अमेरिका यूक्रेन मिसाइल समझौता राष्ट्रपति ट्रंप के ताजा बयान के बाद अमेरिका द्वारा यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइल देने की चर्चा तेज हो गई है। यह कदम रूस-अमेरिका तनाव को और बढ़ा सकता है।
अमेरिका यूक्रेन मिसाइल समझौता रूस की कड़ी चेतावनी युद्ध की स्थिति और बिगड़े संबंध
रूस के एक प्रवक्ता ने कहा है कि टॉमहॉक मिसाइलों की मारक क्षमता इतनी अधिक है कि वे मॉस्को समेत कई महत्वपूर्ण रूसी सैन्य और तेल-ऊर्जा ठिकानों को निशाना बना सकती हैं। इसके चलते रूस की प्रतिक्रिया में गंभीर सुरक्षा उपाय उठाने की संभावना है। यह तनाव अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है और युद्ध को बड़े स्तर पर फैलाने की आशंका बढ़ा सकता है।
अमेरिका और यूक्रेन का टॉमहॉक मिसाइल समझौता क्या है

अमेरिका ने यूक्रेन को लंबी दूरी की टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें देने पर विचार शुरू किया है, जो रूस के अंदर गहरे सैन्य ठिकानों पर हमला करने में सक्षम हैं। इस मिसाइल की रेंज 1300 से 2500 किलोमीटर तक है और यह कम ऊंचाई पर उड़कर दुश्मन के रडार से बचती है। अमेरिका के पेंटागन ने इस सप्लाई को हरी झंडी दे दी है, लेकिन अंतिम फैसला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हाथ में है। ट्रंप फिलहाल युद्ध को बढ़ावा देने से बचने की कोशिश कर रहे हैं और इस मुद्दे पर सावधानी बरत रहे हैं।
ट्रंप के बयान और टॉमहॉक मिसाइल देने में हिचकिचाहट
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइल देने से पहले कई बार अपने रुख में बदलाव किया है। शुरू में उन्होंने कहा था कि अमेरिका ये मिसाइलें यूक्रेन को दे सकता है, लेकिन रूस के राष्ट्रपति पुतिन के साथ फोन कॉल के बाद उनका रुख बदल गया। उन्होंने अब यह रुख अपनाया है कि युद्ध को और बढ़ावा नहीं देना चाहिए और अमेरिकी सुरक्षा के लिए मिसाइलों का इस्तेमाल जरूरी है।
यूक्रेन की टॉमहॉक मिसाइल की मांग और उसका महत्व
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने अक्टूबर 2025 में ट्रंप से टॉमहॉक मिसाइलों की मांग की थी, ताकि वे रूस के सैन्य और रसद केंद्रों को निशाना बना सकें। यह मिसाइलें यूक्रेन की युद्ध क्षमता को काफी बढ़ा देंगी और रूस की हवाई रक्षा प्रणाली पर दबाव डालेंगी। ट्रंप ने जेलेंस्की को मजबूत नेता बताया, लेकिन इस हथियार सप्लाई पर फैसले में असमंजस दिखाया।
रूस की प्रतिक्रिया और टॉमहॉक मिसाइल की रणनीतिक अहमियत
रूस ने अमेरिका द्वारा यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइल देने के कदम की कड़ी आलोचना की है
और कहा है कि ये मिसाइलें युद्ध को और बढ़ावा देंगी। मॉस्को ने चेतावनी दी है
कि इन मिसाइलों में परमाणु वारहेड के संस्करण भी शामिल हो सकते हैं,
जिससे वैश्विक सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। इसलिए रूस इस सप्लाई को युद्ध में सीधे हस्तक्षेप मानता है।
पेंटागन की मंजूरी और अंतिम फैसला ट्रंप के हाथ में
पेंटागन ने यूक्रेन को टॉमहॉक मिसाइलें देने को मंजूरी दे दी है और रिपोर्ट दी है
कि इससे अमेरिकी स्टॉक प्रभावित नहीं होगा। लेकिन इस फैसले की अंतिम मोहर राष्ट्रपति ट्रंप पर है,
जो फिलहाल इस मसले पर विचार कर रहे हैं और युद्ध को बढ़ाने से बचना चाहते हैं।
टॉमहॉक मिसाइल से युद्ध की संभावित दशा और वैश्विक प्रभाव
अगर टॉमहॉक मिसाइल यूक्रेन को मिलती हैं, तो वे रूस के
भीतर दूर-दराज के सैन्य ठिकानों पर आसानी से हमला कर सकेंगे,
जिससे युद्ध की स्थिति और जटिल हो जाएगी। यह अमेरिका और रूस के बीच
तनाव को नया रूप दे सकता है और यूरोप में सुरक्षा स्थिति को नाजुक बना सकता है।
ट्रंप की रणनीति और भविष्य की संभावनाएं
ट्रंप का जोर युद्ध को समाप्त करने पर है और वे टॉमहॉक मिसाइल
सप्लाई को एक रणनीतिक हथियार के रूप में देख रहे हैं। हालांकि उन्होंने कहा है
कि वे चाहते हैं कि यूक्रेन को ऐसी मिसाइलों की जरूरत ही न पड़े,
लेकिन अगर रूस ने हमला बंद नहीं किया तो अमेरिका इस कदम को उठा सकता है।
आगे की परिस्थिति राजनीतिक और सैन्य विकास पर निर्भर करेगी।









