मुख्यमंत्री धामी मदरसा बयान : उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मदरसों को लेकर हाल ही में एक विवादित लेकिन स्पष्ट बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें ‘मदरसा’ शब्द से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उन्हें आतंक फैलाने वाली फैक्ट्रियों से आपत्ति है। उनका यह बयान उत्तराखंड में मदरसों, खासकर अवैध मदरसों के संदर्भ में आया है, जिन पर सरकार ने कड़ी नजर रखी है और कार्रवाई की है।
उत्तराखंड में मदरसों को लेकर सरकार की कड़ी नीति
धामी सरकार ने प्रदेश में अवैध मदरसों के खिलाफ अभियान शुरू किया है। अब तक लगभग 160 मदरसों पर कार्रवाई की गई है, साथ ही कई अवैध अतिक्रमणों और मजारों को भी हटाया गया है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि देवभूमि की सांस्कृतिक और सामाजिक छवि को बिगाड़ने वाले किसी भी संस्थान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कड़ा संदेश दिया कि जो भी आतंक फैलाने या राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त होगा, उनको कोई संरक्षण नहीं मिलेगा।

मदरसा शब्द से नहीं बल्कि आतंक फैक्ट्री से आपत्ति
मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि उनका मकसद किसी धार्मिक या शैक्षणिक संस्थान के खिलाफ नहीं है। मदरसे शिक्षा के लिए हैं, लेकिन जिन मदरसों में आतंकवाद फैला रहा हो या जो राष्ट्र के खिलाफ काम कर रहे हों, उनसे वे पूरी तरह असहमत हैं। उनका कहना है कि भाजपा सरकार पारदर्शिता, कड़े कदम, और स्पष्ट नीतियों के साथ प्रदेश में शांति और विकास सुनिश्चित करना चाहती है।
कड़े कदम और विवादित फैसला
- उत्तराखंड में मदरसा बोर्ड को भंग कर दिया गया है। यह निर्णय राज्य सरकार की उस नीति के अनुरूप है
- जो अवैध मदरसों की पहचान और नियंत्रण को लेकर सख्ती दिखाती है।
- इस फैसले को लेकर विपक्षी दलों ने आलोचना भी की है,
- लेकिन सीएम धामी ने इसे राज्य के हित में लिया गया
- आवश्यक कदम बताया है। उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुए कहा
- कि विपक्ष केवल विरोध के लिए विरोध कर रहा है, जिसका उन्हें कोई महत्व नहीं।
विकास और सुरक्षा में संतुलन
- धामी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि प्रदेश कानून के साथ जीने को मजबूरी मानता है।
- वे न केवल अवैध संस्थानों पर नकेल कस रहे हैं, बल्कि राज्य के समग्र विकास, रोजगार सृजन,
- और शिक्षा सुधार पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उनका उद्देश्य देवभूमि के
- सांस्कृतिक मूल्यों को बचाना और लोगों को सुरक्षित माहौल प्रदान करना है।
सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव
- धामी का यह बयान और कार्रवाई प्रदेश में एक सशक्त शासन की छवि प्रस्तुत करती है
- जो कानून व्यवस्था को सर्वोपरि मानता है। साथ ही, यह मानवीय और धार्मिक भावनाओं का
- सम्मान करते हुए सुरक्षा और विकास का संतुलन बनाने की कोशिश है।
- इस मुद्दे पर बहस जारी रहेगी, लेकिन सरकार का रुख साफ और स्पष्ट है।












