नीतीश नई कैबिनेट मंत्री नीतीश कुमार की नई कैबिनेट लिस्ट सोशल मीडिया पर लीक हो गई है। BJP-JDU के किन नेताओं को मंत्री बनाया जा सकता है, इस पर सियासी हलचल तेज। पूरी जानकारी यहाँ पढ़ें।

नीतीश कुमार की नई कैबिनेट की घोषणा बिहार की राजनीति में खासा चर्चा का विषय बनी हुई है। 20 नवंबर, 2025 को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह से पहले बीजेपी (BJP) और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बीच मंत्रिमंडल के बंटवारे को लेकर कई महत्वपूर्ण चर्चाएं और कयास लगाए जा रहे हैं। इस बार भी नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और लगभग 20 मंत्रियों की नई कैबिनेट बनेगी जिसमें पुराने साथ-साथ नए चेहरे भी शामिल होंगे।
कैबिनेट गठन की पृष्ठभूमि
बिहार में नई सरकार गठन की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। इसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने इस्तीफे के बाद जल्द ही राज्यपाल को सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। इस बार भी एनडीए की सरकार बनेगी जिसमें भाजपा, जदयू और कुछ सहयोगी दल जैसे लोजपा, हम, और रालोमो शामिल हैं। मंत्रिमंडल का बंटवारा लगभग अंतिम चरण में है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष पद और गृह मंत्रालय के बंटवारे पर बीजेपी और जदयू के बीच मतभेद बने हुए हैं। भाजपा गृह मंत्रालय अपने पास रखना चाहती है, जबकि जदयू भी इसे छोड़ने को तैयार नहीं है।
कैबिनेट में नामों की चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, कैबिनेट में total लगभग 20 मंत्री होंगे, जिनमें से भाजपा से 16 और जदयू से 14 मंत्री बन सकते हैं, साथ ही छोटे सहयोगी दलों को भी मंत्री पद मिलेंगे।
भाजपा के संभावित मंत्री:
- सम्राट चौधरी (Deputy CM)
- नितिन नवीन
- मंगल पांडेय
- विजय कुमार सिन्हा
- नीतीश मिश्रा
- प्रेम कुमार
- राणा रणधीर
जदयू के संभावित मंत्री:
- बिजेंद्र प्रसाद यादव
- विजय कुमार चौधरी
- श्रवण कुमार
- सुनील कुमार
- लेसी सिंह
- शीला मंडल
- मदन सहनी
- रत्नेश सदा
- मोहम्मद जामा खान
- अजित कुमार
सहयोगी दलों के मंत्री:
- लोजपा (रामविलास पासवान) को तीन मंत्री पद मिलने की संभावना
- हम और रालोमो को एक-एक मंत्री पद
नए चेहरों में राहुल कुमार सिंह, सुधांशु शेखर और कलाधर प्रसाद मंडल को जगह मिल सकती है। इसके अलावा, जदयू के मुस्लिम विधायक जमा खान और अशोक चौधरी के मंत्री बनने की भी चर्चा है जो नीतीश कुमार के करीब माने जाते हैं।
मंत्रिमंडल के मुद्दे और विवाद
कैबिनेट गठन पर एनडीए के अंदर भी कई मसलों पर बहस हो रही है। खासतौर पर गृह मंत्रालय और विधानसभा अध्यक्ष पद को लेकर मतभेद हैं। भाजपा दो डिप्टी सीएम और विधानसभा अध्यक्ष पद अपने पास रखना चाहती है, जबकि जदयू भी इस पद पर अपना दावा ठोंक रही है। पिछले विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष भाजपा के नंद किशोर यादव थे और उपाध्यक्ष जदयू के नरेंद्र नारायण यादव थे।
इसके अलावा मंत्रीमंडल में नए चेहरों को शामिल करने और पुराने मंत्रियों को दोबारा मौका देने के बीच संतुलन बनाने की कोशिश हो रही है। जदयू ज्यादातर मौजूदा मंत्रियों को बनाए रखने की सोच रहा है, जबकि भाजपा कुछ नए चेहरों को मौका देने पर विचार कर रहा है।
शपथ ग्रहण समारोह
शपथ ग्रहण समारोह 20 नवंबर, 2025 को पटना के गांधी मैदान में होगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल होंगे। इससे पहले जदयू और भाजपा के विधायकों की अलग-अलग बैठकें होंगी, जिनमें नीतीश कुमार को विधायी दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद एनडीए की संयुक्त बैठक में मंत्रिमंडल की अंतिम रूपरेखा पर सहमति बनेगी।
इस प्रकार, नीतीश कुमार की नई कैबिनेट में बीजेपी और जदयू के प्रभावशाली नेता होंगे, वहीं छोटे गठबंधन दलों की भी हिस्सेदारी रहेगी। यह कैबिनेट बिहार सरकार के लिए नई दिशा और राजनीतिक स्थिरता का सूत्रधार बनने वाली है। मंत्रिमंडल में आने वाले नेताओं के नाम और मंत्रालय बंटवारा आगामी दिनों में और स्पष्ट होगा, जब शपथ ग्रहण समारोह के करीब मंत्री पदों का आधिकारिक ऐलान होगा।
- यह नई कैबिनेट बिहार की सामाजिक और जातीय विविधता को
- भी ध्यान में रखते हुए बनाई जा रही है,
- जिससे राज्य की राजनीति और प्रशासनिक कार्यसाधना में नई ऊर्जा आएगी।












