Aaj Ka Panchang : 1 दिसंबर 2025, दिन सोमवार, मार्गशीर्ष मास का शुक्ल पक्ष है और यह दिन मोक्षदा एकादशी व गीता जयंती जैसे महत्वपूर्ण धार्मिक पर्वों के कारण अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन का हिंदू पंचांग सभी शुभ-अशुभ योग, तिथि, नक्षत्र, और समय जैसे राहुकाल, अमृतकाल आदी की जानकारी देता है, जिससे धार्मिक कार्य और दैनिक निर्णय सही समय पर किए जा सकें।
आज की तिथि, वार और मास
1 दिसंबर को मार्गशीर्ष मास की शुक्ल एकादशी तिथि शाम 7:01 बजे तक रहेगी। इसके बाद द्वादशी तिथि प्रारंभ हो जाती है। यह दिन सोमवार है, जो भगवान शिव और विष्णु दोनों की पूजा के लिए शुभ माना जाता है। इस व्रत का विशेष महत्व मोक्ष की प्राप्ति से जुड़ा हुआ है, जिसे मोक्षदा एकादशी कहा जाता है। मोक्षदा एकादशी व्रत पितरों की मुक्ति तथा आत्मा की शुद्धि का माध्यम है।

नक्षत्र और चंद्र तथा सूर्य की स्थिति
- 1 दिसंबर को रेवती नक्षत्र रात 11:18 बजे तक रहेगा, बाद में अश्विनी नक्षत्र प्रारंभ होगा
- जो नयी ऊर्जा और उत्साह प्रदान करता है। चंद्रमा मीन राशि में दिनभर रहेगा और रात में मेष राशि में प्रवेश करेगा
- जो आध्यात्मिक विमर्श और सकारात्मक सोच को बढ़ावा देता है। सूर्य वृश्चिक राशि में रहने के
- कारण आज तप, एकाग्रता और आध्यात्मिक ज्ञान के लिए उपयुक्त समय है।
शुभ और अशुभ मुहूर्त
- अभिजीत मुहूर्त का समय प्रातः 11:49 बजे से दोपहर 12:31 बजे तक संतुलित और शुभ कार्यों के लिए उपयुक्त है।
- राहुकाल सुबह 8:15 बजे से 9:33 बजे तक रहेगा, इस दौरान नए काम की शुरुआत या महत्वपूर्ण निर्णय से बचना चाहिए।
- यमगण्ड लगभग 10:52 से 12:10 बजे तक है, यह भी कार्यों के लिए अशुभ माना जाता है।
- अमृतकाल सुबह 6:56 से 8:14 बजे तक है, जो अत्यंत शुभ व सफल कार्यों के लिए उत्तम समय है।
मोक्षदा एकादशी व्रत और पूजा
- मोक्षदा एकादशी का व्रत करना पापों के नाश और मोक्ष की प्राप्ति का महत्वपूर्ण उपाय माना जाता है।
- इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर शुद्ध जल से स्नान करें, पीले वस्त्र धारण करें और शाम को भगवान विष्णु की पूजा करें।
- ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप श्रद्धा से करें और गीता का पाठ अवश्य करें।
- तुलसी का पूजन और पीले फूल, केले तथा मधुर भोग अर्पित करें। दिनभर सात्त्विक भोजन करें
- और मन को शुद्ध रखें। द्वादशी तिथि में व्रत का पारण करें।
राहुकाल और दिशा शूल
- राहुकाल सुबह 8:15 से 9:33 बजे तक रहेगा, जिसके दौरान कोई महत्वपूर्ण काम या शुभारंभ टालें।
- दिशा शूल पूर्व और आग्नेय दिशाओं में रहेगा, अतः यदि कोई यात्रा
- या कार्य इन दिशाओं में करना हो तो उचित पूजा और उपाय करें।
धार्मिक महत्व और आध्यात्मिक लाभ
मोक्षदा एकादशी के दिन किए गए व्रतों और पूजा से जीवन में अनेक बाधाएं दूर होती हैं और आध्यात्मिक उन्नति होती है। गीता जयंती के दिन भगवद्गीता का पाठ अत्यंत शुभ माना जाता है जो मन को शांति और सही दिशा देता है। यह दिन न केवल धार्मिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक विकास के लिए भी एक उपहार समान है।









