Delhi Blast जांच दिल्ली ब्लास्ट जांच में अल-फलाह विश्वविद्यालय के डॉक्टरों की ATS की रडार पर पकड़, अमरोहा के दो चिकित्सकों से गहन पूछताछ जारी
Delhi Blast जांच दिल्ली ब्लास्ट जांच में अल-फलाह विश्वविद्यालय डॉक्टरों की ATS रडार, अमरोहा के दो चिकित्सकों से पूछताछ की नई जानकारी
दिल्ली ब्लास्ट जांच में अल-फलाह विश्वविद्यालय के डॉक्टरों की ATS रडार पर विशेष नजर बनी हुई है। आतंकवाद और विस्फोट मामले की जांच में यह सामने आया है कि विश्वविद्यालय के कई डॉक्टरों और स्टाफ सदस्यों पर संभावित संदिग्ध गतिविधियों की वजह से कड़ी जांच चल रही है। जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि क्या किसी आतंकवादी नेटवर्क ने चिकित्सा क्षेत्र के लोगों के माध्यम से अपनी गुप्त गतिविधियां छिपाई हैं।
जांच का परिचय

इसमें विस्तार से बताएं कि दिल्ली ब्लास्ट क्या था और क्यों अल-फलाह विश्वविद्यालय के 200 से अधिक डॉक्टर और कर्मचारी जांच के दायरे में आए हैं। जांच एजेंसियों का विश्वविद्यालय पर संदेह और यह जांच किस प्रकार आगे बढ़ी है।
अल-फलाह विश्वविद्यालय के डॉक्टरों की भूमिका
डॉक्टरों की संदिग्ध गतिविधि, सर्विस रिकॉर्ड की अनियमितताएं और उन पर गंभीरता से नजर रखने की वजह बताएं। कैसे कुछ डॉक्टर बिना NOC के नियुक्त हुए और जांच में उनका क्या योगदान है।
अमरोहा के दो चिकित्सकों से पूछताछ
इसमें बताया जाए कि अमरोहा के कुछ डॉक्टरों को क्यों ATS ने सवालों के लिए बुलाया, उनकी जांच की वजहें और उनकी जांच किस स्तर पर है।
चिकित्सा क्षेत्र में सुरक्षा खामियां
डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया में क्या खामियां पायी गईं, कैसे आतंकवादी
गतिविधियां छिपाने के लिए चिकित्सा क्षेत्र
का उपयोग किया जा रहा था और इसके दुष्परिणाम।
जांच में सामने आए आतंकवादी नेटवर्क के तथ्य
इसमें जांच के दौरान सामने आये आतंकवादी लिंक, जिससे पता चलता है
कि किस प्रकार डॉक्टरों ने आतंकवादियों के साथ जुड़ाव बनाया और सहायता प्रदान की।
अल-फलाह विश्वविद्यालय में मरीजों की संख्या में गिरावट
जांच के प्रभाव से अस्पताल और विश्वविद्यालय के मरीजों और
अस्पताल के संचालन पर क्या फर्क पड़ा,
विश्वविद्यालय की छवि पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में।
TS और NIA की संयुक्त कार्रवाई
जांच एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों, विभिन्न जिलों में चल रही पूछताछ,
और नयी सूचनाओं और कार्रवाईयों के बारे में जानकारी देगा।












