अमोल मजूमदार प्रेरक कहानी क्रिकेटर अमोल मजूमदार की कहानी बिल्कुल फिल्मी है। ‘चक दे इंडिया’ के कबीर खान की तरह उन्होंने संघर्ष से सफलता हासिल की।
अमोल मजूमदार प्रेरक कहानी रियल लाइफ हीरो ‘चक दे इंडिया’ के कबीर खान जैसे हैं अमोल मजूमदार
#अमोल मजूमदार की कहानी संघर्ष, समर्पण और नेतृत्व की मिसाल है, जो ‘चक दे इंडिया’ के कबीर खान जैसा प्रेरक उदाहरण है। 11 नवंबर 1974 को मुंबई में जन्मे अमोल ने बचपन से क्रिकेट से गहरा लगाव दिखाया। वे घरेलू क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज रहे, जिन्होंने मुंबई और असम की टीम के लिए खेलते हुए 11,000 से अधिक रन बनाए और रणजी ट्रॉफी में कप्तानी भी की। हालांकि, राष्ट्रीय टीम में खेलने का मौका न मिलने के बावजूद, उन्होंने हार मानने की बजाय अपनी ऊर्जा को कोचिंग में लगाकर एक नई पहचान बनाई।
अमोल मजूमदार का प्रारंभिक जीवन और क्रिकेट से जुड़ाव

अमोल का जन्म 11 नवंबर 1974 को मुंबई में हुआ। बचपन से ही उन्हें क्रिकेट में गहरी रुचि थी और उन्होंने BPM हाई स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ क्रिकेट की बारीकियां सीखीं। युवावस्था में वे अंडर-19 और इंडिया ए टीम के लिए खेले और घरेलू क्रिकेट में अपनी अलग पहचान बनाई। परिवार और गुरु रमाकांत आचरेकर के मार्गदर्शन में उन्होंने मेहनत से अपना करियर बनाया।
घरेलू क्रिकेट में रिकॉर्ड तोड़ खिलाड़ी
अमोल ने 171 प्रथम श्रेणी मैचों में 11,000 से अधिक रन बनाए और कई शतकों से टीम का नेतृत्व किया। मुंबई की कप्तानी में रणजी ट्रॉफी जिताई। वे घरेलू क्रिकेट के महान खिलाड़ियों में शुमार हैं, जिन्हें “अगला सचिन तेंदुलकर” कहा गया। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय टीम में जगह नहीं मिली, पर उनका खेल इतना प्रभावशाली था कि वह इतिहास में अमिट नाम बन गए।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम में न चुने जाने की चुनौती
सचिन, द्रविड़, और गांगुली जैसे दिग्गजों के दौर में अमोल को मौका नहीं मिला। कई बार नसीब से चूक गए, लेकिन हार नहीं मानी। अपने संघर्ष और धैर्य से प्रतिभाशाली खिलाड़ी बने। यह कहानी है उनके हारने के दर्द को सीख बनाकर आगे बढ़ने की।
कोचिंग में पदार्पण और अनुभव
- 2014 में संन्यास के बाद, अमोल ने कोचिंग का रास्ता चुना।
- अंडर-19, अंडर-23 टीमों के साथ कोच रहे, राजस्थान रॉयल्स और दक्षिण
- अफ्रीका की टीम के साथ भी जुड़े। नीदरलैंड्स की टीम को भी सलाह प्रदान की।
- उनकी कोचिंग शैली खिलाड़ियों में आत्मविश्वास और अनुशासन लाती थी।
भारतीय महिला क्रिकेट टीम के प्रमुख कोच के रूप में नियुक्ति
अक्टूबर 2023 में BCCI ने अमोल को भारतीय महिला टीम का
मुख्य कोच नियुक्त किया। तब तक यह पद करीब दस महीने से खाली था।
उनकी नियुक्ति से टीम में नई ऊर्जा और उम्मीद आई। शुरुआत में आलोचनाएँ भी हुईं,
लेकिन अमोल ने अपने अनुभव के बल पर टीम की रणनीतियों को मजबूती से आगे बढ़ाया।
महिला टीम को विश्व कप विजेता बनाने की कहानी
अमोल के नेतृत्व में महिला टीम ने सख्त फिटनेस रूटीन अपनाया,
मानसिक मजबूती हासिल की और आधुनिक क्रिकेट प्रविधियों को अपनाया।
2025 में भारतीय महिला टीम ने आईसीसी महिला वनडे विश्व कप
जीतकर एक ऐतिहासिक सफलता पाई, जिससे भारत गर्व महसूस कर रहा है।
इसमें अमोल की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण रही।
अमोल मजूमदार की प्रेरक जीवन यात्रा और सीख
अमोल की कहानी संघर्ष, समर्पण और नेतृत्व की मिसाल है।
बिना राष्ट्रीय टीम में खले भी, उन्होंने कोच के रूप में टीम को ऊंचाइयों पर पहुंचाया।
उनकी सीख है कि हार को सीखो और जीत को आदत बनाओ।
वे आज भी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं, जो उन्हें असली जीवन के कबीर खान की तरह देखती है।












