विस्फोटक साजिश खुलासा दो साल से विस्फोटक जमा करने की बड़ी साजिश का खुलासा, डॉ. शाहीन ने कई शहरों में बड़े आतंकी हमलों की तैयारी की थी। पढ़ें पूरी खबर और जांच से जुड़े ताजा अपडेट।
लाल किले के कार ब्लास्ट के पीछे दो साल की खतरनाक साजिश, डॉ. शाहीन ने बताया पूरा नेटवर्क

देश की राजधानी दिल्ली के लाल किले के पास हुए संदिग्ध कार ब्लास्ट मामले में जांच एजेंसियों ने आतंकियों की एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है। जांच के दौरान यह खुलासा हुआ है कि यह साजिश करीब दो साल से चली आ रही थी, जिसमें देश के कई बड़े शहरों को निशाना बनाकर विस्फोटक इकट्ठा किए जा रहे थे। इन हमलों की योजना पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के इशारे पर रची जा रही थी। इस साजिश से जुड़े कई गिरफ्तार संदिग्धों में डॉ. शाहीन शाहिद नाम की एक महिला डॉक्टर भी शामिल है, जिसने पूछताछ में बड़े खुलासे किए हैं।
दो साल से चल रही आतंकी साजिश
जांच एजेंसियों के अनुसार, डॉ. शाहीन शाहिद और उसके साथियों—डॉ. उमर, मुजम्मिल और अदील—लगभग दो साल से अमोनियम नाइट्रेट जैसे उर्वरक आधारित विस्फोटक जमा कर रहे थे। अमोनियम नाइट्रेट को उर्वरक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन आतंकवादी संगठन इसे विस्फोटक बनाने में उपयोग कर रहे थे। इनके उद्देश्य जैश-ए-मोहम्मद के आदेशों पर देश के विभिन्न हिस्सों में बड़े पैमाने पर आतंकवादी हमले करना था। जांच में यह पता चला है कि ये लोग फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में मिले थे और अक्सर आतंकवादी गतिविधियों की चर्चा करते थे।
डॉ. शाहीन का बड़ा खुलासा
डॉ. शाहीन शाहिद ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वे और उनके साथी देश भर में कई बड़े आतंकी हमले करने की साजिश रच रहे थे। शाहीन ने बताया कि डॉ. उमर सबसे कट्टरपंथी सदस्य था, जो अक्सर हमलों की योजनाओं की बात करता था। शाहीन ने यह भी माना कि दिल्ली के लाल किले के पास हुए संदिग्ध कार ब्लास्ट में वे लोग शामिल थे, जहां दस लोगों की मौत हुई थी और कई घायल हुए।
गिरफ्तारी और छापेमारी
जम्मू-कश्मीर पुलिस ने यूपी और हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर मुजम्मिल, अदील और शाहीन को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन डॉ. उमर फरार हो गया था। अब उस पर रेड फोर्ट ब्लास्ट का आरोप है। सुरक्षा एजेंसियां लगातार इनके नेटवर्क को तोड़ने की कोशिश कर रही हैं और कई जगहों पर छापेमारी कर फरार आतंकियों की खोज में लगी हैं। जांच में एक अमोनियम नाइट्रेट सप्लायर की भी पहचान हुई है, जिसके खिलाफ जल्द कार्रवाई होने की संभावना है।
जैश का महिला विंग और कनेक्शन
- जांच में यह भी सामने आया है कि डॉ. शाहीन जैश-ए-मोहम्मद की महिला कमांडर थी।
- उसने कई धमाकों के लिए फंड जुटाने और योजना बनाने का काम किया था।
- इसके अलावा, इस मॉड्यूल में उन मौलवियों और कट्टरपंथियों की भी छानबीन की जा रही है,
- जो शोपियां, मेवात जैसे इलाकों से जुड़े हुए थे और पाकिस्तान स्थित जैश के हैंडलर के संपर्क में थे।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा
मास्टरमाइंड डॉ. उमर उन नबी के नेतृत्व में चल रही यह साजिश देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती थी। दिल्ली, फरीदाबाद और लखनऊ जैसे बड़े शहर आतंकवादी हमलों की संभावना में थे। जांच एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क को उखाड़ फेंकने की हरसंभव कोशिश कर रही हैं, ताकि भविष्य में ऐसे हमलों को रोका जा सके।
निष्कर्ष
- डॉ. शाहीन सहित गिरफ्तार संदिग्धों के खुलासे से स्पष्ट हुआ कि
- आतंकवादी संगठनों द्वारा देश में बड़े पैमाने पर हमले करने की लगातार साजिश रची जा रही है।
- दो सालों से जमा की जा रही विस्फोटक सामग्री एवं उससे
- जुड़े छुपे नेटवर्क को उजागर कर सुरक्षा एजेंसियों ने एक बड़ा आतंकवादी खात्मा किया है।
- यह मामला देश की सुरक्षा एजेंसाओं की सतर्कता और समन्वित कार्रवाई की सफलता का उदाहरण है,
- जिसने बड़े नुकसान और जनहानि को टाल दिया।
- इस देश में सभी को सतर्क रहने और आतंकवाद के खिलाफ
- एकजुट होकर खड़े होने की आवश्यकता है।
- जांच अभी जारी है, और उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में
- इस साजिश के और भी राज सामने आएंगे जो हमारे देश की शांति और सुरक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं।












