दिल्ली प्रदूषण 2025 दिवाली के बाद दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हुआ। 28 मॉनिटरिंग स्टेशन बंद रहे, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगी विस्तृत रिपोर्ट।
दिल्ली प्रदूषण 2025 दिवाली पर 28 मॉनिटरिंग स्टेशन बंद, सुप्रीम कोर्ट ने मांगी रिपोर्ट, दिल्ली बनी गैस चेंबर
#दिल्ली प्रदूषण 2025 दिवाली पर 28 मॉनिटरिंग स्टेशन बंद रहने से राजधानी में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) बेहद खराब स्तर पर पहुँच गया, जिससे दिल्ली को ‘गैस चेंबर’ कहा गया। दिवाली की रात दिल्ली के 37 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से केवल 9 सक्रिय थे, जबकि 28 स्टेशन बंद थे। इस वजह से प्रदूषण का सही आंकड़ा सामने नहीं आ सका, जबकि हवा में ज़हरीली गैसों का स्तर खतरनाक हो गया था। चार प्रमुख मॉनिटरिंग केंद्रों—द्वारका, अशोक विहार, वजीरपुर और आनंद विहार—पर AQI 400 से ऊपर दर्ज हुआ, जो ‘गंभीर’ प्रदूषण स्थिति को दर्शाता है।
दिवाली के बाद दिल्ली बनी ‘गैस चेंबर’

दिवाली के बाद दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर बेहद बढ़ गया है। हवा में घनी धुंध और कोहरा छा गया है, जिससे एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 400 के पार पहुंच गया है। इसे लेकर राजधानी की हवा को ‘गैस चेंबर’ जैसा बताया जा रहा है।
AQI रिकॉर्ड और प्रभावित इलाके
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार एम्स, वजीरपुर, चांदनी चौक और आनंद विहार जैसे कई इलाकों में प्रदूषण ‘गंभीर’ श्रेणी में है। नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब है।
दिवाली पर बंद रहे 28 मॉनिटरिंग स्टेशन
दिवाली के दिन दिल्ली के 37 मॉनिटरिंग स्टैशनों में से 28 स्टेशन बंद रहे, जिससे प्रदूषण की सही स्थिति का आंकलन मुश्किल हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है और कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सुप्रीम कोर्ट का प्रदूषण नियंत्रण प्रबंधन पर सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण में लागू योजना ‘ग्रेडेड रिस्पांस
एक्शन प्लान (GRAP)’ के प्रभावशीलता पर सवाल उठाए हैं।
मॉनिटरिंग की कमी और डाटा की विश्वसनीयता को लेकर
कोर्ट ने अधिकारियों को जवाब देने के लिए कहा है।
प्रदूषण के स्वास्थ्य पर प्रभाव
बेहद खराब हवा में सांस लेने से खासकर बुजुर्ग, बच्चे और श्वसन
रोगी प्रभावित हो रहे हैं। दमा, अस्थमा, और अन्य श्वसन समस्याओं की संख्या बढ़ गई है,
अस्पतालों में मरीजों का दबाव भी बढ़ा है।
प्रशासन की ओर से उठाए गए कदम
सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए वाहनों की संख्या नियंत्रण,
पराली जलाने पर रोक, निर्माण कार्य सीमित करना और सार्वजनिक
जागरूकता बढ़ाने जैसे कदम उठाए हैं, लेकिन अभी स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
आने वाले दिनों में प्रदूषण की संभावनाएं और सावधानियां
मौसम विभाग के अनुसार अगले कुछ दिनों में हवा की गति
कम रहने से प्रदूषण और बढ़ सकता है। नागरिकों को मास्क पहनने और
बाहरी गतिविधियों में सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।









