जी-20 सम्मेलन अमेरिका बायकॉट ट्रंप : अंतरराष्ट्रीय मंच जी-20 सम्मेलन 2025 इस बार पहली बार अफ्रीकी महाद्वीप के दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हो रहा है। लेकिन इस महत्वपूर्ण वैश्विक समिट से अमेरिका ने ऐतिहासिक बायकॉट कर एक बड़ा राजनीतिक सन्देश दिया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने साफ कहा कि वे इस सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे और दक्षिण अफ्रीका को जी-20 की मजबूत आर्थिक समूह में शामिल रहना चाहिए या नहीं, इस पर गंभीर सवाल उठाए। इस ब्लॉग पोस्ट में ट्रंप के इस फैसले के कारणों, दक्षिण अफ्रीका पर उनके प्रहार और इसका वैश्विक प्रभाव विस्तार से समझाया गया है।
ट्रंप का जी-20 समिट से बहिष्कार
डोनाल्ड ट्रंप ने मियामी में आयोजित अमेरिका बिजनेस फोरम में घोषणा की कि वे नवंबर 2025 में जोंहान्सबर्ग, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित जी-20 समिट में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका को जी-20 समूह से बाहर कर देना चाहिए क्योंकि वहां की सरकार द्वारा श्वेत किसानों और अल्पसंख्यकों के खिलाफ कथित दमनकारी नीतियां अपनाई जा रही हैं। ट्रंप ने इस मुद्दे को “श्वेत किसानों के मानवाधिकारों का उल्लंघन” बताते हुए इसे एक गंभीर स्थिति बताया।

दक्षिण अफ्रीका में जी-20 की पहली मेजबानी और राजनीति
यह पहली बार है जब जी-20 का सम्मेलन अफ्रीका के महाद्वीप पर हो रहा है। दक्षिण अफ्रीका ने 1 दिसंबर 2024 को एक साल के लिए जी-20 की अध्यक्षता ग्रहण की थी। समिट में भारत, चीन, रूस समेत विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के नेता हिस्सा लेते हैं। भारत ने पिछली बार 2023 में इस सम्मेलन की मेजबानी की थी।
ट्रंप के इस बहिष्कार ने न केवल इस सम्मेलन की साख को प्रभावित किया है बल्कि वैश्विक एकजुटता पर भी प्रश्न चिन्ह लगाने का काम किया है। कई विशेषज्ञ मानते हैं कि अमेरिका के बिना जी-20 की बैठक वैश्विक आर्थिक सहयोग की दिशा में कठिनाई पेश कर सकती है।
दक्षिण अफ्रीका पर ट्रंप के आरोप
- ट्रंप ने दक्षिण अफ्रीका की भूमि सुधार नीति की कड़ी आलोचना की है।
- इस नीति में सरकार बिना मुआवजा के भूमि अधिग्रहण की अनुमति देती है
- जो श्वेत किसानों के लिए खतरनाक है। इसके साथ ही उन्होंने श्वेत नरसंहार की भी बात की
- जिसे दक्षिण अफ्रीकी सरकार ने पूरी तरह से खारिज किया है।
- इस आरोप ने अमेरिका और दक्षिण अफ्रीका के द्विपक्षीय संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है।
जेडी वेन्स होंगे अमेरिका प्रतिनिधि
ट्रंप के इस बहिष्कार के बाद आगामी जी-20 समिट में अमेरिका का प्रतिनिधित्व उपराष्ट्रपति जेडी वेन्स करेंगे। वे इस सम्मेलन की मैत्रीपूर्ण और सहयोगात्मक समझ को बनाए रखने की कोशिश करेंगे, हालांकि ट्रंप के बयान अंतरराष्ट्रीय राजनीति में ध्रुवीकरण की ओर संकेत करते हैं।
वैश्विक और क्षेत्रीय प्रभाव
- ट्रंप के जी-20 समिट बहिष्कार और दक्षिण अफ्रीका पर आरोपों के कारण वैश्विक दक्षिण
- देशों के बीच पश्चिमी शक्तियों के प्रति असंतोष बढ़ता दिख रहा है।
- इसके कारण BRICS देशों का संगठित दायरा मजबूत होता जा रहा है
- जो पश्चिमी प्रभुत्व को चुनौती दे रहा है।
- दक्षिण अफ्रीका ने रूस और चीन के साथ अपनी साझेदारी न केवल आर्थिक बल्कि राजनीतिक रूप
- से भी मजबूत कर ली है। इससे अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ उनकी टकराव की स्थिति और जटिल होती जा रही है।
भारत की भूमिका
- भारत ने पिछले वर्ष जी-20 की मेजबानी की थी और इस सम्मेलन को सफलतापूर्वक आयोजित कर
- वैश्विक नेतृत्व की अपनी छवि मजबूत की है। भारत इस बार गैरआधिकारिक रूप से समिट में सहयोगी
- के रूप में भाग ले रहा है। भारतीय विदेश नीति में क्षेत्रीय स्थिरता, वैश्विक सहयोग और दक्षिण-दक्षिण
- सहयोग को महत्व दिया जा रहा है, जो इस समिट के दौरान भी सामने आएगा।












