कनाडा के नए वीजा : 2025 में कनाडा ने अपने वीजा नियमों में बड़े बदलाव किए हैं, जिससे लाखों भारतीयों में टेंशन बढ़ गई है। खासकर शिक्षा और अस्थायी वर्क वीजा के मामलों में सख्ती ने कई इंटरनेशनल स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल्स और आव्रजकों के लिए इनपुट-आउटपुट समस्या पैदा कर दी है। इस पूरे घटनाक्रम में अमेरिका ने कनाडा के नए वीजा और इमिग्रेशन प्लान का समर्थन करते हुए अपनी रणनीतिक साझेदारी को भी मजबूत किया है।
कनाडा के नए वीजा नियम: क्या बदला?
#कनाडा ने 2025 में वीजा प्रक्रिया में कई सख्त नियम लागू किए हैं, जिनका मकसद फ्रॉड कंट्रोल करना, अस्थायी निवासियों की संख्या को कम करना और गुणवत्ता आधारित आव्रजन को बढ़ावा देना है। प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:

- स्टूडेंट वीजा रद्दीकरण की बढ़ती शक्तियां: बिल C-12 के तहत कनाडा सरकार को अस्थायी वीजा कैंसलेशन की व्यापक शक्तियां मिल गई हैं, जिससे धोखाधड़ी के मामलों में त्वरित कार्रवाई संभव हो सकेगी।
 - 69% से अधिक रिफ्यूजल दर भारतीय स्टूडेंट्स की: अगस्त 2025 में भारतीय छात्र वीजा आवेदनों में 74% तक की अस्वीकृति दर पहुंच गई, जो पिछले वर्षों की तुलना में दुगनी से ज्यादा है। इसे कनाडाई एजेंसियों द्वारा धोखाधड़ी वाली कागजी कार्रवाई और फर्जी डॉक्युमेंट्स का हवाला देकर लागू किया गया।
 - फंड्स की कड़ी जांच: अब आवेदनकर्ता को वित्तीय संसाधनों के विशेष स्रोत और औचित्य दिखाना अनिवार्य है। केवल बैंक स्टेटमेंट पर्याप्त नहीं रहे।
 - प्रांतीय अटेस्टेशन लैटर (PAL) लागू: प्रांतीय स्तर पर कुल स्टूडेंट इंटेक की सीमा तय करनी पड़ रही है, जिससे कुछ हाई डिमांड प्रांतों में दाखिले कठिन हो गए।
 - वर्क परमिट में नए नियम: फिश प्रोसेसिंग और एग्रीकल्चर सेक्टर्स के लिए नए वीजा श्रेणी बनाए गए हैं, वहीं कुछ स्पousal open work permits के नियम भी बदले गए।
 
भारतीय युवा और प्रोफेशनल क्यों परेशान?
भारत से कनाडा जाने वाले छात्रों और युवाओं की संख्या सालों से बढ़ती आ रही थी। लेकिन अब:
- वीजा रिजेक्शन बढ़ने से कई युवा कनाडा की पढ़ाई और नौकरी के सपने अधूरे छोड़ रहे हैं।
 - एजेंट और एजेंसियां मुश्किल प्रोसेस से परेशान हैं और छात्रों को सही दस्तावेज इकट्ठा करना चुनौतीपूर्ण लग रहा है।
 - वीजा प्रोसेसिंग टाइम बढ़ा है, जिससे समय पर प्रवेश और दाखिला लेना कठिन हो गया है।
 - यह कदम भारत-कनाडा के रिश्तों पर तनाव पैदा कर रहा है क्योंकि कई छात्र-कैरियर विकल्प प्रभावित हुए हैं।
 
अमेरिका का समर्थन कैसे आया सामने?
- हालांकि कनाडा ने कड़ी नीतियां अपनाई हैं, पर अमेरिका ने इस नये वीजा प्लान का समर्थन किया है।
 - अमेरिका के अधिकारियों ने कहा है कि यह कदम दोनों देशों की सुरक्षा, आर्थिक स्थिरता
 - और गुणवत्ता वाले आव्रजन को प्राथमिकता देने के लिहाज से महत्वपूर्ण है।
 
- अमेरिका और कनाडा की साझेदारी ने वीजा धोखाधड़ी और अनैतिक प्रवास के विरुद्ध कड़ा रुख अपनाया है।
 - अमेरिका ने अपना H1B वीजा प्रोग्राम भी कनाडा के साथ तालमेल में अपडेट किया है ताकि दोनों देशों में कुशल श्रम प्रवाह सही दिशा में हो।
 - इसे सामान्य रूप से दोनों देशों के बीच रणनीतिक और आर्थिक सहयोग बढ़ाने का कदम माना जा रहा है।
 
कनाडा की इमिग्रेशन नीति में आने वाले बदलाव
कनाडा ने अपनी 2025-2027 इमिग्रेशन प्लान में इमिग्रेशन को स्थायी और संतुलित करने की बात कही है जिसमें:
- अस्थायी निवासियों की संख्या कम कर 5% तक लाने का लक्ष्य रखा गया है।
 - स्थायी आव्रजन को बढ़ावा देना है ताकि आने वाले प्रवासी बेहतर इकोनॉमिक मूवमेंट कर सकें।
 - ग्रामीण और नॉर्दर्न इलाकों में आव्रजन को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि समग्र अर्थव्यवस्था विकास को संतुलित किया जा सके।
 
भारतीय युवाओं के लिए सुझाव
- आवेदन की तैयारी में सटीक और विस्तृत वित्तीय और शैक्षिक डाक्यूमेंटेशन का ध्यान रखें।
 - इमिग्रेशन विशेषज्ञों से सलाह लेकर वीजा प्रक्रिया को बेहतर तरीके से समझें।
 - वैकल्पिक देशों और नए अवसरों के लिए खुद को अपडेट रखें जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, और यूरोप।
 - अमेरिका के साथ बढ़ती सहयोग के कारण वहां के अवसरों पर भी नजर रखें।
 
- कनाडा का नया वीजा प्लान जमीनी स्तर पर भारतीय आव्रजकों, छात्रों और कामगारों के
 - लिए चुनौती बना हुआ है। हालांकि यह कदम धोखाधड़ी रोकने और गुणवत्ता सुधारने के लिए जरूरी है
 - इसने लाखों युवाओं में असमंजस और तनाव भी बढ़ाया है।
 









