कर्नाटक में बड़ा राजनीतिक कर्नाटक की राजनीति में उथल-पुथल तेज! कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संकेत दिए कि सीएम बदलने पर राहुल और सोनिया गांधी से चर्चा की जाएगी। जानिए आगे क्या बोले खरगे।
कर्नाटक में बड़ा राजनीतिक खरगे के बयान के बाद कर्नाटक की सियासत में हलचल, कांग्रेस हाईकमान ले सकता है बड़ा फैसला।
#कर्नाटक की सियासत में मल्लिकार्जुन खरगे के बयान के बाद काफी हलचल मची है। कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने साफ कहा है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर जो कुछ भी हो रहा है, उस पर पार्टी का आलाकमान ही अंतिम फैसला करेगा। उन्होंने किसी भी तरह का खुलासा करने से इनकार किया और बताया कि पूरी प्रक्रिया पार्टी नेतृत्व के अधीन है। कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच चल रही सत्ता की टकराहट के बीच यह बयान विशेष महत्व रखता है।
कर्नाटक में सीएम पद की अटकलें तेज, कांग्रेस हाईकमान का रोल

कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ कर दिया है कि सीएम बदलने या न बदले जाने का फैसला पार्टी का आलाकमान करेगा। फिलहाल उन्होंने किसी भी तरह का खुलासा नहीं किया है, लेकिन मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से उनकी हालिया बैठक ने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया है। कांग्रेस के अंदर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच गतिरोध जारी है, जिसे पार्टी हाईकमान सुलझाएगा।
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच सत्ता संघर्ष
कर्नाटक में कांग्रेस के अंदर मुख्यमंत्री पद को लेकर दो बड़े नेता, सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है। 2023 में दोनों के बीच सत्ता साझेदारी का दावा हुआ था, जिसमें कहा गया था कि शिवकुमार ढाई साल बाद मुख्यमंत्री बनेंगे। लेकिन सिद्धारमैया पूरी पांच साल की अवधि खुद मुख्यमंत्री बने रहने की स्थिति में हैं। इस संघर्ष के कारण पार्टी में खींचतान बढ़ती जा रही है और स्थिति अब तक अनसुलझी है।
मल्लिकार्जुन खरगे के बयान का अर्थ और राजनीतिक असर
खरगे ने कर्नाटक में राष्ट्रपति और उपमुख्यमंत्री के बीच विवाद पर कहा कि सभी फैसले कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व की जिम्मेदारी हैं। उन्होंने राहुल और सोनिया गांधी से बातचीत कर इस मुद्दे को जल्द हल करने का भरोसा दिया है। यह राजनीतिक janjhat जल्द हल हो सकता है जिससे कर्नाटक कांग्रेस को स्थिरता मिले। पार्टी के वरिष्ठ नेता इस मामले की गंभीरता से समीक्षा कर रहे हैं।
कांग्रेस आलाकमान का दबाव और मंत्रिमंडल फेरबदल की संभावनाएं
कर्नाटक में मंत्रिमंडल में फेरबदल को लेकर भी चर्चा तेज है।
सिद्धारमैया कैबिनेट फेरबदल के पक्ष में हैं, जबकि डिप्टी सीएम शिवकुमार चाहते हैं
कि पहले नेतृत्व परिवर्तन का फैसला हो। यदि आलाकमान मंत्रिमंडल में बदलाव को मंजूरी देता है
तो इसका मतलब होगा कि सिद्धारमैया पूरा कार्यकाल मुख्यमंत्री के रूप में पूरा करेंगे।
इससे शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं कमजोर हो जाएंगी।
राहुल-सोनिया गांधी की भूमिका और समाधान की उम्मीद
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने स्पष्ट किया है कि वे राहुल गांधी
और सोनिया गांधी से मिलकर इस विवाद को जल्द सुलझाएंगे। पार्टी सूत्रों के अनुसार,
1 दिसंबर तक इस मसले पर अंतिम निर्णय आ सकता है। इससे पहले, दोनों गुटों के
बीच लड़ाई से पार्टी की स्थिति कमजोर हो रही थी,
लेकिन अब राष्ट्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप से समाधान की उम्मीद है।
कर्नाटक की राजनीति में असर डालने वाले निरीक्षण और भविष्य की संभावनाएं
कांग्रेस के कर्नाटक संगठन में चल रहे जुझारू राजनीतिक संघर्ष से राज्य की
सरकार की स्थिरता पर सवाल उठे हैं। यदि नेतृत्व परिवर्तन होता है, तो किस
नेता को सीएम बनाया जाएगा, यह सवाल सभी के मन में है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं
कि यह फैसला पार्टी के चुनावी भविष्य के लिए निर्णायक होगा और यह देखना होगा
कि आलाकमान किस पक्ष को अधिक महत्व देता है।
जनता और विपक्ष की प्रतिक्रिया, भविष्य की रणनीति
कर्नाटक में कांग्रेस के अंदर चल रही खींचतान के बीच जनता और
विपक्ष की भी प्रतिक्रिया आई है। बीजेपी सहित अन्य पार्टियों ने कांग्रेस के
भीतर अस्थिरता का फायदा उठाने की कोशिश शुरू कर दी है। कांग्रेस के
वरिष्ठ नेताओं को अब इस स्थिति को सुधारना और जनता का भरोसा जीतना जरूरी है
ताकि 2028 के चुनावों में पार्टी मजबूत स्थिति में रह सके।












