दिल्ली प्रदूषण AQI दिल्ली की हवा में जहरीला प्रदूषण, आज का AQI स्तर और प्रमुख इलाकों के प्रदूषण के आंकड़े। जानिए प्रदूषण के कारण, प्रभाव और GRAP-3 के तहत लागू प्रतिबंध।
दिल्ली प्रदूषण AQI प्रदूषण का जनजीवन और स्वास्थ्य पर प्रभाव
#दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने से जनजीवन और स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ रहा है। AQI (एयर क्वालिटी इंडेक्स) जो कि वायु की गुणवत्ता का मापक है, आज के दिन कई इलाकों में 400 से ऊपर पहुंच गया है, जिसे ‘गंभीर’ श्रेणी में रखा जाता है। इससे सांस लेने में परेशानी, आंखों में जलन, गर्दन में खराश और हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
दिल्ली में आज का AQI रिपोर्ट

दिल्ली में 13 नवंबर को भारी प्रदूषण का स्तर है, मुख्य इलाकों में AQI 450 से ऊपर है। हवा में PM2.5 और PM10 की मात्रा बढ़ने से सांस लेने में कठिनाई हो रही है और स्वास्थ्य जोखिम बढ़ा है।
प्रदूषण के कारण और आंकड़े
दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य स्रोत वाहनों का धुआं, पराली जलाना और औद्योगिक उत्सर्जन हैं। आज PM2.5 का स्तर 569 और PM10 का स्तर 383 तक पहुंचा है, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।
GRAP-3 लागू क्या प्रतिबंध हैं?
सड़कों पर BS-III पेट्रोल व BS-IV डीजल वाहनों के उपयोग पर रोक लगी है। निर्माण कार्यों पर पाबंदी है, साथ ही खुले स्थानों पर आग जलाने पर रोक है। ये कदम प्रदूषण नियंत्रण के लिए जरूरी हैं।
दिल्ली के प्रमुख इलाकों में AQI की स्थिति
दरियागंज: 455, बवाना: 460, चांदनी चौक: 455, अशोक विहार: 433,
आनंद विहार: 431। ये सभी स्तर ‘गंभीर’ श्रेणी में आते हैं।
प्रदूषण का जनजीवन पर असर
सांस लेने में दिक्कत, धुंध और स्मॉग के कारण विजिबिलिटी कम,
स्कूल और आमदनी प्रभावित। स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाई है।
मौसम का प्रभाव
सर्दियों में स्थिर मौसम और कम हवा के कारण प्रदूषण और बढ़ जाता है।
आज न्यूनतम तापमान करीब 10 डिग्री सेल्सियस है,
जिससे प्रदूषण कण लंबे समय तक हवा में बने रहते हैं।
प्रदूषण से बचाव
मास्क लगाएं, बाहर कम निकलें, निजी वाहनों का कम इस्तेमाल करें,
पराली जलाने से बचें, सार्वजनिक परिवहन बढ़ावा दें।
बच्चों और बुजुर्गों को विशेष सतर्कता की जरूरत है।







