ट्स के अनुसार वैश्विक केंद्रीय बैंक भंडार में सोने का हिस्सा अब अमेरिकी ट्रेजरी से आगे निकल गया है, जो इसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है।
भारत में सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर
- भारत में भी सोने की कीमतें लगातार नए ऊंचाइयों को छू रही हैं। एमसीएक्स पर दिसंबर डिलीवरी वाले सोने के
- भविष्य के अनुबंध 1,24,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गए हैं। विशेषज्ञों का मानना है
- कि यह रुझान अगले कुछ महीनों तक जारी रह सकता है। आईसीआईसीआई बैंक के अनुसार, 2026 के मध्य
- तक सोने की कीमत 1,25,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।
गोल्डमैन सैक्स ने बढ़ाया लक्ष्य मूल्य
गोल्डमैन सैक्स ने भी सोने के लिए अपने लक्ष्य मूल्य को बढ़ाकर 2026 तक 4,900 डॉलर प्रति औंस कर दिया है। यह पहले के 4,300 डॉलर प्रति औंस के अनुमान से काफी अधिक है। बैंक ने इसके पीछे जीआईसी इनफ्लो और केंद्रीय बैंकों की खरीदारी को प्रमुख कारण बताया है। यह दर्शाता है कि वैश्विक स्तर पर सोने की मांग मजबूत बनी हुई है!
निवेशकों में बढ़ रही चिंता
- अमेरिकी सरकार के शटडाउन, फ्रांस की राजनीतिक अस्थिरता और अमेरिका-चीन व्यापार तनाव जैसे कारक
- निवेशकों में अनिश्चितता पैदा कर रहे हैं। इसके चलते वे सुरक्षित निवेश के विकल्प की तलाश में सोने की ओर भाग रहे हैं।
- इससे एक तरह की FOMO (फियर ऑफ मिसिंग आउट) स्थिति बन गई है, जहां निवेशक डर रहे हैं
- कि अगर अब नहीं खरीदा तो मौका हाथ से निकल जाएगा।
चांदी में गिरावट का रुख
वहीं, चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। स्पॉट सिल्वर 1.4% गिरकर 47.86 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गई है। यह इंडस्ट्रियल डिमांड में कमी और बढ़ती ब्याज दरों के कारण है। हालांकि, लंबे समय में चांदी की मांग भी बढ़ने की उम्मीद है।
- सोने की कीमतों में तेजी के पीछे कई कारक हैं, जिनमें डॉलर की कमजोरी, केंद्रीय बैंकों की खरीदारी और
- वैश्विक अनिश्चितता प्रमुख हैं। यह रुझान अगले कुछ महीनों तक जारी रह सकता है
- जिससे निवेशकों के लिए यह एक आकर्षक विकल्प बना हुआ है।
- हालांकि, अत्यधिक खरीदारी के बाद बाजार में थोड़ा सुधार भी आ सकता हैं।












