धनतेरस चांदी कीमत : चांदी के दामों ने 17 अक्टूबर 2025 को नए रिकॉर्ड स्तर छू लिए हैं। Multi Commodity Exchange (MCX) पर दिसंबर 2025 के फ्यूचर्स ₹1,70,415 प्रति किलोग्राम तक पहुंच गए हैं, जो पिछले दिन से ₹1,977 या 1.18% की बढ़ोतरी है। अक्टूबर के महीने में चांदी की कीमतों में करीब 20% की वृद्धि देखी गई है, जो इस महीने की शुरुआत में ₹1,42,145 प्रति किलोग्राम थी। यह तेजी का दौर चांदी के लिए लंबे समय से मजबूत मांग और औद्योगिक उपयोग को दर्शाता है। इस ब्लॉग में इस रिकॉर्ड बढ़ोतरी के पीछे के कारणों, चांदी के भविष्य के रुझान और त्योहारी सीजन में इसकी अहमियत पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
धनतेरस चांदी कीमत चांदी की कीमतों में उछाल क्या कारण हैं?

चांदी की इस तेजी को विशेषज्ञ केवल अस्थायी मज़बूती नहीं मान रहे, बल्कि इसे “संरचनात्मक मजबूती” का दौर बता रहे हैं। MP Financial Advisory Services LLP के फाउंडर महेंद्र पाटिल के अनुसार, चांदी में चल रही तेजी फिजूलखर्ची या सट्टेबाजी की वजह से नहीं बल्कि ठोस आर्थिक आधारों से प्रेरित है।
इसके कई प्रमुख कारण हैं:
- अमेरिकी मौद्रिक नीति में कटौतियों की संभावनाएं बढ़ी हैं जिससे ब्याज दरों में कमी आ सकती है।
- कई केंद्रीय बैंक ने चांदी की खरीदारी जारी रखी है जो बाजार में विश्वास जगाता है।
- औद्योगिक मांग में तेजी, विशेषकर सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में चांदी का व्यापक उपयोग।
- इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में भी चांदी की मांग बढ़ रही है।
चांदी का ड्यूल यूज
चांदी की सबसे बड़ी खासियत है इसका ड्यूल उपयोग। यह न केवल गहनों और सजावट में काम आती है, बल्कि वैश्विक औद्योगिक सेक्टर में भी इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है। खासतौर से:
- सौर पैनलों में चांदी का उपयोग
- इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों में चांदी की अहम भूमिका
- इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों और घटकों में चांदी
इन मांगों ने चांदी की कीमतों को स्थिरता और ऊंचाई दोनों दी है, जो सोने से चांदी को अलग बनाती है।
भारत में चांदी की बढ़ती मांग
- भारत में भी चांदी की मांग तेजी से बढ़ रही है। आयात में विस्तार यह दर्शाता है
- कि यह धातु केवल पारंपरिक रूप से आभूषणों में नहीं पर निवेश और औद्योगिक जरूरतों के लिए भी अधिक
- महत्वपूर्ण होती जा रही है। इस बढ़ती मांग का बड़ा कारण देश में नवीकरणीय ऊर्जा
- परियोजनाओं का विस्तार और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उत्पादन है।
चांदी की ऐतिहासिक प्रदर्शन और भविष्य की संभावना
2011 और 1980 जैसे वर्षों में चांदी के दामों ने $50 प्रति औंस के करीब पहुंचने का दौर देखा था। 2025 में भी चांदी ने $29 से बढ़कर $47 प्रति औंस से ऊपर दर्ज किया है, जो पिछले एक दशक में सबसे ऊंचा स्तर है।
- MP Financial Advisory Services के डेटा के अनुसार, 2023 से 2025 के कालखंड में चांदी ने सालाना
- 32.92% की रिटर्न दी है, जबकि इसकी वोलैटिलिटी 24.66% रही है। चांदी और सोने के मूल्य में 0.95 का
- उच्च सहसंबंध पाया गया, लेकिन चांदी के मूल्य के पीछे औद्योगिक कारण भी महत्वपूर्ण रहे हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि अक्टूबर के बाद भी चांदी $44 से $50 प्रति औंस की सीमा में स्थिर रह सकती है। इस दौरान इसका मूल्य वैश्विक औद्योगिक मांग और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र की वृद्धि पर निर्भर करेगा।
त्योहारों के दौरान चांदी की बढ़ती मांग
- भारत के त्योहारों, खासकर दिवाली और धनतेरस के जश्न के दौरान चांदी की मांग और भी अधिक बढ़ जाती है।
- चांदी से बने सिक्के, बर्तन और आभूषण खरीदने का परंपरागत चलन होता है। इस बात को ध्यान में
- रखते हुए ट्रेडर्स MCX पर तेजी के साथ-साथ भारी व्यापार देखते हैं।
चांदी के इस तेज रुख के चलते घरेलू खरीदारों और निवेशकों के लिए यह वक्त बेहद उपयुक्त माना जा रहा है, यदि वे इसका निवेश सोच-समझकर करें।
चांदी निवेश के लिए सुझाव
- चांदी की खरीदारी करते समय शुद्धता और प्रमाणिकता पर पूरी जांच करें।
- MCX जैसे मंचों पर उपयुक्त समय देखकर निवेश करें।
- छोटे-छोटे निवेश से शुरुआत करें ताकि बाजार की उतार-चढ़ाव का असर कम से कम हो।
- औद्योगिक मांग और विश्व आर्थिक स्थिति पर नजर रखें।
- त्योहारों के मौके पर निवेश को संतुलित करें, जिससे आपको लाभ की संभावना बेहतर हो।
#चांदी ने अक्टूबर 2025 में आश्चर्यजनक 20% की तेजी दिखाते हुए ₹1,70,415 प्रति किलोग्राम का रिकॉर्ड स्तर छू लिया है। इसकी सफलता के पीछे मजबूत औद्योगिक मांग, निवेशक रुझान और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों की वृद्धि है। त्योहारों के चलते भारत में चांदी की मांग और खरीदारी बढ़ेगी, जो इस रुझान को और मजबूती देगी।












