Bihar Politics 2025: बिहार राजनीति 2025 में जातीय समीकरण, बेरोजगारी और विकास को लेकर तेज़ प्रतिद्वंद्विता देखने को मिली है। चुनाव में महागठबंधन और एनडीए के बीच शक्ति संघर्ष मुख्य है, जिसका परिणाम राज्य की राजनीति को नया मोड़ देगा।
Bihar Politics 2025: एक समसामयिक विश्लेषण

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक परिदृश्य काफी उबल रहा है। आगामी नवंबर में 243 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होना है, जो बिहार की सरकार के भविष्य का निर्धारण करेगा। इस चुनाव में दो मुख्य विरोधी गठबंधन—राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) और INDIA ब्लॉक (महागठबंधन)—के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल रहा है। बिहार का राजनीतिक परिदृश्य जातीय राजनीति, विकास, और सामाजिक न्याय की मांगों का मिश्रण है जो इस चुनाव को बेहद प्रतिस्पर्धी बनाता है।
महत्वपूर्ण राजनीतिक गठबंधन और नेता
- NDA (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन):
- नेतृत्व: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (जदयू)
- सहयोगी: बीजेपी, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), हिंदुस्तानी आवामी मोर्चा
- नीतीश कुमार ने 2024 में महागठबंधन से NDA में लौट कर बीजेपी के साथ सरकार बनाई है।
- प्रमुख ताकत: विकास और प्रशासनिक अनुभव।
- INDIA ब्लॉक (महागठबंधन):
- नेतृत्व: तेजस्वी यादव (RJD)
- सहयोगी: कांग्रेस, वामपंथी दल, विकासशील इंसान पार्टी
- एजेंडा: सामाजिक न्याय, अल्पसंख्यक अधिकार, संविधान की रक्षा।
- जोर: वक्फ़ बिल (Waqf Bill) को रद्द करने का वादा।
- तीसरा मोर्चा:
- राजनीति में नया हस्ताक्षर प्रषांत किशोर की पार्टी ‘जन सुराज पार्टी’ है जो लगभग 116 सीटों पर उम्मीदवार उतार रही है और सत्ता के पुराने गठबंधनों को चुनौती दे रही है।
2025 चुनाव की प्रमुख विशेषताएँ
- चुनाव 6 और 11 नवंबर को दो चरणों में होंगे।
- कुल 7.42 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे।
- चुनावी मुद्दे: विकास, कानून-व्यवस्था, जातीय समीकरण, समाजिक न्याय।
- वक्फ़ बिल विवाद ने चुनाव अभियान में तीव्रता लाई है।
- चुनाव प्रचार में कांग्रेस, BJP, RJD समेत कई बड़े नेता सक्रिय हैं।
- युवा और महिला मतदाताओं को लेकर दोनों गठबंधन विशेष रणनीतियाँ बना रहे हैं।
बिहार राजनीति 2025 की प्रमुख चुनौतियाँ और संभावनाएं
- नीतीश कुमार की रणनीतिक गठबंधन बदलाव से राजनीतिक स्थिरता बनाना।
- तेजस्वी यादव की युवा ऊर्जा और सामाजिक न्याय की मांगों पर आधारित राजनीति।
- प्रषांत किशोर की नई पार्टी की राजनीतिक स्थिरता पर संभावित प्रभाव।
- जातीय समीकरण और कमजोर वोट बैंक को मद्देनजर रखते हुए चुनावी रणनीति।
- मतदान के बाद मतगणना 14 नवंबर को होगी जिससे नए सरकार का गठन होगा।
Bihar राजनीति 2025 के प्रमुख बिंदु
- बिहार में 243 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव 6 और 11 नवंबर 2025 को होंगे।
- मुख्य मुकाबला NDA (नीतीश कुमार नेतृत्व) और INDIA ब्लॉक (तेजस्वी यादव नेतृत्व) के बीच है।
- प्रषांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने 116 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर तीसरे मोर्चे की भूमिका निभाई है।
- वक्फ़ बिल को लेकर INDIA ब्लॉक ने सरकार बनने पर इसे निरस्त करने का वादा किया है।
- नीतीश कुमार ने 2024 में महागठबंधन छोड़ कर NDA में वापसी की, नौवीं बार मुख्यमंत्री पद संभाला।
- कांग्रेस, BJP, वामपंथी दल चुनाव प्रचार में जोर बढ़ा रहे हैं।
- चुनाव के दौरान जातीय समीकरण और विकास मुद्दे निर्णायक साबित होंगे।
- युवाओं और महिलाओं की भागीदारी चुनाव परिणाम को प्रभावित कर सकती है।
- बिहार की चुनावी तारीखों और संचालन की घोषणा अक्टूबर 2025 में हुई।
- चुनाव परिणाम 14 नवंबर 2025 को घोषित होंगे।
बिहार की राजनीति 2025 में बदलाव और स्थिरता दोनों की झलक मिलेगी। गठबंधनों की नई चालें, युवा नेताओं के उदय, और जनता की बढ़ती उम्मीदें इस चुनाव को खास बनाती हैं। आगामी चुनाव बिहार की जनता के लिए एक निर्णायक क्षण होगा जिसमें वे तय करेंगे कि राज्य का नेतृत्व किसके हाथ में जाना चाहिए।
यह राजनीतिक परिदृश्य न केवल बिहार की राजनीति को बल्कि देश की राजनीति को भी प्रभावित करेगा। अतः चुनावी खबरों, नेताओं के भाषणों और रणनीतियों पर नजर रखना जरूरी है।








